जब हिंदी ब्लॉग लेखन की शुरूआत हुई थी - कोई एक दशक पहले, तब स्मार्टफ़ोन - यानी हाई-एंड मोबाईल उपकरण नहीं थे . जनता केवल डेस्कटॉप कंप्यूटरों ...
जब हिंदी ब्लॉग लेखन की शुरूआत हुई थी - कोई एक दशक पहले, तब स्मार्टफ़ोन - यानी हाई-एंड मोबाईल उपकरण नहीं थे. जनता केवल डेस्कटॉप कंप्यूटरों और लैपटॉप से ही हिंदी सामग्री का उपभोग इंटरनेट से करती थी.
तब से लेकर टेक्नोलॉज़ी की गंगा में बहुत सारी नई चीज़ें बहकर आ चुकी हैं. टैबलेट और स्मार्टफ़ोन इसमें शामिल हैं.
दस साल पहले, 100 प्रतिशत हिंदी सामग्री कंप्यूटर, डेस्कटॉप से पढ़ी जाती थी. और अब? हाई-एंड मोबाईल उपकरण - यानी स्मार्टफ़ोन और फ़ीचर फ़ोनों ने मामला उलट दिया है. अधिकांश जनता अब हिंदी सामग्री का उपभोग इन्हीं उपकरणों से करने लगी है, और आंकड़े में इजाफ़ा होना तय है. नीले रंग में दिया हिस्सा स्मार्टफ़ोन का है, हरे रंग का डेस्कटॉप, लैपटॉप का है, और नारंगी रंग में जो आंकड़ा है, वह टैबलेट का है.
इसी तरह, दस साल पहले, हिंदी सामग्री का प्रमुख उपभोग करने वाला देश अमेरिका होता था. अप्रवासी भारतीय इंटरनेट पर न केवल हिंदी सामग्री के प्रमुख सृजकों में से होते थे, बल्कि हिंदी सामग्री के प्रमुख उपभोगकर्ता भी होते थे. अब अधिकांश हिंदी सामग्री का उपभोग भारतीय जनता ही करती है. हरे रंग में दर्शाया गया आंकड़ा हिंदी सामग्री के उपयोग का आंकड़ा है (वास्तविक भारत का नक्शा नहीं).
और, अब तो स्मार्ट घड़ियाँ आ चुकी हैं, जिनमें, भले ही पूरा उपन्यास पढ़ने में दिक्कत हो, गुलजार की त्रिवेणियाँ और हाइकु तो आराम से पढ़े जा सकते हैं!
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