करे कोई, भरे कोई! (दृश्य एक - हाईकोर्ट जज के सामने) सरकारी वकील (जिरह करता हुआ) - योर ऑनर! ये आम आदमी है. इसका जुर्म है कि इसने अपने त...
करे कोई, भरे कोई!
(दृश्य एक - हाईकोर्ट जज के सामने)
सरकारी वकील (जिरह करता हुआ) - योर ऑनर! ये आम आदमी है. इसका जुर्म है कि इसने अपने तय कोटे 10 यूनिट बिजली से 0.1 यूनिट अधिक यानी 10.1 यूनिट बिजली जला ली. इसके इस शर्मनाक कुकृत्य ने देश के नेशनल ग्रिड को ठप्प होने में बेहद अहम भूमिका निभाई जिसके कारण पूरा देश कई घंटों तक अंधेरे में डूबा रहा और अरबों रुपयों का नुकसान हुआ. सबूत के तौर पर इसका बिजली का बिल पेश है योर ऑनर. इस अभियुक्त के विरुद्ध तमाम आरोप स्वयंसिद्ध हैं योर ऑनर. इसने देश के नेशनल पॉवर ग्रिड को कई घंटों तक ठप्प रखने की भयंकर साजिश की है ताकि देश की इकॉनामी बर्बाद हो जाए. यह एक तरह से भारत पर आतंकी हमला है योर ऑनर. देशद्रोह है. इसी लिए अभियुक्त को उसके इस कृत्य के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
(दृश्य दो - जिला जज के सामने)
सरकारी वकील (जिरह करता हुआ) - योर ऑनर! ये आम आदमी है. इसका जुर्म है कि इसने अपने तय कोटे से 250 ग्राम अधिक शक्कर का उपयोग कर लिया. इसके इस शर्मनाक कु-कृत्य ने देश की इकॉनामी बर्बाद होने में अहम भूमिका निभाई क्योंकि इसके इस कृत्य की वजह से देश में शक्कर का टोटा पड़ गया, और सारा डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम ध्वस्त हो गया. महंगाई बढ़ गई और संसद भवन के सब्सिडाइज्ड भोजन शाला को शक्कर उपलब्ध नहीं हुआ, जिससे सांसदों को फीके भोजन से काम चलाना पड़ा. इसका यह कृत्य न सिर्फ देशद्रोह की श्रेणी में आता है योर ऑनर, बल्कि संसद का, संसदीय प्रतिनिधियों का घोर अपमान करने का भी मामला बनता है. लिहाजा इस अभियुक्त को ऐसी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए जिससे समाज में एक उदाहरण पेश हो और लोग फिर इस तरह के अपराध करने से दूर रहें.
(दश्य तीन - सुप्रीम कोर्ट जज के सामने)
सरकारी वकील (जिरह करता हुआ) - योर ऑनर! ये आम आदमी है. इसका जुर्म है कि %$#@&^%*(&%$#$@!$%&**(()()(*&%%$#%$%^$##^&&....
हो सकता है कल की तस्वीर
हटाएंवो दिन दूर नहीं...
हटाएंहमने तो पीक टाइम में लेपटॉप की चार्जिंग भी बन्द कर दी..
हटाएंये भी हो सकता है जी...
हटाएंदश्य तीन का वर्णन करते समय आपने दूसरी लाइन चीनी भाषा में लिखी है और हमको चीनी नहीं आती... सो कृपया इसका अनुवाद हिंदी में प्रस्तुत किया जाए...
हटाएंकमाल की गुंडागर्दी है! समय आ गया है जब आम आदमी अपने मंत्रीपदों के लिये सहृदय, सक्षम और समझदार लोगों को चुने।
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