एलन मस्क – नाम ही काफी है. अभी उनका नाम एक बार फिर खबरों में आया. पर, ट्विटर के लिए नहीं. चैट-जीपीटी के लिए. एलन मस्क तथा सैम आल्टमेन द्वारा...
एलन मस्क – नाम ही काफी है. अभी उनका नाम एक बार फिर खबरों में आया. पर, ट्विटर के लिए नहीं. चैट-जीपीटी के लिए.
एलन मस्क तथा सैम आल्टमेन द्वारा प्रवर्तित एक कंपनी है – ओपनएआई. सैनफ्रांसिस्को स्थित यह कंपनी सन् 2015 से कृत्रिम-बुद्धिमत्ता (AI-आर्टीफिशल इंटेलिजेंस) विकसित करने के काम में लगी है. पिछले दिनों इसका एक उत्पाद – डाल-ई काफी चर्चा में आया था. यह कृत्रिम-बुद्धिमत्ता का उपयोग कर सामान्य निर्देशों के जरिए शानदार चित्र बना सकने की क्षमता रखता है. उसमें आपको केवल कुछ वाक्य निर्देश देने होते हैं, और वो आपके लिए एक बढ़िया चित्र बना कर प्रस्तुत कर देता है, जिसे आप कहीं भी उपयोग में ले सकते हैं. जैसे कि निर्देश में आप लिखें – हरे भरे घास के बागान में घास चरता हुआ घोड़ा. तो यह आपके लिए एक बढ़िया, शानदार चित्र बनाकर देगा जिसमें हरा भरा घास का मैदान होगा, बढ़िया घोड़ा होगा. आप इसे यह भी बता सकते हैं कि घोड़ा मरियल होगा या काले रंग का होगा या भूरा होगा. यह ठीक आपके निर्देशानुसार काम करता है. है न शानदार बात? आपने न कूची उठाई न रंग लगाया, मगर फिर भी आप बन गए चित्रकार. कृत्रिम-बुद्धिमत्ता की यही विशेषता है. उसके जरिए आप कुछ भी कर सकते हैं. कुछ भी. आप कवि भी बन सकते हैं, समीक्षक भी और गणितज्ञ भी. आप कंप्यूटर प्रोग्रामर भी बन सकते हैं.
जी हाँ, यह हासिल आप एलन मस्क की कंपनी ओपनएआई द्वारा विकसित, हाल ही में जारी किए गए चैट-जीपीटी के जरिए कर सकते हैं.
चैट-जीपीटी (ChatGPT) क्या है?
चैट-जीपीटी (ChatGPT) को अभी रिसर्च प्रीव्यू के रूप में जारी किया गया है. यह मूलतः कृत्रिम-बुद्धिमत्ता युक्त एक परिष्कृत चैटबॉट है. जिसका सामान्य सा अर्थ यह है कि मशीन से चैट (मानव द्वारा पढ़े-समझे जा सकने वाले पाठ या टैक्स्ट के जरिए संवाद) करने का स्वचालित तंत्र. परंतु बात यहीं पर खत्म नहीं होती. चैट-जीपीटी की कृत्रिम-बुद्धिमत्ता का स्तर इतना उन्नत है कि इसे जारी करने के महज सप्ताह भर के भीतर पचास लाख लोगों ने इसका उपयोग व जांच परख करना प्रारंभ कर दिया है, और इसकी लोकप्रियता दिन-दूनी बढ़ रही है. चैट-जीपीटी में चैट का अर्थ है बातचीत और जीपीटी का अर्थ है – जेनरेटिंग प्री-ट्रेनिंग. मूलतः यह इंटरनेट पर उपलब्ध अनंत प्रकार के टैक्स्ट डेटा में से चीजों को सीख-समझ-निकाल कर आपके दिए निर्देशानुसार काम करता है और नया सृजन भी उपलब्ध करता है जिसका उपयोग आप कहीं भी करने के लिए स्वतंत्र हैं. और, जरूरी नहीं कि दो भिन्न व्यक्तियों द्वारा दिए गए एक जैसे निर्देशों का प्रतिफल एक जैसा ही हो. और, आप चैट-जीपीटी के जरिए प्रेम कविताएँ भी लिख सकते हैं, किसी जटिल गणितीय प्रमेय को चरण-दर-चरण सुलझा सकते हैं, अथवा किसी फंक्शन के लिए कोई कंप्यूटर प्रोग्राम लिख सकते हैं.
चैट-जीपीटी एक विशाल भाषा मॉडल है जिसे अत्यंत विशाल लिखित सामग्री के ऊपर न केवल प्रशिक्षित किया गया है, बल्कि उपयोगकर्ता से इनपुट लेकर लगातार सीखता जाता है और अपने आप में परिष्कृत होता जाता है. यह एक किस्म का डीप-लर्निंग सॉफ़्टवेयर है जिसे चैट विंडो के रूप में प्रस्तुत किया गया है. चैट विंडो में आप कुछ इनपुट भरते हैं और यह सॉफ़्टवेयर आपके इनपुट को पढ़कर समझने की कोशिश करता है कि आपका आशय क्या है और अपने विशाल डेटाबेस में खंगाल कर, निकाल कर, उसमें अपनी कृत्रिम-बुद्धिमत्ता समझ अनुसार परिवर्तन कर सामग्री आपको प्रस्तुत करता है. इसे अमर्यादित या अवांछित पाठों को अस्वीकृत करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. चूंकि अभी यह रीसर्च प्रीव्यू के रूप में जारी किया गया है अतः आपको गलत या भ्रमित करने वाली जानकारी इससे मिल सकती है.
