आधुनिक सन्दर्भों में दया के पात्र कौन कौन हो सकते हैं भला? आइए, एक नजर डालते हैं – · एम-पी, एमएलए जिनके पास 100 करोड़ से कम घोषित-अघोषित...
आधुनिक सन्दर्भों में दया के पात्र कौन कौन हो सकते हैं भला? आइए, एक नजर डालते हैं –
· एम-पी, एमएलए जिनके पास 100 करोड़ से कम घोषित-अघोषित सम्पत्ति है.
· वर्तमान, पूर्व-मंत्री जिनके पास 1000 करोड़ से कम घोषित-अघोषित सम्पत्ति है.
· सरकारी अफसर जिसके बँगले की कीमत (इंटीरियर अलग,) 1 करोड़ से कम है.
· सरकारी बाबू जिसकी मासिक ऊपरी आय उसके अधिकतम वेतनमान से चार गुना कम है.
· संपूर्ण जीत की संभावना वाले तमाम बाहु-बली जिन्हें ऐन-केन-प्रकारेण पार्टी टिकट नहीं मिला.
· संपूर्ण हार की संभावना वाले हाई-प्रोफ़ाइल नेता जिन्हें ऐन-केन-प्रकारेण पार्टी टिकट जबरन मिल गया.
· मार्क्सवादी, सपा, बसपा, तीसरा-चौथा मोर्चा....
वैसे तो ये सूची हाई फ्लैक्जिबल सिलिकॉन रबर की माफ़िक लंबी खिंचती चली जाएगी और कभी टूटेगी ही नहीं, मगर इरादा आपको एकता के सीरियलों की तरह खींच कर बोर करने का भी नहीं है. लिहाजा, व्यंज़ल मुलाहिजा फरमाएँ:
व्यंज़ल
दया बांटने वाला खुद हो गया है दया का पात्र
आदमी के सामने ईश बना हुआ है दया का पात्र
अभी हँस लो यारों उन बेवकूफ़ी भरी चालों पर
नतीज़े जल्द बताएंगे कि कौन है दया का पात्र
सख़्त से सख़्त सज़ा उसको मिलनी ही चाहिए
आज का आदमी हरगिज नहीं है दया का पात्र
सीमेंट कंक्रीट के जंगलों में अपने को कैद कर
खुद को आदमी ने बना लिया है दया का पात्र
यार चलो चलें कहीं किसी और ब्रह्मांड में रवि
अगरचे यहां बनके नहीं रहना है दया का पात्र
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यह सुपात्र पोस्ट टिप्पणी के पात्र तो है ही.
हटाएंऔर जिनकी ऊपरी कमाई ४ गुना से भी कम तो फिर वे क्या हुए रवि जी ? घृणा के पात्र ! न !
हटाएंनया ब्लॉग बनाकर ठेलते रहे कविता पे कविता।
हटाएंफिर भी टिप्पणी न आये तो हुए दया के पात्र॥
हे प्रभु, यह जन्म तो वृथा गया। अगले में दया का पात्र न बनाना! :-)
हटाएंbhai raviji, kaam toh bareek karte ho......aapki rachna,aapki vyanzal achhi lagi, badhai ho
हटाएंVow sach ke saamne aaina raha gaya hai.
हटाएंabhivyakti mein dum hai
Devi Nangrani