"....अगर हमारे देश में भ्रष्टाचार नहीं होता तो आज हमारी तस्वीर संसार के विश्वपटल पर कुछ और ही होती। सरकार में बैठे लोग चाहे मंत्री हों ...
"....अगर हमारे देश में भ्रष्टाचार नहीं होता तो आज हमारी तस्वीर संसार के विश्वपटल पर कुछ और ही होती। सरकार में बैठे लोग चाहे मंत्री हों या अधिकारी ईमानदारी और शिष्टाचार के तहत कुछ नहीं करते। २००४ में सर्वप्रथम यह हिन्दी सॉफ़्टवेयर मैंने प्रदेश सरकार के एक सचिव स्तर के अधिकारी को दिखाए थे। उन्होंने वल्लव भवन में अपने चैम्बर में मुझसे कहा था की आपका हिन्दी सॉफ़्ट्वेयर का कार्य बहुत अच्छा है, लेकिन आप यहाँ जिस कुर्सी पर बैठे हैं वहाँ माइक्रो***** जैसी कम्पनी वाले भी आकर बैठते हैं जोकि हम पर करोड़ों रूपये खर्च करते हैं। आपसे हमें क्या मिलेगा?तो मैंने कहा था, “मैं क्या दे सकता हूँ, आप तो जानते हैं मैं तो एक साधारण से किसान परिवार से हूँ।” तो उस अधिकारी ने बहुत ही रूखा व्यवहार किया था और देश के लाखों लोगों के काम आ सकने वाले मेरे कार्य को इस अधिकारी ने फ़ाइलों में ही दबा दिया..." आगे पढ़ें >>>
यह बात हिंदी सॉफ़्टवेयर डेवलपर जगदीप डांगी ने अपने ताज़ा साक्षात्कार में कही है. साक्षात्कार में जगदीप ने हिंदी कंप्यूटिंग पर और भी बहुत सी बेबाक बातें कही हैं. पूरा साक्षात्कार आप यहाँ पर पढ़ सकते हैं.
देश की मानसिकता पंगु है!
हटाएं[यद्यपि सचिव स्तर का व्यक्ति ऐसी लम्पटई करे, आश्चर्य हुआ!]
काफी बढ़िया साक्षात्कार है, काफी प्रेरणा दायक है मैं भी कम्पुटर क्षेत्र मे पढ़ाई कर रहा हूँ ये जानकारी रोचक है
हटाएंधन्यवाद उपलब्ध करवाने के लिए
रवी भाई हिन्दी बलोगरो को भी इस प्रकार की घटना से रूबरू होने का अवसर मिलता है | मैंने भी अपने गाँव पर एक बलौग बनाने का विचार किया इस ब्लॉग में सभी शिक्षण संस्थाओं की जानकारी डालने हेतु शिक्षण संस्थाओं से संपर्क किया तो उनका व्यवहार निराशा जनक रहा था | उन्होने मुझसे यही कहा इस जानकारी को ब्लॉग पर लगाने से उन्हें स्वय को क्या लाभ होगा | ये भी उन स्कूलों के व्यवस्थापको ने कहा जो आजादी से पूर्व में स्थापित की गयी थी | मैंने उन्हें यह कहा कि अगर आपकी तरह स्कूल के स्वामी भी अगर अपने लाभ की सोचते तो आज ये स्कूल बनती ही नहीं,क्यों कि उनका उद्देश्य केवल उस समय समाज सेवा था |
हटाएंउस बलोग क पता है बगड टाइम्स
Koi baat nahin... to bhi pahiye ka avishkar kitni der nkaar sakte hain ye paidal log !
हटाएंसच कहा आपने, जो सबका भला करे, उसमें भी लोग अपना भला देखने लगते हैं।
हटाएंअब क्या कहे कोई चाहता ही नहीं की देश का विकाश हो ...
हटाएंबहुत ही अच्छा काम किया है आपने रवि जी! मैंजगदीप जी के बारे में नहीं जानता था लेकिन आई-ब्राउजर, अनुवादक को आदि पहले से जानता था लेकिन कोई भी साफ्टवेयर इंस्टाल करने के बाद अगर काम करे तभी उसके बारे में कुछ ज्यादा खोजने की आदत है और ये सारे साफ्टवेयर विंडोज 98 वाले थे इसलिए काम नहीं कर पाए। लेकिन जब आपने इस साक्षात्कार को पढ़वाया तब जाकर मालूम हुआ कि जगदीप जी का काम बहुत बड़ा है। कम से कम अंग्रेजी वालों सामने भारत में एक हिन्दी कम्प्यूटिंग पर काम करने वाला अच्छा आदमी तो है। ऐसे ऐसे लोगों के बारे बताते रहिए।
हटाएंभाषा ही नहीं देश भी पिछड़ रहा है इसी भ्रष्ट मानसिकता से
हटाएंव्यवस्था पर दुख तो होता है।
हटाएंबहुत अच्छी पोस्ट का लिंक दिया है।
नेताओं से ज्यादा इस देश का बंटा ढार इन ब्यूरोक्रेट्स ने ही किया है यदि ये इमानदार होते तो नेता कुछ भी भ्रष्टाचार नहीं कर सकते थे |
हटाएंअफ़सोस हुआ एक बार फ़िर यह जानकर कि निर्णय लेने वाली सीट पर ऐसे चिरकुट लोग बैठे हैं।
हटाएंदुःखद स्थिति, ऐसी ही नीतियों के कारण हिन्दी कम्प्यूटिंग का मार्ग ऐसा दुरूह बना।
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