ग़रीब कौन? धन्य है, योजना आयोग, धन्य है सरकार. ग़रीब को ग़रीब न छोड़ा. अमीर बना के ही दम लिया. सरकार के मुताबिक यदि कोई दिन भर के खाने मे...
ग़रीब कौन?
धन्य है, योजना आयोग, धन्य है सरकार. ग़रीब को ग़रीब न छोड़ा. अमीर बना के ही दम लिया. सरकार के मुताबिक यदि कोई दिन भर के खाने में न्यूनतम 26 रुपया खर्च करता है, तो वो गरीब नहीं है. दूसरे शब्दों में वो अमीर है.
यदि किसी के खाने में 100 रुपए किलो की दाल है, भले ही पानीदार और पतली ही सही, तो वो गरीब नहीं है.
यदि किसी ने दिन में दो कट चाय पी ली, और एक अदद समोसा खा लिया तो वो गरीब नहीं है.
यदि किसी ने भूले भटके कभी 60 रुपए किलो की फूलगोभी की सब्जी खा ली तो वो किसी सूरत गरीब नहीं होगा.
और, मैं नाहक अपने आप को ग़रीब समझता था जो पेट्रोल के बढ़ते दाम को देखकर हायाबुसा और हार्लेडेविडसन के सपने देखना छोड़ अपनी पुरानी फटफटिया पर चिपका पड़ा था और किसी दिन पैदल हो जाने की संभावना को दिल से स्वीकार करने को तैयार बैठा था!
आपका अपने बारे में क्या विचार है? इस लिहाज से आप भी शर्तिया ग़रीब नहीं हो सकते. आप तो सात पुश्तों से बेहद अमीर खानदान से हैं. है ना?
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व्यंज़ल
यहाँ कौन है अमीर और कौन ग़रीब
सरकार है गरीब या जनता ग़रीब
मानता था अपने को मैं अमीरों में
आज पता चला मुझसा नहीं ग़रीब
अमीर बनके देख लिया चारों तरफ
शांति के लिए बना जाए अब ग़रीब
संसद ही कर सकती है कायापलट
आज अमीरों में है जो कल था ग़रीब
मलाईदार पद कबाड़ी है हमने रवि
अब अपने को दिखाएँ कैसे ग़रीब
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अमीरी का लेबल लगा गया कोई गरीब के माथे
हटाएंवाह बहुत ही सटीक चित्रण किया है।
हटाएंमैं तो गरीब हूँ इस हिसाब से। मेरे पिता इस हिसाब से तो बहुत अमीर हुए। चलिए अब गरीबों की संख्या देश में कम हो गयी। थू सरकार! थू सरकार!
हटाएंएक झटके में खुशहाली आ गयी।
हटाएंबहुत ही सटीक चित्रण किया है। धन्यवाद|
हटाएंहम खुद को अमीर फील कर रहे हैं। जय हो!
हटाएंइस लिहाज से मैं तो अरबपति हो गया।
हटाएंइस हिसाब से तो हम सब अमीर ही है ... तो यह देश भी अमीर |वाह... वाह हमारी सरकार और योजना आयोग |रवि जी आपका व्यंग हमें पसंद आया |
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