कैसे? सिलसिलेवार बताता हूँ. मेरे पास रिलायंस इन्फ़ोकॉम का एक सीडीएमए ब्रॉडबैण्ड डॉगल नं - 9303372529 कई सालों से है. जो कि अब कंपनी द्वार...
कैसे?
सिलसिलेवार बताता हूँ.
मेरे पास रिलायंस इन्फ़ोकॉम का एक सीडीएमए ब्रॉडबैण्ड डॉगल नं - 9303372529 कई सालों से है. जो कि अब कंपनी द्वारा सीडीएमए सेवा बंद करने और जबरन 4 जी में अपग्रेड करने के कारण यह 4 जी सिम + वाईपॉड में बदल गया है.
रिलायंस सीडीएमए सेवा के बंद होने का दुखड़ा मैंने अलग पोस्ट में यहाँ रोया था. वैसे, रिलायंस की सीडीएमए तकनीकी रूप से (रिलायंस की सेवा नहीं,) बहुत अच्छी थी, इसके बंद होने का अफसोस रहेगा.
इस ब्रॉडबैंड का उपयोग मैं बैकअप इंटरनेट कनेक्शन के लिए करता रहा हूँ.
कंपनी ने 2014 में एक लाइफटाइम प्लान जारी किया.
एक बार बस 3000 रुपए जमा कराओ, फिर जिंदगी भर (रिलायंस के लाइसेंस की अवधि - सन् 2021 तक) हर महीने 1 जीबी का डेटा पाते रहो.
मेरे लिए तो यह अंधे को क्या चाहिए, दो आँखें जैसी बात थी क्योंकि अक्सर मैं प्रतिमाह लगभग 300 रुपए का रीचार्ज केवल इंटरनेट के बैकअप और पोर्टेबिलिटी के लिए खर्च करता था, तो इस तरह मेरा पैसा तो कोई साल भर में वसूल हो जाना था. परंतु मेरा लालच यहीँ मुझे ले डूबा. आदमी को लालची नहीं होना चाहिए - यह तो तय है. पर, तब किसे पता था कि रिलायंस सीडीएमए सेवा बंद हो जाएगी और रिलायंस इन्फ़ोकाम इसे 4 जी में अपग्रेड कर मेरा पैसा खा जाएगा!
नीचे स्क्रीनशॉट है जिससे मैंने इस कनेक्शन के लिए लाइफटाइम प्लान लिया था,
बहरहाल कुछ महीने बढ़िया बीते.
फिर मई 2016 से पूरे देश में रिलायंस की सीडीएमए सेवा बंद होने लगी. भोपाल में भी यह सेवा कोई 15 मई से बंद हुई तो 15 जून के आसपास चालू हुई. महीने भर ग्राहकों के फोन, इंटरनेट, डांगल आदि सब बंद रहे, और कहीं कोई प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया में चूं-चपड़ नहीं हुई. जबकि, यदि बीएसएनएल आदि सरकारी संस्थाओं में होता तो हल्ला मच जाता. जाहिर है, बढ़िया मीडिया मैनेजमेंट रहा.
यह तो खैर, अपनी ही दुखद कहानी है. असली लूट की कहानी तो शुरू होती है अब -
तो, जब सीडीएमए सेवा बंद हो गई तो मेरा डांगल भी बंद हो गया. तो मैं इसकी जानकारी लेने रिलायंस स्टोर गया तो बताया गया कि अब सीडीएमए 4 जी में अपग्रेड हो रहा है, आपको नया 4 जी सिम लेना पड़ेगा जो कि मुफ़्त है, परंतु साथ ही आपको वाईपॉड भी लेना होगा. वाईपॉड लेना वैसे वैकल्पिक था, परंतु कंपनी के स्टोर और साइट पर कुछ इस तरह भ्रामक लिखा और बताया गया कि वाईपॉड के बगैर 4जी डेटा सिम नहीं चलेगा. यह भी आश्वस्त किया गया कि आपका लाइफ़टाइम प्लान या जो भी करेंट प्लान है वो 4 जी में पोर्ट हो जाएगा.
मामला ठीक ही लगा, और चूंकि सीडीएमए बंद हो रहा था और मेरे पास इस कनेक्शन में 3000 रुपए का लाइफ़टाइम प्लान था ही जिसे मैं खोना नहीं चाहता था तो मैंने इसे 4 जी में अपग्रेड कर लिया और 2600 रुपए का एक वाईपॉड भी रिलायंस से ही ले लिया. जबकि कायदे से रिलायंस खुद ही सीडीएमए बंद कर 4 जी चालू कर रही थी तो उसे यह 4 जी डांगल/ वाईपॉड अपने वर्तमान ग्राहकों को मुफ़्त में देना चाहिए था.
पर, लूट का असली खेल अब शुरू हुआ.
कंपनी के किसी मैनेजर को लगा होगा कि ये लाइफटाइम डेटा देने से तो कंपनी को घाटा हो रहा है, तो लाइफटाइम प्लान वालों को भगाया जाए. ऐन-कैन-प्रकारेण.
