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भारतवंशियों स्वदेश लौटो!

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अंग्रेज़ों भारत छोड़ो की तर्ज पर ये गुहार है. गुहार नहीं, बल्कि एक आंदोलन है. भारत के शीर्ष पर बैठे राजनेता द्वारा छेड़ा गया आंदोलन. ऐसे म...

बुरा हो तेरा इंटरनेट, तूने मुझे बहुत बुद्धिहीन बनाया!
डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दे...
कैंडी क्रश से डरने वालों अब जरा खुश होकर दिखाओ!

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अंग्रेज़ों भारत छोड़ो की तर्ज पर ये गुहार है. गुहार नहीं, बल्कि एक आंदोलन है. भारत के शीर्ष पर बैठे राजनेता द्वारा छेड़ा गया आंदोलन. ऐसे में भारतवंशियों को भारत लौटना ही चाहिए. वैसे भी, भारतवंशियों को भारत से बाहर किसी सूरत जाना ही नहीं चाहिए, और यदि चले गए हैं तो बिना देरी के, तुरंत वापस आ जाना चाहिए. बिना किसी आंदोलन या गुहार के उन्हें वापस आना चाहिए. भारतवंशियों के वापस भारत लौटने के बढ़िया, कुछ टॉप के कारण ये हो सकते हैं –

#1 – भारत की धूल भरी, गड्ढेदार, भीड़ भरी, सांडों और गायों से अटी-पटी, षोडशी नारी की कमर से भी पतली, सदैव जाम युक्त सड़कों का क्या मुकाबिला? सिक्स लेन की खाली सड़क पर गाड़ी दौड़ाने में भी कोई मजा है लल्लू?

#2 – सत्यम के राजू की याद है आपको? या ताजातरीन कोडा? बोफ़ोर्स और चारा घोटाला? हजारों करोड़ रुपए देखते ही देखते बना सकने की सुविधा किसी और देश में है? फिर क्यों बुड़बक की तरह बाहर चले गए हो? जल्द लौट आओ. भारतवंशियों, आपके टैलेंट की जरूरत भारत में बहुत है.

#3 – राजा-महाराजा तो बीते जमाने की बातें हैं? हो सकता है. पर यहाँ भारत में आप अब भी ठसके से राजा-महाराजा की तरह रह सकते हैं – दो शुद्ध सपाट तरीके हैं – नेतागिरी में उतर आइए संसद की कुर्सी कब्जाइये, या फिर सिविल सेवा जॉइन कर सरकारी अफसरी की कुर्सी कबाड़ लीजिए. नेतागिरी में तो फिर भी पाँच-साला चक्कर रहता है. सिविल सेवक तो भारत में ताउम्र महाराजा स्टाइल मार सकता है. फिर क्यों आप विदेशी नौकरी बजा रहे हैं?

#4 – अगर आप ऊंची जाति के हैं तो आप वापस आएँ, क्योंकि दुनिया में कहीं भी ऊँची जाति वालों को इतनी इज्जत नहीं मिलती. ऊंची जाति वालों, अपनी बेइज्जती करवाने, अपनी जाति को खाक में मिलाने विदेश चले गए हैं? हद है! इसी प्रकार, यदि आप बैकवर्ड जाति के हैं तो आपको तो तत्काल भारत लौटना ही चाहिए. तमाम किस्म के आरक्षण जैसी सुविधाएँ विदेशों में कहीं मिलती हैं भला?

#5 – अगर आप डॉक्टर हैं तो वापस आएं, क्योंकि पान-गुटका-तम्बाकू से लेकर नकली दूध-दवाई तक और मच्छर मक्खी से लेकर भारी भरकम जनसंख्या तक सभी तरह के कारणों से यहाँ मरीजों की कमी कभी नहीं होगी और आपका धंधा चकाचक चलेगा. अगर आप इंजीनियर हैं तो सरकारी ठेके के 85 प्रतिशत (यह बात तो स्व. राजीव गांधी भी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर चुके थे) कमीशन आपको बुला रहे हैं. यदि आप वकील हैं तो यहाँ जाति-धर्म-पंथ इत्यादि के कभी न खत्म होने वाले झगड़े टंटे के मुकदमों की कमी नहीं है – मुकदमों के लिए तो बीस साल का वेटिंग लिस्ट अभी ही है....

