नूरजहाँ नामक 3.5 किलो के 1 नग आम की कीमत यदि 300 रुपए हो तो ये कहावत सच साबित तो होगी ही! -- नूरजहाँ - एक और दृश्य : .... ...
नूरजहाँ नामक 3.5 किलो के 1 नग आम की कीमत यदि 300 रुपए हो तो ये कहावत सच साबित तो होगी ही!
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चलिए, इसी बहाने अब आम-उत्सव मना ही लेते हैं -
-- लोटिया चौसा :
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-- लंगड़ा :
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-- तोतापरी :
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-- लखनऊ सफेदा :
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-- सुर्खा झाखड़बाग :
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-- काला पहाड़ :
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-- पायरी :
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-- हुस्न आरा :
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-- केसर :
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-- नायाब :
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-- राजापुरी
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-- देसी :
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-- अम्बिका
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-- अरदायू :
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-- सिन्धु :
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-- तोतापरी -2 :
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-- दशहरी :
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-- आम्रपाली :
.... गुलाब खास :
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-- चितला :
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मुंह में पानी आया कि नहीं ?
क्या अन्दाज़ है।
जवाब देंहटाएंआपकी रचना तेताला पर भी है ज़रा इधर भी नज़र घुमाइये
http://tetalaa.blogspot.com/
aap ka jababa nahe
जवाब देंहटाएंमुंह में पानी आया कि नहीं ? आया !
जवाब देंहटाएंअब आप एक टोकरी सीडनी भी भिजवा दिजिये ! यहां नही मील रहे है!
पानी,खटास और मिठास सब एक साथ आई....
जवाब देंहटाएंआभार :आमो का ,उनके नामों का ,परिचय कराने के लिए ...
शुभकामनायें!
आम आदमी कैसे खाएगा आम? महंगा भी है। लेकिन आप तो आम्रपुराण सुना रहे हैं। मैं तो सिर्फ़ खाने से मतलब रखनेवाला प्राणी हूँ और आप तो चित्र के साथ नाम भी बता गए। धन्यवाद जैसे शब्द तो इतने बोले गए हैं कि अब कहने का मन नहीं करता। यह शब्द नए लोगों के लिए नए लोगों द्वारा है। इसलिए कहता हूँ कि अब आगे भी ऐसा पुराण-पाठ सचित्र मिलता रहेगा।
जवाब देंहटाएंmama ji ye kya? aise photo lagawoge to humara kya hoga. yaha nahi milta muh me pani aa gaya or jo milta hai kabhi kabhi usme wo baat nahi hoti jo waha ki hai.
जवाब देंहटाएंअन्त में चितला आम तो कुछ अलग ढंग का ही नजर आता है।
जवाब देंहटाएंचितला आम नहीं खाया कभी मैंने इस बारे कोई और जानकारी ....
जवाब देंहटाएंपानी ही नहीं आया वरन पेट भी भर गया।
जवाब देंहटाएंजालिम पोस्ट.
जवाब देंहटाएंब्लॉग की एक कमी आपने उजागर कर दी - यहॉं केवल चित्र ही प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
जवाब देंहटाएंआम की इतनी श्रेणियॉं और इतने नाम हैं - यह पहली बार जाना। जी किया कि हर किस्म के आम को चख लिया जाए।