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नईख़बर.कॉम - चोरी की सामग्री से सजी साहित्यिक दुकान?

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यदि आपकी साइट की सारी की सारी सामग्री की चोरी कर कोई अन्य साइट अपनी दुकान सजा ले तो आपको कैसा लगेगा? आज मैं गूगल में कुछ सर्च कर रहा था तो ...

10 मार्च की नव दुनिया युवा - हिंदी ब्लॉगों के चोरी के कट-पेस्ट मसाले से रंगा अखबार का पूरा पन्ना!
अरे वाह! मेरी तो लॉटरी लग गई!!
इंटरनेट के सामग्री चोरों से सावधान!

यदि आपकी साइट की सारी की सारी सामग्री की चोरी कर कोई अन्य साइट अपनी दुकान सजा ले तो आपको कैसा लगेगा?

आज मैं गूगल में कुछ सर्च कर रहा था तो नईख़बर.कॉम (http://www.naikhabar.com/poems-story-and-jokes.html) सर्च रिजल्ट में पहले आया. जबकि सामग्री ठेठ रचनाकार.ऑर्ग (http://rachanakar.org) की थी.

मेरा माथा ठनका. मुझे लगा कि रचनाकार.ऑर्ग की रचनाओं को उदाहरण के लिये फिर से छापा गया होगा या कोई एकाध सामग्री साभार पुनःप्रकाशित हुई होगी या किसी लेखक की सहमति से उसकी रचनाएँ रचनाकार.ऑर्ग सहित दोबारा वहाँ प्रकाशित हुई होगी. तो मैं महज जाँच पड़ताल के लिए वहाँ गया.

वहाँ दुख और आश्चर्य के साथ मैंने पाया कि रचनाकार.ऑर्ग की तमाम रचनाएँ वहाँ बड़े शान से प्रकाशित हैं. प्रकटतः रचनाकार.ऑर्ग की फुल फ़ीड को वो बेशर्मी से पुनः प्रकाशित कर रहे हैं और अपने साइट में सामग्री भर रहे हैं. नईखबर के साहित्य खंड के आज का स्क्रीनशॉट ये है जिसमें रचनाकार.ऑर्ग की तमाम नई रचनाएँ यहाँ कॉपी-पेस्ट की गई हैं -

nai khabar-chori

आप देखेंगे कि रचनाकार की तमाम रचनाओं को यहाँ बड़ी ही खूबसूरती से सजाया गया है. यहाँ तक कि अजय 'अज्ञात' की पूरी की पूरी 85 ग़ज़लों को भी रचनाकार स्टाइल में छाप दिया गया है जबकि इस तरह की साइटों में आमतौर पर बड़ी सामग्री को मल्टी पेज (स्क्रॉलिंग नहीं, ताकि बार बार पेज लोड हो) में प्रकाशित किया जाता है! और, कोढ़ में खाज यह कि न तो कहीं रचनाकार.ऑर्ग का नाम दिया गया है और न ही कहीं रचनाकार.ऑर्ग की लिंक दी गई है.

इससे पहले भी रचनाकार.ऑर्ग की विशिष्ट-वृहद सामग्रियों को अन्यत्र प्रकाशित किया जाता रहा है - खासकर एक सरकारी-वित्त-पोषित साइट में, मगर सारी की सारी सामग्रियों को अपनी साइट पर कॉपी-पेस्ट करने की यह विशिष्ट घटना है.

आप सभी पाठकों से आत्मीय आग्रह है कि नेट पर इस तरह के सामग्री डाका के खिलाफ आवाज बुलंद करें नहीं तो कल आपकी साइट की सामग्री के साथ भी यही खतरा हो सकता है. साथ ही नईख़बर.कॉम (http://www.naikhabar.com/poems-story-and-jokes.html)  में छपी चोरी की रचनाओं के नीचे टिप्पणियों में इस संबंध में अपना कड़ा विरोध दर्ज करें. नईख़बर.कॉम में कोई संपर्क सूत्र भी प्रकाशित नहीं है, अलबत्ता डोमेन नेम रजिस्ट्रार के यहाँ कंटेंट चोरी का मामला दर्ज करने की शिकायत प्रारंभ की जा रही है.

आप सभी के सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद.

--

अद्यतन -

यह जाल-स्थल - नईख़बर.कॉम पर एक मित्र की प्रतिक्रिया, जिनकी भी सामग्री को उनसे बिना अनुमति के प्रकाशित किया गया है :

"इस तरह के चोर-उचक्के किसी की अनुमति क्या लेंगें.
नाम-पता तो छोड़ो, ये भूतनी का तो अपने फ़ेसबुक की wall तक पर ढक्कन
लगाए बैठा है. ये कमीना चोर ही नहीं है, अव्वल दर्ज़े का डरपोक भी है.
इसके फेसबुक के सभी मित्रों को ये ख़बर दे रहा हूं."

मित्र की बात सत्य प्रतीत होती है क्योंकि डोमेन-टूल्स द्वारा इस जाल-स्थल के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर इसके संपर्क-सूत्रों का कोई अता पता दर्ज नहीं मिलता है -

 

naikhabar domain name

COMMENTS

BLOGGER: 17
  1. चोरी तो दुर्भाग्यपूर्ण है, लेखक को श्रेय अवश्य मिले।

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  2. पर ऐसे चोरों को कितने लोग पढ़ने आयेंगे। खैर एक न एक दिन तो पोल खुल ही जायेगी।

    जवाब दें हटाएं
  3. इस चोरी के खिलाफ़ तो आवाज उठनी ही चाहिए। जाता हूँ उस साइट पर।

