आज विभिन्न समाचार पत्रों में फ़ेसबुक ने पूरे पन्ने का विज्ञापन छपवाया है और सोशल मीडिया, खासकर फ़ेसबुक में फैल रहे फर्जी खबरों से आगाह किया ...
आज विभिन्न समाचार पत्रों में फ़ेसबुक ने पूरे पन्ने का विज्ञापन छपवाया है और सोशल मीडिया, खासकर फ़ेसबुक में फैल रहे फर्जी खबरों से आगाह किया है.
समस्या इतनी गंभीर है कि फ़ेसबुक को विज्ञापन जारी कर आगाह करना पड़ा है (शायद यह कोई न्यायलीयन वैधानिक बाध्यता भी हो!).
भले ही सोशल मीडिया फर्जी खबरों और फर्जी सूचनाओं से भरी पड़ी हो, लंबे समय में लोगों की समझ बढ़ेगी, और फर्जी लोग हाशिए में चले जाएंगे यह तो तय है. फर्जी लोगों के फर्जी सूचनाओं और खबरों का तात्कालिक लाभ भले ही उन्हें मिल जाए, मगर उनका पर्दाफाश होने में देर भी नहीं लगती.
मैं अपनी बात कहूं? थोड़ा अतिशयोक्तिपूर्ण लग सकता है, परंतु है यह सत्य ही. सोशल मीडिया में मेरा पाला फर्जी लोगों, फर्जी खबरों, फर्जी सूचनाओं से कम ही पड़ा है. न्यूनतम. मेरी छठी इन्द्रिय सक्रिय हो जाती है और फर्जी पने का पता तुरंत पड़ जाता है और मैं दाएँ बाएँ से खिसक लेता हूँ. यकीन करें, थोड़ा सावधानी रखें तो आप भी यह कौशल आसानी से हासिल कर सकते हैं.
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व्यंज़ल
क्या कुछ नहीं फ़र्ज़ी है
तेरी दुनिया भी फ़र्ज़ी है
सब जायज था जहाँ
वो प्यार अब फ़र्ज़ी है
चमक उठा है तबसे
बना वो जबसे फ़र्ज़ी है
जवाब का क्या तो कहें
सवाल ही जब फ़र्ज़ी है
वक़्त का तक़ाज़ा है ये
अब तो रवि भी फ़र्ज़ी है
मायाजाल है,
हटाएंसमय भी बेहाल है।