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महिलाओं का अल्टीमेट एप्प : क्लॉथ

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यदि आप घर में सर्वे करें या बाजारों में. एक चीज आम मिलेगी. बाजार भरे पड़े हैं स्त्रियों की पोशाकों की दूकानों से. मेले-ठेले में भी अधिकतर ...

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यदि आप घर में सर्वे करें या बाजारों में. एक चीज आम मिलेगी. बाजार भरे पड़े हैं स्त्रियों की पोशाकों की दूकानों से. मेले-ठेले में भी अधिकतर दुकानें साड़ी-सलवार-सूट-चुन्नी-लहंगा-चोली के ही होते हैं. साथ ही होता ये है कि कोई भद्र पुरुष अपनी धर्मपत्नी के साथ बाजार तेल लेने जाता है तो वो साथ में अनिवार्य रूप से दो जोड़ी सलवार सूट के भी ले आता है – धर्मपत्नी को कलर और फ्रैब्रिक और कीमत इतना आकर्षित करता है कि खरीदे बिना नहीं रहा जाता. और, घर की आलमारियाँ तो स्त्रियों की पोशाकों से इतनी भरी रहती हैं कि हर वर्ष प्रत्येक सुंदर-सुव्यवस्थित घर को एक अदद अतिरिक्त आलमारी की जरूरत पड़ती ही है.

अब जब घर में आलमारियाँ कपड़ों और ड्रेस से भरी पड़ी हों तो समस्या और भी बढ़ जाती है. क्या पहनें और क्या न पहनें. फिर ये भी बड़ा प्रश्न सामने आ जाता है कि इसे कब पहना था और इसकी बारी अभी तक आई या नहीं. और कभी कभी कोई ड्रेस देखकर लगता है कि अरे, इसे तो अब तक पहना ही नहीं. ये तो नया का नया ही रखा है. परंतु आज भी इसे नहीं पहन सकते – मुहूर्त नहीं है या ऐसा अवसर नहीं है. स्त्रियों के लिए भारी तकलीफ की बात ये होती है कि वर्ष में तो महज 365 दिन ही होते हैं, मगर उनकी आलमारी में इस संख्या से कई गुना अधिक संख्या में ड्रेस होते हैं, अब ऐसे में क्या पहना जाए और क्या तो छोड़ा जाए!

अब चिंता मत करें. आपकी सुविधा के लिए, और आपकी ड्रेस संबंधी तमाम दुविधाओं को दूर करने के लिए एक आई-फ़ोन एप्प आ चुका है. क्लॉथ नाम का यह एप्प आपको हर किस्म की मदद करने को तत्पर है. एक बार आप इसके डाटाबेस में आप अपने तमाम नए पुराने ड्रेस का फ़ोटो खींच कर डाल दें और उनमें टैगिंग कर दें बस. फिर यह एप्प आपको आपके मूड व वार-त्यौहार-मौसम-आयोजन के हिसाब से बताता जाएगा कि फलां आलमारी के फलां कोने में रखा ड्रेस आज-अभी के लिए सर्वोत्तम होगा.

यह एप्प एक कदम आगे जाकर आपको वंडरग्राउन्ड.कॉम के सहयोग से रीयल-टाइम में मौसम का पूर्वानुमान लगाकर आपको अपना ड्रेस चुनने में सहायता करेगा. नहीं तो अब तक होता ये था कि आप अभी की गरमी और सूखे मौसम के हिसाब से पोशाक पहन कर बाहर निकलती थीं और थोड़ी ही देर में अंधड़ के साथ आया पानी-बरसात आपके हजारों के ड्रेस का कबाड़ा कर देता था.

महिलाएँ इसे अच्छा खासा पसंद कर रही हैं. रेखा को तो यह पहली ही नजर में भा गया. परंतु जब मैंने इस एप्प को ठोंक बजाकर देखा तो मुझे ये खास जमा नहीं. मेरे विचार में इस एप्प में एक फ़ीचर की कमी है. यदि ये फ़ीचर जुड़ जाए तो फिर यह एप्प एकदम परफ़ेक्ट हो जाए. वह फ़ीचर है – इसका स्वचालित खरीदारी अलार्म. जब भी स्त्रियाँ कोई नया ड्रेस खरीदने का विचार करें तो यह अलार्म बजा कर उन्हें आगाह करे कि आलमारी में जगह नहीं है, कोई बारह सौ ड्रेसेस का पहनने का नंबर पिछले साल भर से नहीं आया है और उनमें भी तीन दर्जन तो पूरे नए-नकोरे हैं – इत्यादि.

स्त्रियों के लिए उनका अल्टीमेट एप्प तो आ गया. पुरुषों के लिए, आपके विचार में ऐसा कौन सा एप्प हो सकता है जो अल्टीमेट हो?

COMMENTS

BLOGGER: 15
  1. पुरुषों को तो केवल एक ही एप्प का इंतजार है जो शाम को घर में घुसने से पहले ही पत्नियों का मूड बता दे

    प्रणाम

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    1. हा हा हा... एकदम सही बात कही आपने. देखतें हैं दूसरे और क्या कहते हैं....

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  2. स्वचालित एलार्म का आपका सुझाव बढ़िया है लेकिन एप्प वाले इसे नहीं मानेंगे। उनकी बिक्री चौपट हो जायेगी। महिलाएं पति की टोका-टोकी तो सहन करती नहीं, ई एप्प क्या चीज है ?एलार्म बजते ही चूर चूर हो जायेगा।

    अंतर सोहिल का सुझाव बढ़िया है।

    भौतिकता के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं हम। देखें, अभी और क्या-क्या देखना है!

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  3. अभी बहुत कुछ आना बाकी है

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  4. रवि जी, क्या बात करते हैं आप ! इसे आप व्यंग कह रहे हैं ? अरे इससे बड़ी हकीकत तो जीवन में कभी पढ़ी नहीं पहले। स्त्रीयों में कपडे खरीदने का नशा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। और बहुत से कपडे अलमारियों में नए के नए पड़े रह जाते हैं , उनका नंबर ही नहीं आता। पत्नियों को शौपिंग कराते समय बेचारा पति यदि उसे समझाएतो पत्नी बुरा मान जायेगी अतः बेचारा , बिना कुछ कहे पत्नी की जायज , नाजायज हर मांग पूरी करता रहता है। पतियों का आर्थिक नुकसान तो है ही , साथ ही साथ देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ने में स्त्रीयों की गैर-जिम्मेदार शौपिंग , एक बहुत बड़ा कारण है। काश हम उतना ही समान खरीदें , जितना आवश्यक है और जिसका हम उपभोग कर सकते हों।

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    उत्तर
    1. सबसे बड़ा हकीकत ही असली व्यंग्य होता है...

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  5. आप सबका कितना ध्‍यान रखते हैं। अद्भत - उपकरण भी और आपकी पोस्‍ट भी।

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    उत्तर
    1. ध्यान का तो पता नहीं, पर उपकरण अवश्य अद्भुत है.

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  6. गलत समय आपकी पोस्ट खुल गयी, श्रीमतीजी बगल में थीं और उन्होने अपने आईपैड पर डाउनलोड भी कर लिया है उसे..

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    उत्तर
    1. आपके हिसाब से गलत और भाभी जी के हिसाब से एकदम सही समय!

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छींटे और बौछारें: महिलाओं का अल्टीमेट एप्प : क्लॉथ
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