व्यंग्य जुगलबंदी 44+45 = डबल जुगलबंदी = जुगलबंदी की जुगलबंदी = जुगलबंदी^2 = गठबंधन की बाढ़

SHARE:

पवित्र भारत भूमि में, जुलाई के महीने में सदियों से बाढ़ आती रही है और आगे अनंत-काल तक आती रहेगी. तमाम सरकारें आईं और गईं, तमाम साम्राज्य आए ...

image

पवित्र भारत भूमि में, जुलाई के महीने में सदियों से बाढ़ आती रही है और आगे अनंत-काल तक आती रहेगी. तमाम सरकारें आईं और गईं, तमाम साम्राज्य आए और नेस्तनाबूद हो गए या भारत छोड़ गए, मगर हर वर्ष जुलाई में बाढ़ की स्थिति वही रही, और, जब से हवाईजहाज का आविष्कार हुआ है, अफ़सरों नेताओं का बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण और जायजा लेने का चक्र भी बदस्तूर जारी है और जारी रहेगा. जहाँ एक ओर पर्यावरण को बचाने की, प्रकृति को बचाने की दुनियाभर में जमकर सफल-असफल कोशिशें हो रही हैं, भारत भूमि के अधिनायकों और भाग्य-विधाताओं ने कम से कम इस मामले में बढ़िया काम दिखाया है – उन्होंने प्रतिवर्ष-हरवर्ष की बाढ़ और उसकी संभावना को अक्षुण्ण बनाए रखा है, उसका विनाश नहीं किया है, उसे समाप्त नहीं किया है. इस तरह से हम भारतीयों ने प्रकृति को बचाने में बड़ी सफलता पाई है. संपूर्ण ब्रह्मांड इसके लिए हमारा सदैव शुक्रगुजार रहेगा.

जबकि, नदियों में जुलाई के महीने में आने वाली बाढ़ तो प्राकृतिक आपदा है, जो भारत भूमि की साम्प्रदायिक सद्भाव, सर्वे भवन्तु सुखिनः को आदर्श मानने वाली जनता प्रतिवर्ष, और यदि टीवी चैनलों के हिसाब से कहा जाए तो बड़े उत्साह से झेलती-स्वीकारती है, और अगले वर्षों के लिए फिर-फिर कमर कस लेती है; एक दूसरी आपदा इस वर्ष और आई है वो है राजनीतिक गठबंधनों की बाढ़. और, इसे भी भारतीय जनता, टीवी चैनलों के हिसाब से कहा जाए तो, बड़े उत्साह से स्वीकार रही है.

जब बाढ़ आती है तो नदी के किनारे के छोटे मोटे पेड़ पौधे अपने जड़-जमीन से उखड़ जाते हैं और धारा में बहने लगते हैं. इतने में कहीं कोई बड़ा सा वृक्ष का तना या लट्ठ बहता हुआ आता है तो ये सब छोटे मोटे पेड़ पौधे और जीव जंतु अपनी जान बचाने के लिए, अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए उस बड़े लट्ठ के चहुँओर चिपक जाते हैं, उसके ऊपर बसेरा बना लेते हैं. राजनीतिक गठबंधनों के भी यही हाल हैं. किसी बड़े दल में यदि चुनावी वैतरणी पार करने की संभावनाएँ दिखती हैं तो छोटे मोटे दल, निर्दलीय, क्षेत्रीय दल उस बड़े दल में गठबंधन के नाम पर चिपक जाते हैं. लाइफ आफ पाई की तरह फिर एक दूसरे के जान के दुश्मन विरोधी पार्टियाँ – आदमी और शेर किस्म की पार्टियाँ – जो पहले एक दूसरे को देख कर गुर्राते थे, मारने – काटने को दौड़ते थे, वे भी प्रेम-पूर्वक साथ रह लेते हैं, मिल-बांट-कर खाने लगते हैं. गठबंधन के असर से एक दूसरे के लिए, पूर्व के साम्प्रदायिक दल राष्ट्रवादी बन जाते हैं, तो सामाजिकता का नारा बुलंद करने वाले दल भ्रष्टाचारी बन जाते हैं, आम आदमी आज विशिष्ट हो जाता है और कल का विशिष्ट, आज निरीह जनता बन जाता है.

