खांटी चिट्ठाकार के पास माइंड रीडर मशीन आ गई तो उसने सोचा कि क्यों न अपने चिट्ठापोस्टों के टिप्पणीकारों के दिमागों में झांक कर देखा जाए. ...
खांटी चिट्ठाकार के पास माइंड रीडर मशीन आ गई तो उसने सोचा कि क्यों न अपने चिट्ठापोस्टों के टिप्पणीकारों के दिमागों में झांक कर देखा जाए. प्रतिफल ये रहे–
- टिप्पणी थी – बहुत बढ़िया, लिखते रहें. मशीन ने बताया : एकदम घटिया! क्या बेकार लिखा है. तुम चिट्ठा लिखते आखिर क्यों हो? कोई और काम नहीं है इसका मतलब ये तो नहीं....
- टिप्पणी थी – मजा आ गया. बहुत सुंदर लिखते हैं आप. मशीन ने सही किया : मुंह का स्वाद कड़वा हो गया. इतना बेकार क्यों लिखते हैं आप?
- टिप्पणी थी – क्या बात है, वाह! मशीन ने सुधारा : ये भी कोई बात हुई, धत्.
- टिप्पणी थी – बहुत बढ़िया कटाक्ष किया है. मशीन ने असल बात बताई : सेंस ऑफ ह्यूमर तो है नहीं और ह्यूमर दिखाने चले.
- टिप्पणी थी – मैं आपसे पूर्णतः सहमत हूं. मशीन ने असलियत उजागर की: आपकी किसी भी बात पर किसी को भी इत्तेफाक नहीं हो सकता.
- टिप्पणी थी – बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी है. मशीन ने वस्तुस्थिति स्पष्ट की : क्या बासी जानकारी टीप कर परोस रहे हो
- टिप्पणी थी - क्या लिखते हैं, हंसते हंसते बुरा हाल हो गया. अगली पोस्ट का इंतजार. मशीनी जानकारी : सचमुच बुरा हाल हो गया हंसते हंसते. लिखने चले महाभारत, लिख मारे रामायण. अब अगली पोस्ट मत ठेलना.
- टिप्पणी थी - शब्द संचयन को माध्यम बनाकर बड़ी गहरी बात कह डाली. मशीन ने सुधारा : शब्दों के बड़े जादूगर बनने चले हो, जो कह रहे हो, वो समझ भी रहे हो?
- टिप्पणी थी – बहुत गहरी अभिव्यक्ति है, मजा आ गया. मशीन ने सत्य बात बताई : अत्यंत छिछली किस्म की अभिव्यक्ति. बोर कर दिया.
- टिप्पणी थी - शब्दों के माध्यम से बहुत सुंदर चित्र खींचा है, साधुवाद स्वीकारें. मशीन ने सत्यता बयान की: शब्दों के ऊलजलूल प्रयोग से कभी पोस्टें बनती हैं? राक्षसवाद स्वीकार करें.
- टिप्पणी थी – कहां से लाते हैं इतनी बढ़िया फोटो. मशीनी सुधार : फ्लिकर से मार मार कर अपनी पोस्ट सजाते हो, शर्म करो.
- टिप्पणी थी – कहाँ थे अब तक, छा गए. मशीन का कटु-सत्य : अब तक जहाँ थे, वहीं ठीक थे. कचरा फैलाने क्यों आ गए.
(टिप्पणियाँ – इस चिट्ठा पोस्ट से साभार)
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बहुत बढ़िया, लिखते रहें.
हटाएंमजा आ गया. बहुत सुंदर लिखते हैं आप.
क्या बात है, वाह!
बहुत बढ़िया कटाक्ष किया है.
मैं आपसे पूर्णतः सहमत हूं.
बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी है.
क्या लिखते हैं, हंसते हंसते बुरा हाल हो गया. अगली पोस्ट का इंतजार.
शब्द संचयन को माध्यम बनाकर बड़ी गहरी बात कह डाली.
बहुत गहरी अभिव्यक्ति है, मजा आ गया.
शब्दों के माध्यम से बहुत सुंदर चित्र खींचा है, साधुवाद स्वीकारें.
कहां से लाते हैं इतनी बढ़िया फोटो.
कहाँ थे अब तक, छा गए.
अब क्या कहता है आपका मशीन?? पक्के से हैंग होना है उसे..
हम चुप रहे गे ??