मेरा उक्त नंबर का अपग्रेडेड 4 जी सिम और वाईपॉड, रिलायंस 4जी सेवा चालू होने के बाद भी जब चालू नहीं हुआ तो मैंने वजह जाननी चाही. तमाम स्रोतों - ईमेल संपर्क, लाइव चैट, टोलफ्री नंबर, रिलायंस स्टोर सभी के जरिए संपर्क किया.
पहले मुझे बताया गया कि आपका कनेक्शन पोर्ट हुआ है तो कोई बैलेंस नहीं मिलेगा. प्रतिवाद करने पर 1 जीबी बैलेंस डाला गया. पर वह 4 जी में नहीं चला. 3 जी जीएसएम में चला.
मुझे बताया गया कि आपका 3 जी का लाइफटाइम प्लान था, 4 जी में नहीं चलेगा. ठीक है भाई, 3 जी चला लेंगे. परंतु कहानी अभी बाकी थी.
कुछ दिन बाद फिर 3 जी चलना भी बंद हो गया.
फिर से तमाम स्रोतों से शिकायत दर्ज कराने के बाद बताया गया कि आपका लाइफटाइम प्लान का जो बाकी का पैसा प्रोराटा आधार पर बचा था, उसे आपके मेन बैलेंस में डाल दिया गया था, और अब कोई बैलेंस कहीं नहीं बचा है इसलिए कनेक्ट नहीं होगा. अब आपको 3जी - 4जी किसी भी के लिए फिर से रीचार्ज करना होगा तभी आपका यह वाईपॉड चलेगा!
है न ये सरासर लूट!
इस कनेक्शन पर, हर महीने, लाइफटाइम, मुझे 1 जीबी डेटा देने के बदले उन्होंने ये कुत्तई की कि तीन हजार रुपए को प्रोराटा आधार पर कम कर कोई उन्नीस सौ रुपए मेरे खाते में मेन बैलेंस के रूप में डाल दिया, जिसकी न मुझे कोई सूचना दी और न ही बताना आवश्यक समझा, और यह मेन बैलेंस हाई टैरिफ के कारण 100-200 मेबा डेटा में ही शून्य हो गया. यानी अब लीगल तरीके से मैं कंजूमर फ़ोरम आदि में भी नहीं जा सकता क्यूंकि कंपनी ने तो अपना पल्ला झाड़ लिया है. जहाँ उसको सब्सिडाइज़्ड रेट से मुझे 2021 तक हर महीने 1 जीबी डेटा देना था, वो नहीं दिया, न दे पाने की स्थिति में मेरा पैसा वापस करना था, वो नहीं किया, बल्कि मुझे अंधेरे में रखते हुए, मेरी मर्जी के बगैर हाई रेट का मेन बैलेंस का डेटा थमा दिया जिससे कि मेरा कानूनी रूप से पैसा जल्द खत्म हो जाए और मैं कनेक्शन चलाने के लिए रीचार्ज करवाने को बाध्य हो जाऊं, और इस तरह कंपनी की जेब फिर से भरने लगूं!
क्या कंपनी के प्रबंधक मुझे इतना मूर्ख समझते हैं? मैं इस वाईपॉड को बड़े तालाब में विसर्जित कर दूंगा, मगर अब रिलायंस इन्फ़ोकॉम की सेवा कभी भी नहीं लूंगा.
और, यह केवल मेरी कहानी नहीं है दोस्तों! मेरे जैसे सैकड़ों ग्राहकों जिन्होंने 3000 रुपए का लाइफटाइम सीडीएमए पैक लिया हुआ होगा, उन सभी के साथ ये लूट हुई होगी. बहुतायत में लोग आवाज नहीं उठा पाते, लोगों को बता नहीं पाते, और कंपनियाँ इस तरह लूट मचाते फिरती हैं. ट्राई, संचार-मंत्रालय - यदि एक ग्राहक की यह हृदयविदारक लूट कहानी किसी जरिए आप तक पहुँच रही हो तो कृपया ऐसी कंपनियों के ऐसे कुकृत्यों पर रोक लगाएँ कृपया.
कैसी लगी मेरी लुटने की कहानी? हँसिए मत! मैं रो रहा हूँ. जार जार. मेरी गाढ़ी कमाई के पांच हजार+ रुपए!! बू हू हू
अपडेट - रिलायंस इन्फ़ोकॉम लूटने के लिए लॉक्ड डॉगल बेचती है. पुराना सीडीएमए डांगल 2500 रुपए में लिया था, जो कि अब इलेक्ट्रॉनिक कचरा बन गया है. नया वाईपॉड भी रिलायंस इन्फ़ोकॉम में लाक है - इसे दूसरे कंपनी के सिम से प्रयोग नहीं कर सकते. इस तरह कुल मिलाकर मुझे 7500 रुपए का फटका पड़ा है!
