जाहिर है, कि जैसा किताब के शीर्षक से ही प्रतीत होता है, किताब अलग किस्म की, अलहदा ही होगी. जापानी शब्द ‘ओमोइदे’ का अर्थ है - यादें. किताब अं...
जाहिर है, कि जैसा किताब के शीर्षक से ही प्रतीत होता है, किताब अलग किस्म की, अलहदा ही होगी. जापानी शब्द ‘ओमोइदे’ का अर्थ है - यादें. किताब अंग्रेज़ी भाषा में है.
अभिनव ने अपने जीवन के कुछ प्रिय-अप्रिय यादों-संस्मरणों को इस किताब में कुछ अलग ढंग से पिरोया और परोसा है. कुछ-कुछ बेतरतीब सा. परंतु अपना जीवन भी तो बहुत कुछ बेतरतीब ही है. यदि हर कहीं तरतीब हो तो फिर जीवन में अप्रत्याशित तत्व की जो खुशी हासिल होती है वो तो कहीं ढूंढे भी नहीं मिलेगी...
किताब में सर्वत्र ही, प्रासंगिक अथवा अप्रासंगिक, उद्धरण स्वरूप कविताओं की भरमार है. प्रारंभ में ही आपको एक खूबसूरत कविता से सामना होता है. कविता किताब की भाषा अंग्रेज़ी में ही है, मगर मैं उस खूबसूरत कविता को हिंदी में रूपांतरित (अनुवादित नहीं,) करना चाहूंगा. यह कविता कहीं न कहीं मुझसे, मेरी रूह से भीतर तक जुड़ती है –
ईश्वर का स्पर्श
जानते हो,
तुम यहाँ किसी खास मकसद से हो!!
किसी खास मकसद से.
जटिल किंतु मनोहर, परिपूर्ण रचना
तुम एक बेशकीमती उपहार हो.
ईश्वरीय त्रुटि कहीं होती है भला!
तुम जैसे हो, हो, किसी खास मकसद से.
उसने तुम्हें बुना खास तरीक़े से
ताकि तुम वो खास बनो जो उसने चाहा.
अपनी योजना को फलीभूत करने
उसने तुम्हारे अभिभावक भी बुने-चुने खास.
जो भी तुमने यहाँ देखा, जाना, महसूस किया
वही तो हैं सीखने के, सकारण, असली पायदान.
अगर उसने तुम्हारी आँखों में आँसू दिए,
तो इसलिए, कि तुम प्रज्ञ, विशाल बनो.
नसीबवान हो तुम, तुम यहाँ हो.
जो किसी खास वक्त, किसी खास मकसद से हो.
सौभाग्य सृजित करते रहो जीवन में,
तुम्हारे परिपूर्ण जीवन की,
प्रकृति की अभिकल्पना ही यही है.
जानते हो,
तुम यहाँ किसी खास मकसद से हो!
- पीयूष वर्मा
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यह खूबसूरत कविता अगर आपको कुछ गहन चिंतन मनन की ओर ले जाती है, तो आप इस किताब को पढ़कर और भी गहराई में जाने को विवश हो सकते हैं. किताब में दार्शनिकता और मनोवैज्ञानिकता भरपूर है, परंतु वह पाठकों को बोझिल नहीं लगती.
अभिनव ने अपनी किशोरावस्था, पढ़ाई, नौकरी खोजने-पाने-करने और व्यवसाय प्रारंभ करने आदि के समय के अपने अनुभवों को इस किताब में जिया है. किशोर मन बेहद नाजुक होता है, और उस दौर में अनुभव की गई गहरी पीड़ाओं को अभिनव ने भावपूर्ण तरीके से तो बयान किया ही है, युवावस्था में नौकरी-व्यवसाय के कठिन दौर के संघर्षों को भी बड़ी ही दिलचस्पी से प्रस्तुत किया है. अभिनव ने बताया है कि जीवन प्रायः आपको संकेत देता है कि आने वाला समय आपके लिए कैसा होगा – परंतु लोग उस संकेत को ग्रहण नहीं कर पाते हैं. यदि प्रकृति का संकेत समझ लें तो जीवन को सुखमय और शांति से जिया जा सकता है. पूरी किताब प्रेम, प्यार, अपना-पन आदि-आदि को सकारात्मकता के साथ, सिरे से पारिभाषित करती है. किताब में बहुत से कलात्मक चित्र भी संकलित हैं जो प्रासंगिक प्रतीत होते हैं.
अपनी लेखनी में कहीं-कहीं अभिनव अतिशय भावुक हो जाते हैं तो कहीं कठोर. पर, शायद जीवन की राह भी ऐसी ही है – कहीं गुलाब मिलते हैं तो कहीं कांटे. पूरी किताब पढ़ने के बाद लगता है कि बहुत-कुछ अधूरा-सा छूट गया. बहुत सी बातें तो बाकी रह गईं. शायद किताब के अगले अंकों में आए...
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Omoide
(memories)
Writer – Abenav
(Acoustic consultant & Musician)
ISBN NO. 9781700750921
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