    जवाब दें हटाएं
  4. ये तो सरासर गलत बात है इसके खिलाफ़ कार्यवाही की जानी चाहिये।

    जवाब दें हटाएं
  5. दुर्भाग्यपूर्ण|
    अभी उन्हें लताड़कर आते है|
    way4host

    जवाब दें हटाएं
  6. चेता आयें है समझदार होगा तो समझ जायेगा|
    way4host

    जवाब दें हटाएं
  7. आज ही मैंने ऐसे तीन जालपृष्ठ देखे जहाँ मेरी वेबसाईट की बिलकुल ताज़ा कहानियां बिना किसी आभार या लिंक आदि के पोस्ट की गयीं हैं.
    समस्या बढ़ती जा रही है. गूगल बाबा को बताओ तो वे अलाँ-फलाँ जगह फैक्स से कम्प्लेंट भेजने को कहते हैं.
    दिक्कत यह भी है कि पोस्टें चुरानेवाले बंधुवर दबे-छिपे काम करते हैं. उन्हें घुड़काना भी कठिन है. क्या पता वो हमारे परिचित ही हों.

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  8. रवि भाई, चोरो से सतर्क करने का आपका प्रयास सराहनीय हैं.
    ----ब्लागर्स जागते रहे!-----

    जवाब दें हटाएं
  9. privacyprotect.org पर जाईये और वहाँ Report Abuse का फार्म भर दीजिए तथा जैसा वहाँ लिखा है चोरी के प्रमाण भी दे दीजिए, वे आपको डोमेन मालिक की संपर्क जानकारी प्रदान कर देंगे जो उनके पास होगी। आवश्यक नहीं कि वह जानकारी सही हो, जो डोमेन मालिक ने उनके पास डाली होगी वही उनके पास होगी।

    साथ ही आप WHOIS रिज़ल्ट में देखेंगे, लिखा है कि यह डोमेन Dash Solution द्वारा रजिस्टर किया गया है, यानि डोमेन मालिक को सेवा उन्होंने प्रदान की है। उनके पास भी ईमेल बमय प्रमाण भेज दें और अनुग्रह करें कि वे डोमेन मालिक को सूचित करें अन्यथा आप लीगल नोटिस भेजने पर विवश हो जाएँगे। साथ ही आप गूगल के पास भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको उन्हें DMCA के तहत कॉपीराईट उल्लंघन की शिकायत दर्ज करनी होगी, उसके लिए यहाँ देखें। यदि आपकी शिकायत गूगल को वाजिब लगी तो वह वेबसाइट गूगल अपने खोज परिणामों से हटा देगा और उसको ब्लैकलिस्ट कर देगा, और उस व्यक्ति का चोरी करने का जो मकसद था वह समाप्त हो जाएगा।

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  10. @अमित,
    बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद. जल्द ही अमल करता हूं.

    जवाब दें हटाएं
  11. चोरी दुर्भाग्यपूर्ण है !

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  12. बेनामी10:04 pm

    हद है भई

    जवाब दें हटाएं
  13. बेनामी9:28 am

    क्या आप ब्लॉगप्रहरी के नये स्वरूप से परिचित है.हिंदी ब्लॉगजगत से सेवार्थ हमने ब्लॉगप्रहरी के रूप में एक बेमिशाल एग्रीगेटर आपके सामने रखा है. यह एग्रीगेटर अपने पूर्वजों और वर्तमान में सक्रिय सभी साथी एग्रीगेटरों से कई गुणा सुविधाजनक और आकर्षक है. उदाहरण स्वरूप आप यह परिचय पन्ना देखें उदहारण हेतू पन्ना . क्या आपको इससे बेहतर परिचय पन्ना कोई अन्य सेवा देती है. शायद नहीं ! यह हम हिंदी ब्लोगरों के लिए गर्व की बात है.

    इसे आप हिंदी ब्लॉगर को केंद्र में रखकर बनाया गया एक संपूर्ण एग्रीगेटर कह सकते हैं. मात्र एग्रीगेटर ही नहीं, यह आपके फेसबुक और ट्वीटर की चुनिन्दा सेवाओं को भी समेटे हुए है. हमारा मकसद इसे .सर्वगुण संपन्न बनाना था. और सबसे अहम बात की आप यहाँ मित्र बनाने, चैट करने, ग्रुप निर्माण करने, आकर्षक प्रोफाइल पेज ( जो दावे के साथ, अंतरजाल पर आपके लिए सबसे आकर्षक और सुविधाजनक प्रोफाइल पन्ना है), प्राइवेट चैट, फौलोवर बनाने-बनने, पसंद-नापसंद..के अलावा अपने फेसबुक के खाते हो ब्लॉगप्रहरी से ही अपडेट करने की आश्चर्यजनक सुविधाएं पाते हैं.

    सबसे अहम बात , कि यह पूर्ण लोकतान्त्रिक तरीके से कार्य करता है, जहाँ विशिष्ट कोई भी नहीं.

    कृपया पधारें.. और एक एग्रीगेटर. माइक्रो ब्लॉग जैसे ट्वीटर और सोशल नेट्वर्क..सभी की सुविधा एक जगह प्राप्त करें .. हिंदी ब्लॉग्गिंग को पुनः लयबद्ध करें.
    अभी अपना ब्लॉग शामिल करें और साथ-साथ सोशल नेट्वर्किंग का भी आनंद लें
    टीम ब्लॉगप्रहरी

    जवाब दें हटाएं
  14. हद है चोरी की। अमित के सुझाव विचारणीय हैं।

    जवाब दें हटाएं
  15. हद है एकदम से लोगों की। अमित जी की दी जानकारी अहम है और आप तो स्वयं तकनीकी मामलों के माहिर हैं, आप से उचित कार्यवाही की अपेक्षा करते हैं।

    जवाब दें हटाएं
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