आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 15 कल्पतरू एक बार एक आदमी घूमते-घामते ...
आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ
संकलन – सुनील हांडा
अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी
15
कल्पतरू
एक बार एक आदमी घूमते-घामते स्वर्ग पहुँच गया. स्वर्ग में सुंदर नजारे देखते हुए वह बहुत देर तक घूमता रहा और अंत में थक हार कर एक वृक्ष के नीचे सो गया.
स्वर्ग में जिस वृक्ष के नीचे सोया था, वह कल्पतरू था. कल्पतरू की छांह के नीचे बैठ कर जो भी व्यक्ति जैसी कल्पना करता है, वह साकार हो जाता है.
कुछ देर बाद जब उस आदमी की आँख खुली तो उसकी थकान तो जाती रही थी, मगर उसे भूख लग आई थी. उसने सोचा कि काश यहाँ छप्पन भोग से भरी थाली खाने को मिल जाती तो आनंद आ जाता.
चूंकि वह कल्पतरू के नीचे था, तो उसकी छप्पन भोग से भरी थाली उसके कल्पना करते ही प्रकट हो गई. चूंकि उसे भूख लगी थी तो उसने झटपट उस भोजन को खा लिया. भोजन के बाद उसे प्यास लगी. उसने सोचा कि काश कितना ही अच्छा होता कि इतने शानदार भोजन के बाद एक बोतल बीयर पीने को मिल जाती. उसका यह सोचना था कि बीयर की बोतल नामालूम कहाँ से प्रकट हो गई.
उसने बीयर की बोतल खोली और गटागट पीने लगा. भूख और प्यास थोड़ी शांत हुई तो उसका दिमाग दौड़ा. यह क्या हो रहा है उसने सोचा. क्या मैं सपना देख रहा हूँ? खाना और बीयर हवा में से कैसे प्रकट हो गए? लगता है कि इस पेड़ में भूत पिशाच हैं जो मुझसे कोई खेल खेल रहे हैं. उसने सोचा.
उसका इतना सोचना था कि कल्पतरू ने उसकी यह कल्पना भी साकार कर दी. हवा में से भूत पिशाच प्रकट हो गए जो उसके साथ डरावने खेल खेलने लगे. वह आदमी डर कर सोचने लगा ये भूत प्रेत तो अब मुझे मार ही डालेंगे. मेरी मृत्यु निश्चित है.
आप समझ सकते हैं कि कल्पतरू के नीचे उसकी इस कल्पना का क्या हश्र हुआ होगा.
दरअसल हमारा दिमाग ही कल्पतरू के माफ़िक है. आप जो सोचते हैं वही होता है. सारी चीजें दो बार सृजित होती हैं. एक बार आपके दिमाग में और फिर दूसरी बार भौतिक संसार में. आज नहीं तो कल, जो आपने सोचा है, वह होकर रहेगा. बहुत बार आपकी कल्पना और चीजों के होने में इतना समय हो जाता है कि आप भूल जाते हैं कि कभी आपने इसके लिए ख्वाब भी देखे होंगे. आप अपने लिए स्वर्ग भी रचते हैं और आप अपने लिए नर्क भी रचते हैं. यदि आप स्वर्ग की सोचेंगे तो आपको स्वर्ग मिलेगा. छप्पन भोग की सोचेंगे तो छप्पन भोग मिलेगा. भूत पिशाच की सोचेंगे तो भूत पिशाच मिलेंगे.
और जब आप समझ जाते हैं कि आप अपने लिए स्वयं स्वर्ग या नर्क बुन सकते हैं तो फिर आप इस तरह की अपनी दुनिया को बनाना छोड़ सकते हैं. स्वर्ग या नर्क बनाने की जरूरत फिर किसी को नहीं होती. आप इन झंझटों से निवृत्त हो सकते हैं. मस्तिष्क की यह निवृत्ति ही मेडिटेशन (ध्यान योग) है.
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16
जीवन को किसने समझा
“पथ क्या है?”
“दैनंदिनी जीवन ही पथ है.”
“क्या इसे समझा जा सकता है?”
“यदि आप इसे समझने की जितनी कोशिश करेंगे, तो आप इससे उतना ही दूर जाते जाएंगे.”
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(261)
कुल लाभ
जब बैटीना बंज ने टेनिस से संन्यास लिया, मार्टिना नवरातिलोवा के विरूद्ध उनका रिकॉर्ड 0 - 17 का था। इतनी पराजयों के बाद जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने नवरातिलोवा से क्या सीखा?
बंज ने कहा - "हाथ कैसे मिलाया जाता है।"
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(262)
आदमी और शेर
एक बार एक शेर और एक आदमी साथ-साथ यात्रा कर रहे थे। उनके मध्य यह बहस होने लगी कि कौन ज्यादा ताकतवर और श्रेष्ठ है। उनके मध्य नोक-झोंक तीखी हुई ही थी कि वे चट्टान पर उकेरी गयी एक मूर्ति के पास से गुजरे जिसमें एक आदमी को शेर का गला दबाते हुए दर्शाया गया था।
"वो देखो। हमारी श्रेष्ठता को साबित करने के लिए क्या तुम्हें और किसी प्रमाण की आवश्यकता है?" - आदमी ने गर्व से कहा।
शेर ने उत्तर दिया - "ये कहानी कहने का तुम्हारा नजरिया है। यदि हम लोग शिल्पकार होते तो शेर के एक पंजे के नीचे बीस आदमी दबे होते।"
"इतिहास सिर्फ विजेताओं द्वारा ही लिखा जाता है।"
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(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)
इतिहास सिर्फ़ विजेताओं द्वारा ही लिखा जाता है…सत्य……
हटाएंऔर हाँ, इस किताब के चक्कर में आप पंद्रह दिनों से तकनीक पर कुछ नहीं लिख रहे…
हमारा मन कल्पवृक्ष है, हम जैसा सोचते हैं, बनते जाते हैं।
हटाएंबढि़या शिक्षाप्रद कहानी।
हटाएंशानदार।
हटाएंकल्पतरू पढ़कर तो भीतर तक हिल गया। प्रयास करता हूँ..संभलने का।
सुन्दर बात को बड़ी सुन्दर कहानी में पिरो दिया है
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