गूगल अनुवाद अब हिंदी के अतिरिक्त 5 अन्य भारतीय भाषाओं यथा - बंगाली, गुजराती, कन्नड़, तमिल और तेलुगु में उपलब्ध है. मैंने हिंदी के एक वाक...
गूगल अनुवाद अब हिंदी के अतिरिक्त 5 अन्य भारतीय भाषाओं यथा - बंगाली, गुजराती, कन्नड़, तमिल और तेलुगु में उपलब्ध है.
मैंने हिंदी के एक वाक्य को गुजराती में अनुवाद करने की कोशिश की -
हिंदी का वाक्य -
यह टेक्नोलॉज़ी आलेख मैं हिंदी में लिख रहा हूँ और इसका अनुवाद मैं गुजराती में करूंगा गूगल ट्रांसलेट से. देखता हूँ कि मशीनी अनुवाद कैसा होता है.
और इसका गुजराती अनुवाद मिला -
આ Teknolojhi લેખ હું હિન્દી અને ગુજરાતી લખવા છું હું Google ભાષાંતર સાથે અનુવાદ છે. કે મશીન અનુવાદ જોશો શું છે.
पता नहीं अनुवाद कितना सही है, मगर मुझे लगता तो है कि समझा तो जा ही सकता है कि क्या कहा गया है.
इसकी एक और ख़ूबी यह है कि साथ ही दिए गए लिंक से आप पाठ को ध्वन्यात्मक रूप से पढ़ सकते हैं. उदाहरणार्थ, ऊपर दिए गुजराती पाठ को इस तरह से पढ़ा जा सकता है (यदि आप गुजराती लिपि नहीं पढ़ पाते, परंतु बोल पाते हैं, और रोमन लिपि पढ़ पाते हैं)
Ā Teknolojhi lēkha huṁ hindī anē anuvāda huṁ Google bhāṣāntara māṁ chuṁ lēkhitamāṁ chuṁ. Kē maśīna anuvāda jōśō śuṁ chē.
भाषाई दीवारों को ढहाने की एक और उम्दा कोशिश. इस सुविधा से अब 6 भारतीय भाषाओं की सामग्री को विश्व की 63 भाषाओं में मशीनी अनुवाद किया जा सकेगा-
अनुवाद तो करता है। लेकिन मंत्र राजभाषा या मात्रा की तरह ही घटिया। उससे अच्छा होगा कि हिन्दी टूलकिट की स्टार डिक्शनरी से हर शब्द का अर्थ देख लिया जाए।
हटाएंवैसे कोशिश अच्छी है। बारहापैड में लिपियों का तिलिस्म आनलाइन जैसा मजा दे सकता है।
अब लग रहा है कि इन्हें भारत की सुध आयी है।
हटाएंWhatever, at last google has taken notice of the inherent pluralism of India. Cheers.
हटाएंरवि जी,
हटाएंएक बेकार लेकिन काम की बात। आप कह सकते हैं कि मैं भी कहाँ ध्यान दे गया! लेकिन देखिए ब्लागर हिन्दी में कितने वर्षों से चल रहा है और अनुसरणकर्ता के नीचे देखिए हिन्दी में क्या लिखा है? 'पहसे ही से सदस्य हैं?
पहले ही को पहसे ही लिखा है। इस पर ब्लागर वालों का ध्यान दिलवा दें। अच्छा होगा।
शब्दों का अनुवाद लगभग 70 प्रतिशत सही है, किंतु वाक्यों के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। शब्दों को सही स्थान पर संयोजित न किए जाने के कारण शाब्दिक शुद्धता का विशेष अर्थ नहीं रहा। आपकी कही बात गुजराती भाषी व्यक्ति तक सही ढंग से नहीं पहुँच पाएगी और उसे कथन का मर्म समझने के लिए मूल हिंदी वाक्य देखना होगा।
हटाएंमुझे यह परिणाम देखकर थोड़ा आश्चर्य ही हुआ क्योंकि समान भाषिक परिवार और पृष्ठभूमि (भारोपीय, ब्राह्मी) की भाषाओं के बीच आपसी अनुवाद इससे कहीं अधिक सटीक होना चाहिए था। पटियाला विश्वविद्यालय का हिंदी-पंजाबी अनुवाद कार्यक्रम इससे कहीं अधिक सटीक लगता है। किंतु, अच्छी शुरूआत है। गूगल वैसे भी अपने काम को निरंतर सुधारता रहता है इसलिए उम्मीदें लगाए रखनी चाहिए।