रोड ब्लॉक --------- क्या आप विश्वास करेंगे कि मेरे घर से रेलवे स्टेशन तक की कुल 2.5 कि. मी. सड़क में 12 स्पीड ब्रेकर्स बने हुए हैं, और इसस...
रोड ब्लॉक
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क्या आप विश्वास करेंगे कि मेरे घर से रेलवे स्टेशन तक की कुल 2.5 कि. मी. सड़क में 12 स्पीड ब्रेकर्स बने हुए हैं, और इससे तीन गुना अधिक छोटे बड़े गड्ढे हैं. आवारा पशुओं (माफ़ कीजिएगा, इनमें हमारी गाय माता प्रमुख है), स्ट्रीट वेंडर्स और असभ्य वाहन चालकों (मैं भी शामिल हूँ) की वजह से रास्ता नरक की ओर सैर का वास्तविक अहसास कराता है.
और, यह स्थिति कमोवेश भारत के सभी सड़कों में है, चाहे वह मेरे यार के घर की गली हो या कोई नेशनल हाइवे हो.
प्लानिंग कमीशन की तथा कुछ अन्य रपट के अनुसार, भारत की खराब, खस्ता हाल, अपर्याप्त सड़कों के कारण प्रतिवर्ष 10,000 करोड़ रुपयों का नुकसान भारत को होता है. इसके अलावा प्रतिवर्ष 75000 से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं. जहाँ ट्रकों का वैश्विक औसत 600 से 800 कि.मी. प्रतिदिन चलने का है, भारत में यह औसत मात्र 250 से 300 कि.मी. प्रतिदिन है. सड़कों के स्पीड ब्रेकर और गड्ढों के अलावा साथ में जगह-जगह अवैध वसूली के बैरियर और भी बाधा डालते हैं.
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ग़ज़ल
***
जन्नत को समझे थे यार की गली
उम्र गुज़ारी ढूंढने में बहार की गली
इंकलाब इतिहास की बात है शायद
बन्द किए हैं सबने सुविचार की गली
दर्द की तफ़सील तो वो ही बताएगा
जो चला है किसी प्यार की गली
याद दिलाने का शुक्रिया दोस्त पर
आज कौन चलता है करार की गली
रवि बताने चला है रंगीनियाँ पर वो
चला ही नहीं किसी त्यौहार की गली
*-*-*
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क्या आप विश्वास करेंगे कि मेरे घर से रेलवे स्टेशन तक की कुल 2.5 कि. मी. सड़क में 12 स्पीड ब्रेकर्स बने हुए हैं, और इससे तीन गुना अधिक छोटे बड़े गड्ढे हैं. आवारा पशुओं (माफ़ कीजिएगा, इनमें हमारी गाय माता प्रमुख है), स्ट्रीट वेंडर्स और असभ्य वाहन चालकों (मैं भी शामिल हूँ) की वजह से रास्ता नरक की ओर सैर का वास्तविक अहसास कराता है.
और, यह स्थिति कमोवेश भारत के सभी सड़कों में है, चाहे वह मेरे यार के घर की गली हो या कोई नेशनल हाइवे हो.
प्लानिंग कमीशन की तथा कुछ अन्य रपट के अनुसार, भारत की खराब, खस्ता हाल, अपर्याप्त सड़कों के कारण प्रतिवर्ष 10,000 करोड़ रुपयों का नुकसान भारत को होता है. इसके अलावा प्रतिवर्ष 75000 से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं. जहाँ ट्रकों का वैश्विक औसत 600 से 800 कि.मी. प्रतिदिन चलने का है, भारत में यह औसत मात्र 250 से 300 कि.मी. प्रतिदिन है. सड़कों के स्पीड ब्रेकर और गड्ढों के अलावा साथ में जगह-जगह अवैध वसूली के बैरियर और भी बाधा डालते हैं.
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ग़ज़ल
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जन्नत को समझे थे यार की गली
उम्र गुज़ारी ढूंढने में बहार की गली
इंकलाब इतिहास की बात है शायद
बन्द किए हैं सबने सुविचार की गली
दर्द की तफ़सील तो वो ही बताएगा
जो चला है किसी प्यार की गली
याद दिलाने का शुक्रिया दोस्त पर
आज कौन चलता है करार की गली
रवि बताने चला है रंगीनियाँ पर वो
चला ही नहीं किसी त्यौहार की गली
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"इंकलाब इतिहास की बात है शायद
हटाएंबन्द किए हैं सबने सुविचार की गली"
बहोत खुब!!
क्यों नहीं। विश्वास जरूर करेंगे। हमारे यहाँ भी कई जगह ऐसा ही है। शायद इससे भी अधिक हो…
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