चैट-जीपीटी इस तरह का कोई पहला उपक्रम नहीं है. आप सभी ने कभी न कभी अपने टेलीफोन अथवा मोबाइल उपकरणों में रिमोट हेल्प का उपयोग किया होगा – सूची में जाने के लिए 1 दबाएँ अथवा जारी रखने के लिए 2 दबाएँ... आदि. ऐसे परिष्कृत चैटबॉट विभिन्न ई-कॉमर्स साइटों अथवा बिजनेस वाट्सएप्प खातों में धड़ल्ले से प्रयोग किए जाते रहे हैं. वे केवल सीमित स्तर तक इनपुट-आउटपुट देने में सक्षम होते हैं, परंतु जिस काम के लिए वे डिजाइन किये गए होते हैं वे इन्हें बखूबी निभाते हैं. चैट-जीपीटी इनका बेहद परिष्कृत और बेहद शक्तिशाली उपक्रम है. इसका उपयोग असीमित है. उपयोग का क्षेत्र असीमित है. मेटा (फ़ेसबुक) और माइक्रोसॉफ़्ट भी इस तकनीक के विकास में लंबे समय से लगी हैं. तकनीक का भविष्य उज्ज्वल है, और बहुत शीघ्र ही आप रीयल टाइम में ऐसे बॉट की हर जगह सहायता ले रहे होंगे.
चैट-जीपीटी मूलतः करता क्या है? जब आप कोई इनपुट इसके चैट बॉक्स में देते हैं तो उसमें भरे गए शब्दों के मुताबिक वह अपने सर्वरों में उपलब्ध अनंत आलेखों, पुस्तकों के पाठ को खंगालता है. हालिया खबर यह भी थी कि ओपनएआई अपने डेटाबेस के लिए ट्विटर के सार्वजनिक ट्वीट के डेटा को भी ऐक्सेस करता था, जिसे अब हटा दिया गया है. तत्पश्चात वह उपयोगकर्ता के दिए गए इनपुट के मुताबिक और अपनी लगातार परिष्कृत होती कृत्रिम-बुद्धिमत्ता के मुताबिक, हासिल किए पाठ को आवश्यकतानुसार परिवर्तित कर चैट विंडो में पेश करता है. यह स्वचालित रूप से वाक्य विन्यास सृजित कर सकता है, आपके लिए विषय मुताबिक आलेख तैयार कर सकता है और चूंकि इसके वाक्य और शब्द, यहाँ तक कि पूरा आलेख अपने तरह का विशिष्ट होता है तो यह मौलिक होता है (कॉपी या नकल किया नहीं).
जैसे कि यदि आप इसके चैट बॉक्स इनपुट विंडो में लिखेंगे – प्रेम कविता लिखो तो यह हिंदी में प्रेम कविता लिखेगा. अंग्रेज़ी में आदेश देंगे – write love poem तो यह अंग्रेज़ी में प्रेम कविता लिखकर पेश करेगा. यदि आप इसे कहें कि गुलज़ार शैली में प्रेम कविता लिखो तो आपके लिए यह गुलज़ार शैली में भी प्रेम कविता लिख देगा. और, तारीफ की बात यह कि इस नई ताज़ातरीन कविता, जिसे बॉट ने आपके लिए पेश किया है, के मालिक आप होंगे, जिसका उपयोग करने के लिए आप स्वतंत्र होंगे.
चैट-जीपीटी इतना लोकप्रिय हो रहा है कि लोग इससे अपने एक्सेल प्रोग्राम लिख रहे हैं, कंप्यूटर प्रोग्राम कोडिंग में सहायता ले रहे हैं, गणित के सूत्र समझ रहे हैं, और राजनीतिक कटाक्ष भी कर रहे हैं. कविता, कहानी और आलेख तो ख़ैर लिख ही रहे हैं. यह प्रोग्राम उपयोगकर्ता को वार्तालाप में बांधकर रखने की क्षमता रखता है. किसी उपयोगकर्ता को इस प्रोग्राम ने बताया कि उसे यह अमुक नाम की किताब पढ़नी चाहिए! हालाकि वह किताब उसे कहीं ढूंढे नहीं मिली. इसका गलत उपयोग भी हो सकता है. एक उपयोगकर्ता ने बताया कि जांच परख के लिए उसने कहा कि 100 जीबी की पाइथन कोड की फ़ाइलें बनाओ, तो उसने सचमुच में 100 जीबी की फ़ाइलें सचमुच में पाइथन के कोड लिख-लिख कर भर दिए.
अब ये उपयोगी कितना होगा यह तो वक्त ही बताएगा. बहरहाल इस प्रोग्राम के जरिए मैंने गुलज़ार शैली की प्रेम कविता कुछ ऐसे लिखमारी –
आप भी कुछ प्रयोग करना चाहेंगे? यहाँ जाएँ - https://chat.openai.com/chat
COMMENTS