यदि नहीं तो संघर्ष के साथ हिंदी लिखते होंगे। :)
अंग्रेज़ी के वर्डल की तरह हिंदी में शब्दल खेलें -
[नया!]_$type=list$m=0$cate=0$sn=1$rm=0$c=1$va=1$p=1
[आपके पसंद की रचनाएँ]_$type=blogging$m=0$cate=0$sn=1$rm=0$c=10$va=0$p=1$sr=random
[समग्र रचनाएँ]_$type=blogging$m=0$cate=0$sn=1$rm=0$c=7$va=1$p=1
छींटे और बौछारें में खोजें -
छींटे और बौछारें की विशाल लाइब्रेरी में खोजें -
ha-ha-ha
जवाब देंहटाएं:)
:)
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (31-03-2013) के चर्चा मंच 1200 पर भी होगी. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंपहले इन्हें हिंदी सिखने की जरुरत हैं
जवाब देंहटाएंसंघर्ष ने ही सिखाया। नहीं सीखते यदि बिना इसके कार्य चल जाता..
जवाब देंहटाएंसंघर्ष कर कर ही आज यहाँ पहुँच गए हैं | हा हा हा आभार |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
जब तक प्रयत्न न होगा सीखना संभव नहीं चाहे हिन्दी हो या अंग्रेजी |
जवाब देंहटाएंआशा
बेचारे
जवाब देंहटाएंसंघर्ष को छोड़ें,विश्वास के साथ हिन्दी लिखें।
जवाब देंहटाएंब्लाग पर हिंदी लेखन की शुरुआत की मददगारी जानकारी तो आपके ब्लाग से प्राप्त हुई थी अब संघर्ष के साथ अंग्रेजी न बोलना पडे ऐसी जानकारी भी कृपया बता दें.
जवाब देंहटाएंअरे, सुशील जी, चित्र में बड़े बड़े काले अंकों में मोबाइल नंबर दिया तो है. फ़ौरन से पेश्तर उन्हें नंबर लगाएं और अपनी सीट बुक करें! :)
हटाएंji bhaiya ji
जवाब देंहटाएंजी भैया जी
हिंदी लिखना और अंग्रेजी बोलना दोनों ही मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंहिंदी लिखनी तो संभव हो गयी है google hindi input android app की बदोलत
जवाब देंहटाएंअंग्रेजन के साथ ही हिंदी की भी भई बिदाई
जवाब देंहटाएंभारतेंदु कब से कहें हिंदी दुर्दशा देखि न जाई...
:)
जवाब देंहटाएंलोग मातृभाषा ढंग से नहीं बोल पाते पागलों के इस देश में। इन मूर्खों को सबक सिखाना ज़रूरी है , अंग्रेजो के गुलाम । अंग्रेजी पर रोक लगाने का समय आ गया है , बहुत हो गया दिखावा और नौटंकी , देश हिंदी था और आगे भी हिंदी ही रहेगा
जवाब देंहटाएं