आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 39

SHARE:

  आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 311 काम नहीं तो भोजन नहीं हयाज...

 

आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ

संकलन – सुनील हांडा

अनुवाद – परितोष मालवीयरवि-रतलामी

311

काम नहीं तो भोजन नहीं

हयाजूको चीनी जैन विद्या के एक प्रसिद्ध गुरू थे। वे अस्सी वर्ष की उम्र में भी अपने शिष्यों के साथ कठोर श्रम करते थे जैसे - बागवानी करना, मैदान साफ करना, पेड़ों की कटाई-छटाई करना....आदि।

उनके शिष्यों को यह देखकर दु:ख होता कि उनके वृद्ध शिक्षक इतना कठिन श्रम करते हैं। वे भी यह जानते थे कि उनके गुरू उनकी यह बात कभी नहीं मानेंगे कि वे कठिन श्रम न करें। इसलिये शिष्यों ने भी एक दिन उनके औजार छुपा दिये।

औजार नहीं मिलने से गुरूजी उस दिन कोई श्रम नहीं कर पाये। उस दिन गुरूजी ने कुछ नहीं खाया। अगले दिन भी उन्होंने कुछ नहीं खाया, और उसके अगले दिन भी नहीं।

उनके शिष्यों ने आपस में चर्चा की कि गुरूजी यह जानकर बहुत क्रोधित होंगे कि हम लोगों ने उनके औजार छुपा दिये इसलिये अच्छा होगा कि हम उनके औजार वापस रख दें।

उन्होंने ऐसा ही किया। गुरूजी ने उस दिन फिर परिश्रम किया और बाद में खाना खाया। उस शाम गुरूजी ने अपने शिष्यों को "काम नहीं तो भोजन नहीं" विषय पर व्याख्यान दिया।

******

312

सबसे महत्त्वपूर्ण काम, व्यक्ति एवं समय

एक शिष्य ने अपने गुरूजी से पूछा - "सबसे महत्तपूर्ण काम क्या है? सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति कौन है तथा हमारे जीवन का सबसे बेहतरीन समय कौनसा है?

गुरूजी ने उत्तर दिया - "इस समय तुम्हारे पास जो काम है, वही सबसे महत्त्वपूर्ण है। वह व्यक्ति जिसके साथ तुम काम कर रहे हो (या जिसके लिये तुम काम कर रहे हो, जैसे - अध्यापक के लिये छात्र, चिकित्सक के लिये मरीज......) सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति है तथा यह समय (वर्तमान) ही सबसे महत्वपूर्ण समय है। इसे व्यर्थ न जाने दो।"

--

64

मिट्टी का या सोने का?

कालिदास से एक बार राजा ने पूछा – कालिदास, ईश्वर ने आपको बुद्धि तो भरपूर दी है, मगर रूप-रंग देने में भी यदि ऐसी ही उदारता वे बरतते तो बात ही कुछ और होती.

कालिदास ने राजा के व्यंग्यात्मक लहजे को पहचान लिया. कालिदास ने कुछ नहीं कहा, परंतु सेवक को पानी से भरे एक जैसे दो पात्र लाने को कहा – एक सोने का एक मिट्टी का.

दोनों पात्र लाए गए. गर्मियों के दिन थे. कालिदास ने राजा से पूछा – राजन्! क्या आप बता सकते हैं कि इनमें से किस पात्र का पानी पीने के लिए उत्तम है?

राजा ने छूटते ही उत्तर दिया – यह तो सीधी सी बात है, मिट्टी का. और फिर तुरंत उन्हें अहसास हुआ कि कालिदास क्या कहना चाहते हैं!

बाह्य रूपरंग सरसरी तौर पर लुभावना लग सकता है, मगर असली सुंदरता तो आंतरिक होती है. मिट्टी का घड़ा आपकी (वास्तविक) प्यास बुझा सकता है, सोने का घड़ा नहीं!

--

65

शहर के दरवाजे और जुबान पर ताले

एक समय एक राजा राज्य करता था जिसकी बुद्धिमत्ता, चातुर्य और राज्य कौशल चतुर्दिक प्रसिद्धि के शिखर पर था. राज्य धन्य-धान्य से परिपूर्ण था और चहुँओर खुशहाली का साम्राज्य था.

राजा का वजीर एक बार राज्य भ्रमण पर निकला. यात्रा से वापस आकर उन्होंने राजा से कहा – राजन्! आपकी प्रसिद्धि चतुर्दिक है, दुनिया के तमाम अन्य राजा महाराजा आपकी बुद्धिमत्ता और राज्य कौशलता का लोहा मानते हैं, और चहुँओर लोग आपकी तारीफ करते हैं. राज्य भी धन्यधान्य से परिपूर्ण और खुशहाल है. मगर फिर भी कुछ लोग मुझे ऐसे मिले जो आपकी बुराई करते हैं, आपके बारे में फूहड़ चुटकुले सुनाते हैं और आपके बुद्धिमत्ता पूर्ण निर्णयों की खिल्ली उड़ाते हैं. ऐसा कैसे है राजन्?

राजा ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया – राज्य की तमाम जनता को मालूम है कि राजा उनके लिए क्या करता है. रहा सवाल जबान का, तो मैं राज्य के बाहरी रास्तों पर बने हुए दरवाजों को तो बंद कर उन पर ताले लगवा सकता हूँ, मगर मनुष्य की जुबान पर नहीं. और उनकी ये जुबानें मुझे सदैव उत्तम कार्य करते रहने को प्रेरित करती रहती हैं कि शायद कभी उनकी जुबान बदल जाएँ.

--

(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)

COMMENTS

BLOGGER: 2
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 39
आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 39
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3E29E4EI3vvffyv9nUZH5iMAAdHTog3SWbFZj253LmimIMQdJcjWM9di8AD0JRZKz08kiuPtOMXBa5p287SdMAfpLBQx5O9lBMCJbjTbbz3EHGTBhuPNiaPGdQeeZI9z68M3U/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3E29E4EI3vvffyv9nUZH5iMAAdHTog3SWbFZj253LmimIMQdJcjWM9di8AD0JRZKz08kiuPtOMXBa5p287SdMAfpLBQx5O9lBMCJbjTbbz3EHGTBhuPNiaPGdQeeZI9z68M3U/s72-c/?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2011/12/stories-from-here-and-there-39.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2011/12/stories-from-here-and-there-39.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content