इधर साहित्यिक गठबंधनों – यानी लेखकों-पाठकों-अनुसरणकर्ताओं की भी बाढ़ आई हुई है. सोशल मीडिया ने इस गठबंधनी बाढ़ को बड़ी हवा दी है. 1-1 लेखक के लाखों फॉलोअर हैं. लेखक को वर्तनी का व नहीं आता, कि और की कहाँ लगाना है वो यह नहीं जानता, नहीं और नही में फर्क (या, फ़र्क़?) नहीं कर सकता वो चार लाइन लिख देता है – बहुधा समकालीन राजनीति, या राजनीतिक व्यक्ति या धर्म के बारे में – और उसे मिलते हैं लाखों हिट्स, हजारों लाइक्स, सैकड़ों कमेंट. और, बेचारा सारगर्भित, शुद्ध, सुसंस्कृत, शोध-पूर्ण लेख लिखने वाला लेखक 1-1 पाठक को तरसता रहता है. कट-पेस्टिया और चुटकुलों-पंचतंत्रीय-कहानियों को नए रूप में ढालकर लिखने वाले लेखकों के तो और भी मजे हैं. कवियों का तो कहना ही क्या! आजकल व्यंग्यकारों के भी गठबंधन हैं – कुछ पंच मार उड़ा रहे हैं, कुछ सार तत्व, सरोकार और मार्मिकता ढूंढ रहे हैं तो कुछ को व्यवस्था को गरियाना व्यंग्य लगता है तो कुछ को नहीं! एक दूसरे की नजर में ये गठबंधन कुछ को एवरेज टाइप लगते हैं तो कुछ को श्रेष्ठ और कुछ को महा-श्रेष्ठ. जाहिर सी बात है, बहुतों को निकृष्ट भी लगते होंगे, पर, फिर, पंगा कौन मोल ले?

वैसे तो मेरे दिमाग में विचारों की बाढ़ आई हुई है इस मसले पर, परंतु दिमाग-और-उंगलियों का गठबंधन कीबोर्ड पर उन्हें टाइप नहीं करने दे रहा - एक टी ब्रेक मांग रहा है. इसलिए यहीं बंद करते हैं. और, इस बात का भी तो खतरा है कि अगर इस किस्से को एकता कपूर के सीरियल की तरह लंबा खैंच दूं तो मेरा आपका लेखक-पाठक गठबंधन टूट कर किसी और ब्लॉग के पन्ने की बाढ़ की ओर क्लिक/टैप तो न हो जाएगा!

---

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन भारतीय तिरंगे के डिजाइनर - पिंगली वैंकैया और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही बेहतरीन article लिखा है आपने। Share करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। :) :)

    जवाब देंहटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: व्यंग्य जुगलबंदी 44+45 = डबल जुगलबंदी = जुगलबंदी की जुगलबंदी = जुगलबंदी^2 = गठबंधन की बाढ़
व्यंग्य जुगलबंदी 44+45 = डबल जुगलबंदी = जुगलबंदी की जुगलबंदी = जुगलबंदी^2 = गठबंधन की बाढ़
https://lh3.googleusercontent.com/-8XVR9BMbdjM/WYF-X5nv9fI/AAAAAAAA56M/VAe5OH9FT9weX6ytjoKTBBKKjjPIjwnwACHMYCw/image_thumb?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-8XVR9BMbdjM/WYF-X5nv9fI/AAAAAAAA56M/VAe5OH9FT9weX6ytjoKTBBKKjjPIjwnwACHMYCw/s72-c/image_thumb?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2017/08/4445-2.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2017/08/4445-2.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content