आपने गुलाब के फूलों की कितनी किस्में एक साथ देखी हैं? बात इंटरनेट पर या सीडी-रॉम एनसाइक्लोपीडिया या किताबों-पत्रिकाओं में देखने की नहीं हो र...
आपने गुलाब के फूलों की कितनी किस्में एक साथ देखी हैं? बात इंटरनेट पर या सीडी-रॉम एनसाइक्लोपीडिया या किताबों-पत्रिकाओं में देखने की नहीं हो रही है, बल्कि प्रत्यक्ष देखने की हो रही है. लाल गुलाब, पीले गुलाब, हरे गुलाब, नीले और काले गुलाब. सफेद, छींटदार गुलाब. बटन गुलाब, चांदनी गुलाब. और न जाने क्या क्या गुलाब. पिछले दिनों रोज सोसायटी भोपाल द्वारा अखिल भारतीय गुलाब पुष्प प्रतियोगिता व प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. हजारों गुलाब की किस्में. हर गुलाब एक से बढ़कर एक. जैसे हर फूल को बड़े जतन से बड़ा किया गया हो. इतने सारे सुंदर, महकते फूलों को एक साथ देखना चमत्कृत होने जैसा अनुभव था.
मेरे पुरातन, कालातीत, परंतु अभी भी बढ़िया काम कर रहे कोडक इजीशेयर 2 मेपि कैमरे से खींचे गए गुलाब के कुछ पुष्प आपको भी नजर हैं.
प्रदर्शनी की खास बात मुझे ये नजर आई कि यहाँ बहुत से शासकीय विभागों की भी प्रविष्टियाँ थीं, जिनमें पिछले कई वर्षों से कई कई श्रेणियों में गुलाब प्रदर्शनी व प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार पाने वाला विभाग बीएचईएल भी था, और इस वर्ष भी स्थिति जुदा नहीं थी. बीएचईएल में खास अलग से गुलाब उद्यान है.
बीएचईएल के उद्यान प्रभारी श्री शैलेन्द्र अग्रवाल हैं जो पेड़ पौधों से बेहद प्यार करते हैं और उनकी लगन व मेहनत का ही परिणाम है कि बीएचईएल पिछले कई वर्षों से लगातार गुलाब पुष्प प्रतियोगिता में सफलता के नए सोपान रचते आ रहा है. बीएचईएल के गुलाब उद्यान में कोई पांच हजार गुलाब के पौधे हैं.
श्री शैलेन्द्र अग्रवाल अपने कार्यालय के सामने. कार्यालय की सज्जा व सख्त चेतावनी संदेश – फूल तोड़ना सख्त मना है – से उनके प्रकृति प्रेम का पता चलता है.
बहुत सुंदर! बहुत बिढ़या! सचमुच, गुलाब उन फूलों में सर्वोपरि है, जिनमें सुंदरता के साथ-साथ सुगंध भी होती है यानि कि रूप के साथ-साथ गुण भी! बधाई!
हटाएंफूल ही फूल खिल उठे हैं मेरे मन में…
पढ़कर मेरे मन में खिले फूलों के साथ कुछ फूल और शामिल हो गए!
निश्चित रूप से यह फोटो-फीचर पढ़नेवालों को प्रकृति से प्रेम करना सिखाएगा!
सरस पायस पर एक गुलाब कुछ और फूलों के साथ आपकी प्रतीक्षा कर रहा है!
गुरुजी! आधी रात होने को है। थकान से शरीर चूर-चूर है। पलकें झपकती हैं तो उठने से इंकार कर रही हैं। ऐसे में आपके गुलाब देखे। नींद हवा हो गई और थकान कपूर।
हटाएंकडकडाती इस सर्द रात में आपने तो रंग और सुवास का मेला लगा दिया। खुद गुलाब होकर ओस में भीग जाने का मन होने लगा।
वाह वाह रतलामी साहब ! क्या गुलिस्तां की सैर करा दी आपने, दिल बाग़ बाग़ हो गया.
हटाएंशायद जगह नसीब हो उस गुल के हार में
मैं फूल बन के आऊंगा अबके बहार में
गुलाब के इतने सुन्दर फ़ूलों के चित्रों के लिये धन्यवाद.
हटाएंधन्य्वाद जी!!!!!
हटाएंचलिए कम से कम इन्टरनेट पर तो देख लिया :-)
हटाएंहमारे कॉलेज में भी ऐसा शो होता था, तभी कुछ इतने फूल एक साथ देखे थे.
बहुत खूब....साक्षात तो देख ही आए थे...पर तस्वीरों के गुलाब ज्यादा हसीन नजर आए...
हटाएंगुलाबों से गुलजार पोस्ट, वाह !
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