मित्रों, पाठकों से आग्रह है कि इस पोस्ट को वायरल करें. सर्वत्र अग्रेषित करें, शेयर करें ताकि कंपनियों की ऐसी लूट रोकी जा सके. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंलूट तो सभी जगह है, बस हम लुटने से बच जायें ये ध्यान रखना चाहिये, हमें भी एयरटेल ने लगभग 4500 का चूना लगाया था, परंतु हमने अभी तक लगभग 3000 वसूल कर लिये हैं, बाकी के अगले 15 महीनों में वसूल होंगे।
जवाब देंहटाएंनिर्मल जी की ईमेल से प्राप्त टिप्पणी -
जवाब देंहटाएंश्री रवि जी आपका ब्लॉग पढ़ा जानकर अत्यंत दुख हुआ की आपको तथा आपके जैसे हजारों लोगों को reliance में धोखा दिया. मुझे पुरानी कहानी याद आती है जब एक विदेशी कार कंपनी ने हिंदुस्तान के किसी राजा का मजाक उड़ाया था. महाराज ने कार कंपनी के होश ठिकाने लाने के लिए उस कंपनी की कार को कचरा ढोने के लिए लगा दिया था. तथा यह सुनिश्चित किया कि हरेक को यह पता चले कि अमुक कंपनी की गाड़ी कूड़ा ढोने में इस्तेमाल की जाती है.
मेरा मानना है कि इस कंपनी के साथ भी कुछ ऐसा ही किया जाए. Reliance के पुराने डोंगल को गाय या किसी अन्य जानवर के गोबर में डालकर फोटो खींचे तथा सार्वजनिक तौर पर ऐसी चोर और लुटेरे कंपनी को बेइज्जत करें.
मेरे साथ भी ऐसा ही किया गया है, 3जी और 2जी बंद कर दिया है और 4जी का डोंगल स्टोर में नहीे है,
जवाब देंहटाएंअब कसम खा ली है कि अब रिलांयंस का कनेक्शन नहीं लेना है।
वैसे क्या बता सकते हैं कि किसका 4जी कनेक्शन लेना उचित रहेगा?
मनीषा www.HindiDiary.com
मनीषा जी,
हटाएंबड़े दिनों बाद आपसे संवाद हुआ. अच्छा लगा.
4जी कनेक्शन स्थान विशेष पर निर्भर है. यहाँ भोपाल में 4 जी आइडिया का कनेक्शन मैंने लिया है परंतु जहाँ मेरा घर है वहाँ वह बेकार है उससे बेहतर 3जी चलता है :(
दरअसल, 4 जी टॉवर की क्षमता आमतौर पर केवल 400-500 मीटर के दायरे में कवर करने की होती है. तो यदि टावर दूर है तो समस्या आनी ही है.
धन्यवाद।
हटाएंपरन्तु सभी 4जी को ही बढ़ावा दे रहे हैं। कोई कनेक्शन तो लेना ही है।
खैर, आपके ब्नॉग पर मैं नियमित आती हूं।
तो आप रिलायंस जियो ट्राई कर सकती हैं। यह नई कंपनी है और सभी जगह इसके उपयोग कर्ताओं का अनुभव ठीक ही है। यह रिलायंस इनफोकाम से अलग है।
हटाएंरिलायंस देश को लूट रही है, रिलायंस कम्पनी जामनगर ( गुजरात ) में लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं, पाकिस्तान बॉर्डर पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर जाँच कराने का महामहिम राष्ट्रपति-राज्यपाल तथा प्रधानमंत्री के निर्देशों के बावजूद गुजरात सरकार चुप है ? ? ?
जवाब देंहटाएंये तो हद हो गई! हजारों करोड़ का कारोबार करनेवाली कंपनी अपने कुल ग्राहकों के एक छोटे से अंश को एक सुविधा देने से बरबाद नहीं हो जाएगी! यद्यपि आपके ब्लॉग रचनाकार की विषयवस्तु अलग है लेकिन आप इसे वहां पोस्ट कर दें तो पोस्ट की रीच बहुत बढ़ जाएगी और लोग इससे वाकिफ होंगे. शायद कोई कहीं संज्ञान ले.
जवाब देंहटाएंनिशांत जी, आपने सही कहा। वहां भी पोस्ट करता हूँ।
हटाएंनिशांत जी, आपने सही कहा। वहां भी पोस्ट करता हूँ।
हटाएंयह कंपनी ही फ्राॅड है. शुरू शुरू में इसने लोगों को यह कह कर 21 हजार के CDMA सैट टिका दिए थे कि कहीं भी फ़ोन करो 60 पैसे 3 मिनट की कॉल के लगेंगे. बाद में बताया कि रिलायंस टू रिलांयास की बात की थी. लोगों ने किश्तों पर सैट लिए थे. बाद में इस लाला का यह धंधा डूब गया तो अब और नर्इ नई स्कीमें लाने लाता रहता है. इसके बिलिंग साइकिल में गड़बड़ी की तो अब कोई बात ही नही करता क्योंकि लोगों ने मान लिया है कि यह तो ये करेगा ही और इसकी सुनवाई कहीं नहीं. आपने ठीक कहा, सरकारी होता तो लोग जान खा गए होते .
जवाब देंहटाएंक्या देश में कोई नियामक या सरकार है? जी यही लोग हैं।
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