क्या कभी आपके मन में ये अफसोस हुआ है कि आप या आपके पति/पत्नी कलेक्टर क्यों न हुए? क्या आप या आपके बच्चे कलेक्टर बनने का सपना पाले हुए ह...
क्या कभी आपके मन में ये अफसोस हुआ है कि आप या आपके पति/पत्नी कलेक्टर क्यों न हुए?
क्या आप या आपके बच्चे कलेक्टर बनने का सपना पाले हुए हैं?
यदि हाँ, तो अफसोस भूल जाएं, और उस तुच्छ सपने को त्याग दें - अभी, तुरंत.
आधुनिक भारत के दो प्रमुख, टॉप प्रोफ़ेशनों - कलेक्टरी और नेतागिरी के बीच अंतरंग संबंध की है ये बानगी !
पेश है (आमतौर पर होने वाले?) बेहद मनोरंजक वार्तालाप के मुख्य अंश जो दैनिक भास्कर में 9 अक्तूबर 2012 को छपे:
"गुड्डू और भूरिया बोले- हमें समझा रहे हो कलेक्टर
रतलाम जिला सतर्कता समिति की बैठक में कलेक्टर के देरी से पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया व सांसद प्रेमचंद गुड्डू नाराज हुए। उनके बीच कुछ इस तरह से वार्तालाप हुआ-अंदर आते ही सांसद कांतिलाल भूरिया- कहां है कलेक्टर।
गुड्डू- ये कोई तरीका है। कलेक्टर अभी तक नहीं पहुंचे। मजाक बना रखा है।
(इसी बीच कलेक्टर अंदर पहुंचते हैं।)
गुड्डू- तुम हो कलेक्टर, तमीज है तेरे को?
कलेक्टर- बैठिए, बैठिए।
गुड्डू- क्या बैठिए, बैठिए
भूरिया- आप अफसर हैं और समिति के सेक्रेटरी हैं। अध्यक्ष आ गया है सांसद आ गए। आपके पते नहीं हैं। ऐसे प्रोटोकाल का पालन करते हो।
गुड्डू- प्रोटोकाल क्या होता है पता है तुझको। हम कब से बाहर खड़े हैं।
भूरिया- सर्किट हाउस पर हमने बुलाया, आपने मना कर दिया, मैं नहीं आ सकता।
कलेक्टर- प्लीज बैठिए।
गुड्डू और भूरिया दोनों- तुम्हारे कहने से बैठेंगे, हमें समझा रहे हो।
कलेक्टर- आप बैठिए।
गुड्डू- प्रोटोकॉल सीखो पहले। तुम्हारी कलेक्टरी भूला दूंगा।
कलेक्टर- मैं रिक्वेस्ट कर रहा हूं, तुम ऐसे बात करोगे तो ठीक नहीं होगा।
भूरिया और गुड्डू- क्या कर लोगे आप, गलती आपकी और हमें सिखा रहे हो।
भूरिया- कौन लिख रहा है प्रोसिडिंग, निंदा प्रस्ताव पास करिए हमारी ओर से। मीटिंग के सेके्रटरी हो आप। आपको तौर-तरीके याद नहीं।
गुड्डू- तुम्हारे जैसे कई कलेक्टर देखे हैं। व्यवहार ठीक करो, नहीं तो हम इलाज भी कर देंगे। एम. गीता को भी मैंने बैठा दिया है। आपके यहां के मालपानी को भी बाबू बनाकर बैठा दिया है।
भूरिया - मीटिंग का एजेंडा आज भिजवा रहे हो। तुम्हे प्रोटोकाल की जानकारी नहीं है।
गुड्डू (जिला पंचायत सीईओ से)- प्रोसिडिंग कौन लिख रहा है। हमारी ओर से कलेक्टर का निंदा प्रस्ताव लिखो। हमारे यहां 8-9 घंटे मीटिंग होती है। खाना-पीना सब होता है। यहां एजेंडा भी नहीं बना। "
जय हो नेता-कलेक्टर की।
हटाएंबताईये, लोकतन्त्र का अपमान हो गया..
हटाएंAAJ NAW KE UPAR GADI HAI KAL HO SAKATA HAI GADI KE UPAR NAW HO SAKATA HAI . YE TO SAMAY SAMAY KI BAAT HAI.
हटाएंकाफी कुछ ऐसा है जो अखबार में नहीं छपा।
हटाएंloktantra ka apman hai yeh
हटाएंthanks
dainik bhasker
इन नेताजी को मिमियाते भी देखा है मैने एक बैठक में!
हटाएंPandey ji please share kijiye ...
हटाएंनेताजी का ये अपमान,
हटाएंनहीं सहेगा हिन्दुस्तान.
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तबादला कर दो साले का...
जैसे हरियाणा में हो रहा है. एक आईएएस का 21 साल में 40 तबादला !!
कोई सनसनी नहीं बनाती ऐसी ख़बरें.
समाचार तब बनता है जब कोई कांग्रेसी बोलता है. राहुल, वाड्रा, खुर्शीद, दिग्विजय बोलता है.
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