आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 238 कीमती रत्नों से भी कीमती भारत ...
आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ
संकलन – सुनील हांडा
अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी
238
कीमती रत्नों से भी कीमती
भारत के अंतिम वायसराय अर्ल माउन्टबेटन के भतीजे राजकुमार फिलिप का विवाह राजकुमारी एलिजाबेथ से तय हो गया तो यह समाचार सुनकर महात्मा गांधी ने वायसराय को बधाई देते हुए कहा – बड़ी प्रसन्नता की बात है कि आपका भतीजा भविष्य की रानी से शादी कर रहा है. इस शुभ अवसर पर मैं उन्हें कोई उपहार देना चाहता हूँ. सोच रहा हूँ कि क्या दूं. मेरे पास तो कोई मूल्यवान वस्तु नहीं है.
इस पर वायसराय ने कहा – “आपके पास चरखा है. आप इनके लिए कुछ बुन सकते हैं.”
और गांधी जी ने एक बढ़िया टेबल-क्लॉथ बुनकर तैयार किया. जिसे माउन्टबेटन ने राजकुमारी एलिजाबेथ को इस टिप्पणी के साथ भिजवाया – “इस उपहार को कीमती रत्नों के साथ तालबंद कर रखना... यह भी उतना ही कीमती है. इसे उस व्यक्ति ने खुद अपने हाथों से बुनकर तैयार किया है जो भारत के अहिंसात्मक स्वतंत्रता आंदोलन के अगुआ हैं...”
---
239
नम्रता
बुद्ध ने सत्य की तलाश में लगे एक व्यक्ति से कहा – “यदि तुम सचमुच सत्य की तलाश में लगे हो तो एक चीज का पता तुम्हें होना चाहिए जो सर्वोपरि है...”
“हाँ, मुझे पता है – उसे प्राप्त करने की अजीम लालसा..” उस व्यक्ति ने टोका.
“नहीं.” बुद्ध ने आगे जवाब दिया – “अपनी गलती को स्वीकारने की क्षमता.”
--
240
मेरा काम सिर्फ आदेश फरमाना है
आँधी तूफान से रास्ते में एक पेड़ गिर गया और रास्ता जाम हो गया. उसी समय सैनिकों की एक जीप उधर से गुजरी तो सैनिक उतर कर पेड़ को हटाने का नाकाम प्रयास करने लगे. जीप में कारपोरल भी बैठा था, परंतु वह जीप से नहीं उतरा.
इतने में एक घुड़सवार उधर से गुजरा. उसने देखा कि कुछ सैनिक तो पेड़ हटाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर एक सैनिक जीप में ही बैठा है. घुड़सवार जीप के पास गया और बोला – “क्या आपकी तबीयत खराब है?”
“नहीं” कारपोरल ने जवाब दिया.
“तो फिर आप सैनिकों की सहायता उस पेड़ को हटाने के लिए क्यों नहीं करते?”
“मैं कॉरपोरल हूँ. मेरा काम सैनिकों को आर्डर देना है.” कॉरपोरल ने जवाब दिया.
घुड़सवार घोड़े से उतरा, सैनिकों के पास गया और पेड़ हटाने में मदद देने लगा. थोड़ी ही देर में घुड़सवार की मदद से सैनिकों ने उस पेड़ को किनारे कर दिया.
घुड़सवार अब वापस कॉरपोरल के पास आया और बोला – “अगली दफा जब कहीं रास्ते में ऐसा पेड़ गिर जाए तो मदद के लिए कमांडर-इन-चीफ़ को याद कर लेना.”
बाद में उस कॉरपोरल को पता चला कि वह घुड़सवार और कोई नहीं, जॉर्ज वाशिंगटन थे!
--
241
पवित्रता पल-पल मौजूद है.
बुद्ध से किसी ने पूछा “मनुष्य पवित्र कैसे बनता है?”
“दिन भर में चौबीस घंटे होते हैं. और इन घंटों में सैकड़ों हजारों पल. कोई भी जो इन प्रत्येक पलों में पूरी तरह मौजूद रहता है, वही पवित्र है.”
--
242
गलत सूक्ति
अंग्रेज़ी के प्रोफ़ेसर को हाईवे पुलिस ने तेज गति से गाड़ी चलाते हुए पकड़ लिया.
पुलिस ने जब प्रोफ़ेसर से पूछा कि किस बात की जल्दी थी तो प्रोफ़ेसर ने रॉबर्ट फ्रास्ट की कविता सुनाई – “मुझे अपना वादा पूरा करना है. और सोने से पहले सैकड़ों मील जाना है. मुझे सैकड़ों मील जाना है.”
पुलिस भी साहित्यप्रेमी प्रतीत होता था. उसने दहला मारा – “मगर महोदय, रॉबर्ट फ्रास्ट का रास्ता यह नहीं था. वे हाईवे के बजाए क्रास कंट्री ट्रैवल करते थे जहाँ जरा भी ट्रैफ़िक नहीं होता.”
--
(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)
Kon Kehta Hai Ham Wafa Nai Krte
हटाएंDard Hota Hai Magar Sikwa Nai Krte
Aakir Q Nai Badalti Takdir Meri
Kya Mere Dost Mere Liye Dua Nai Karte.??
मनोयोग से की गयी हर कृति कीमती है।
हटाएंRavi ji
हटाएंBahut hi Sunder kritiya
aapne Motiyo ki tarah piroi hi.
Umesh maurya