वैसे तो सैकड़ा भर और भी धांसू कारण गिनाए जा सकते हैं, जिनके बिना पर विदेश जा बसे भारतीयों को वापस भारत आना ही चाहिए. मगर फोकट में लिस्ट लंबी करने से क्या फायदा. समझ तो वो भी रहे होंगे. बस उन्हें एक बार जोर से ललकारने की जरूरत है – भारतीयों, भारतवंशियों, भारत लौटो!

COMMENTS

BLOGGER: 14
  1. जोगणा या जोगड़ा? यहाँ और यहाँ देखिए।

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  2. लगता है कि हवाई कम्पनियों से आपका कुछ पैक्ट हुआ है। आप भारतवंसियों को बुलाना चाहते हैं ताकि आने-जाने में हवाई कम्पनियों की कुछ आमदनी हो सके।

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  3. आते हैं जल्दी ही...

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  4. सही कह रहे हैं आप
    यही समझ में नहीं आता है, की हमारे नेता किस बिना पर इस तरह का वादा करतें है

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  5. !!खूब कहा आपने!!

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  6. इतने तगड़े कारण गिनाएं है कि शायद ही कोई अपने को आने रोक पाए.

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  7. नही आयेंगे वहां हमारा भाव ज्‍यादा है क्‍या पता कभी प्रेसिडेन्‍ट भी बन गये तो...

    खैर आपसे एक प्रश्‍न है - hindi blog गुगल सर्च करने से आपकी ब्‍लाग मिली पर एक छोटा लगने वाला ब्‍लाग hindi.blogspot.com आपके ठीक नीचे है क्‍या गूगल को ठीक से रैकिंग नही बनती या क्‍या बात है ?

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  8. बंधू मैं तो इनकी सलाह के पहले ही वापस आ गया हूँ ( करीब करीब )
    नेतागिरी भी कर रहा हूँ . बेवकूफ था जो पकी पकाई पक्की मलाईदार सरकारी नौकरी में ' अडजस्ट ' न कर खुद को , ' भगोड़ा ' बन गया था .अब तो फिल्म भी बना रहा हूँ , इन्हीं सच्चाईयों पर .
    वैसे आपने बात बड़ी 'पक्की ' कही है . कुछ बेवकूफ अभी भी खुद ही मालिक ,खुद ही नौकर की दोहरी ज़िन्दगी झेलते और उसी को बादशाही समझते वहीं डटे पड़े हैं .सिर्फ ' उड़न छू ' लाल ने आपके आलेख को पढने के बाद इसे गंभीरता से लिया है ? ! .
    वैसे तो आपका हर व्यंग ( ? ) लेखन मस्त करता है ,पर इस आलेख की छटा ही निराली है .
    इसी बात पर मेरे फूलों की छीटें और बौछारें ही नहीं , तूफ़ान संभालो .

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  9. आयुष्मान जी,
    हिन्दी.ब्लॉगस्पाट इस मामले में बड़ा है कि यहाँ पर विश्व की पहली हिन्दी पोस्ट लिखी गई थी.

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  10. महाराज, अपना सेलफ़ोन नंबर ज़रा बढ़ाइयेगा? IME बरतता रहा हूं, उसके एक टंटे का क्‍लैरिफिकेशन चाहिए, indiaroad@gmail.com पर मुझे एक लाइन का मेल मार दीजिए...

    जवाब दें हटाएं
  11. Hi,

    Hope you are doing well! This is Anamika Tiwari from Webneetech.com. At present we are interviewing entrepreneurs and now we are starting another section to feature (interview) bloggers and their blog on webneetech.com

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    Regards,
    Webneetech.com

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  12. ... रोचक अभिव्यक्ति !!!!

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  13. @ सिक्स लेन की खाली सड़क पर गाड़ी दौड़ाने में भी कोई मजा है लल्लू?

    नाहीं महाराज.. असली आनंद तो सड़किया के किनारे फुटपाथ पर गाड़ी चढ़ाने में है।

    जवाब दें हटाएं
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