वस्तुतः हिंदी ब्लॉग तो नहीं, पर हिंदी ब्लॉगों से जुड़े ब्लॉग मंच का ये विज्ञापन पिछले कुछ दिनों से दिखाई देता रहा था- ब्लॉगमंच को हार्दिक श...
वस्तुतः हिंदी ब्लॉग तो नहीं, पर हिंदी ब्लॉगों से जुड़े ब्लॉग मंच का ये विज्ञापन पिछले कुछ दिनों से दिखाई देता रहा था-
ब्लॉगमंच को हार्दिक शुभकामनाएँ. हम जानना चाहेंगे कि उनका यह प्रयोग कितना सफल रहा है. यह भी जानना चाहेंगे कि उन्होंने विज्ञापन में कितने खर्च किए, कितने वसूल हुए और प्रतिफल में पाठक-प्रयोक्ता संख्या में क्या और कितनी वृद्धि हुई.
और, इधर कुछ दिन से यत्र तत्र हिंदी में गूगल एडसेंस विज्ञापन फिर से दिखाई देने लगे हैं-
है
क्या गूगल एडसेंस हिंदी जल्द ही वापस आ रहा है ?
लगता तो है.
मगर दारोमदार ब्लॉगमंच जैसे प्रयोग के सफल होने पर है. नहीं तो कोई विज्ञापनदाता यहाँ माल गंवाने क्यों आएगा भला?
--
स्क्रीन शॉट में चीजों की वर्तनी गलत दिख रही है वो नए लिनक्स तंत्र में फ़ॉन्ट रेंडरिंग की समस्या के कारण है.
ब्लॉगमंच को हार्दिक शुभकामनाएँ. हम जानना चाहेंगे कि उनका यह प्रयोग कितना सफल रहा है. यह भी जानना चाहेंगे कि उन्होंने विज्ञापन में कितने खर्च किए, कितने वसूल हुए और प्रतिफल में पाठक-प्रयोक्ता संख्या में क्या और कितनी वृद्धि हुई.
और, इधर कुछ दिन से यत्र तत्र हिंदी में गूगल एडसेंस विज्ञापन फिर से दिखाई देने लगे हैं-
है
क्या गूगल एडसेंस हिंदी जल्द ही वापस आ रहा है ?
लगता तो है.
मगर दारोमदार ब्लॉगमंच जैसे प्रयोग के सफल होने पर है. नहीं तो कोई विज्ञापनदाता यहाँ माल गंवाने क्यों आएगा भला?
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स्क्रीन शॉट में चीजों की वर्तनी गलत दिख रही है वो नए लिनक्स तंत्र में फ़ॉन्ट रेंडरिंग की समस्या के कारण है.
अपने ब्लॉग में विज्ञापन दें या ब्लॉग का विज्ञापन दें।
हटाएंbahut acchi jaankari hai dhanyawaad
हटाएंमरते दम तक आशा रहेगी ज़िंदा...
हटाएंलाइव सोशल डॉट कॉम और आईसीआईसीआई के विज्ञापन पिछले कई दिनों से दिख रहे हैं। हिन्दी की वेबसाइट पर कभी कभार इन विज्ञापनों को डिस्प्ले किया जा रहा है। कुछ दिन पहले एडसेंस ने कहा था कि अन्य कई भाषाओं में विज्ञापन शुरू किए जा रहे हैं... लेकिन हिन्दी का जिक्र तो नहीं था...
हटाएंअब सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्था को नीचे गिरते गूगल विज्ञापन भी नजरअंदाज तो नहीं कर सकते।
दुखद बात यह है कि बीते वित्तीय वर्ष में गूगल एडसेंस की कमाई में गिरावट आई है। जब विज्ञापनों का दौर अपनी स्वर्णिम आभा खो रहा है, तब हिन्दी में विज्ञापन भी मिलेंगे तो इतना अधिक लाभ होना संदिग्ध है जितना दो साल पहले हो सकता था।
खैर जो भी मिले, नहीं से तो अच्छा है...
बहुत अच्छी जानकारी| धन्यवाद||
हटाएंरवि जी यहाँ देखें http://yamalapagladeewana.blogspot.com/2011/07/blog-post_9007.html
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