स्वच्छता अभियान के मरफ़ी के नियम किसी भी दिए गए इलाके में, स्वच्छता अभियान के पहले और बाद में गंदगी की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता ह...
स्वच्छता अभियान के मरफ़ी के नियम
किसी भी दिए गए इलाके में, स्वच्छता अभियान के पहले और बाद में गंदगी की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
यदि किसी राजनीतिक व्यक्ति ने कहीं स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया है तो यकीनन, अभियान के बाद गंदगी की मात्रा में और बढ़ोतरी हो जाती है।
दिया गया कोई भी स्वच्छता अभियान, विरोधी दल की नजरों में सदैव असफल रहता है। बल्कि घोर असफल रहता है।
स्वच्छता अभियान अक्सर दूसरों के क्षेत्र में चलाए जाते हैं, ताकि यह बताया जा सके कि उनका गली मोहल्ला साफ सुथरा है और सफाई वफाई की जरूरत नहीं है, जबकि सफाई की ज्यादा जरूरत वहीं होती है।
स्वच्छता अभियान में तामझाम उसमें भाग ले रहे नेता अफसर के समानुपाती होती है और वास्तविक सफाई व्युत्क्रमानुपाती।
स्वच्छता अभियान में जितना ज्यादा जोर शोर होगा, उतनी ही कम साफ-सफाई होगी।
दिए गए किसी भी स्वच्छता अभियान में, इधर के कूड़े को उधर और उधर के कूड़े को इधर किया जाता है। यानी कूड़े की मात्रा में कहीं कोई कमी नहीं होती।
ऊपर दिए गए नियम का उपनियम - दिए गए किसी भी स्वच्छता अभियान में कूड़े की मात्रा में अंतिम रूप से बढोतरी ही होती है क्योंकि दिया गया कोई भी अभियान भी न्यूनतम ही सही, कूड़ा उत्पन्न करता ही है।
जहाँ कूड़ा होता है वहाँ स्वच्छता अभियान नहीं होता।
कूड़ा कूड़े को खींचता है। स्वच्छता अभियान, स्वच्छता अभियान को।
स्वच्छता अभियान में शामिल लोगों के लिए कूड़ा फैलाने का अधिकार स्वयमेव हासिल होता है।
अधिकांश स्वच्छता अभियान फोटो शूट करने के लिए आयोजित किए जाते हैं। बाकी के भी फोटो शूट करने के लिए ही आयोजित किए जाते हैं, अलबत्ता मौका हासिल नहीं होता।
और भी नियम हैं। पर, नेट पर भी स्वच्छता अभियान चलाने की जरूरत है। इसलिए कम लिखेंगे।
किसी भी दिए गए इलाके में, स्वच्छता अभियान के पहले और बाद में गंदगी की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
यदि किसी राजनीतिक व्यक्ति ने कहीं स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया है तो यकीनन, अभियान के बाद गंदगी की मात्रा में और बढ़ोतरी हो जाती है।
दिया गया कोई भी स्वच्छता अभियान, विरोधी दल की नजरों में सदैव असफल रहता है। बल्कि घोर असफल रहता है।
स्वच्छता अभियान अक्सर दूसरों के क्षेत्र में चलाए जाते हैं, ताकि यह बताया जा सके कि उनका गली मोहल्ला साफ सुथरा है और सफाई वफाई की जरूरत नहीं है, जबकि सफाई की ज्यादा जरूरत वहीं होती है।
स्वच्छता अभियान में तामझाम उसमें भाग ले रहे नेता अफसर के समानुपाती होती है और वास्तविक सफाई व्युत्क्रमानुपाती।
स्वच्छता अभियान में जितना ज्यादा जोर शोर होगा, उतनी ही कम साफ-सफाई होगी।
दिए गए किसी भी स्वच्छता अभियान में, इधर के कूड़े को उधर और उधर के कूड़े को इधर किया जाता है। यानी कूड़े की मात्रा में कहीं कोई कमी नहीं होती।
ऊपर दिए गए नियम का उपनियम - दिए गए किसी भी स्वच्छता अभियान में कूड़े की मात्रा में अंतिम रूप से बढोतरी ही होती है क्योंकि दिया गया कोई भी अभियान भी न्यूनतम ही सही, कूड़ा उत्पन्न करता ही है।
जहाँ कूड़ा होता है वहाँ स्वच्छता अभियान नहीं होता।
कूड़ा कूड़े को खींचता है। स्वच्छता अभियान, स्वच्छता अभियान को।
स्वच्छता अभियान में शामिल लोगों के लिए कूड़ा फैलाने का अधिकार स्वयमेव हासिल होता है।
अधिकांश स्वच्छता अभियान फोटो शूट करने के लिए आयोजित किए जाते हैं। बाकी के भी फोटो शूट करने के लिए ही आयोजित किए जाते हैं, अलबत्ता मौका हासिल नहीं होता।
और भी नियम हैं। पर, नेट पर भी स्वच्छता अभियान चलाने की जरूरत है। इसलिए कम लिखेंगे।
बहुत चकाचक, साफ़ सुथरे नियम हैं ! वाह !
हटाएंधन्यवाद। आपने भी बढि़या साफ किया है 😀
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