हटाएंइब सोच रहा हूँ कैसे टिपिया छोडू ?आपके कन्ने मशीन आ गई ससुरी सब पढ़ लेगी ....पर एक बात आपने फोटो में जो कैप्शन लगाया है उसे बता दे कैसे लगाया है ?एक क्लास ले लेगे तो हम बालको का भला हो जायेगा
हटाएंइतना यथार्थ लेखन भी अच्छा नहीं :-)
हटाएंमैं जो कहना चाहता था वो प्रशांत ने कह दिया। प्रशांत की बात तो मेरा मान लिया जाय लेकिन इसका माइन्ड रीडर से अनुवाद न किया जाय।
हटाएंहा हा-- हमें अशोक चक्रधर जी की एक कविता याद आ गयी जो कुछ इसी तर्ज पर थी कि उनके पास एक मन पढ़ने का यंत्र था
हटाएंशब्दों के ऊलजलूल प्रयोग से कभी पोस्टें बनती हैं? राक्षसवाद स्वीकार करें.
हटाएंमशीन से कहिए.. ज़रा बताए की इस टिप्पणी का अनुवाद क्या होगा
धांसू है
हटाएंटिप्पणी संचयन को माध्यम बनाकर बड़ी गहरी बात कह डाली.
हटाएं---
ये मेरी टिप्पणी लिस्ट कहाँ से उठा ली??
आपकी ये पोस्ट बहुत खराब थी, मजा नहीं आया
हटाएं- सतीश पंचम
Mind Reader का अनुवाद क्या है , जरा पता कर लेना, फिर समझ लेना......वैसे सच्ची मुच्ची कह रहा हूं....ये पोस्ट बहुत खराब है
मुझे तो बना बनाया टिप्पणी कोष मिल गया। यह भी कि कहाँ क्या टिप्पणी करनी है। नहीं तो कम से कम आप की पोस्टों पर सब से ज्यादा सोचना पड़ता है कि क्या टिप्पणी करूँ? और अक्सर टिप्पणी छूट जाती है।
हटाएंक्या कहेगी मशीन मेरी इस टिप्पणी पर?
हटाएंजमाए रहिए जी...
सुन्दर...
अद्भुत...
सटीक...
.
हटाएंबहुत खूब, लगे रहिये, जमाये रहिये...इत्यादि इत्यादि
क्षमा करियेगा रवि भाई ,
( आप तो वैसे भी क्षमाशील हैं )
इससे अधिक एक शब्द भी कुछ और कह न पाऊँगा..
क्योंकि.. संप्रति ताला लगा भया है..
' अभी वक्त गुणवत्ता की कसौटी कसने का नहीं है - संख्या बढाने का है '
स्वामी टिप्पणी संहिता से - साभार
.
हटाएंहुड़ीबाबा..यहाँ तो संदेशा आ गया !
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कहाँ, किससे,कितने बजे संपर्क करना होगा,
कि हमारी टिप्पणी का क्या हुआ..
डिस-एप्रूवल के कारण किस दफ़्तर से मालूम होंगे
यहाँ तो पहले से ही स्वासुका लगा हुआ है
' अभी वक्त गुणवत्ता की कसौटी कसने का नहीं है - संख्या बढाने का है '
स्वामी टिप्पणी संहिता से - साभार
अत्यंत छिछली किस्म की अभिव्यक्ति. बोर कर दिया.
हटाएंयह भी कोई पोस्ट हुई.बिल्कुल सतही ,गैर मौलिक .बोरिंग और लोगों का समय खराब करने वाली ..क्या हुआ रतलामी जादू के दिन लद गए ?
हटाएंअब हम कुछ बी टिपियाएंगे तो आपकी दिमाग पढने वाली मशीन सब गुड-गोबर कर देगी,किन्तु फ़िर भी -----.
हटाएंपहले मशीन बन्द करें, फिर ही टिप्पणी करेंगे
हटाएंबहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी है,शब्दों के माध्यम से बहुत सुंदर चित्र खींचा है, साधुवाद स्वीकारें
हटाएंबहुत बढ़िया मशीन है. जानकारी के लिए धन्यवाद.
हटाएंमज़ा आ गया. ऐसी ही और मशीन लायें.
क्या मशीन है. वाह!
बहुत बढ़िया मशीनी कटाक्ष है.
मैं इस मशीन से पूर्णतः सहमत हूँ.
बहुत ज्ञानवर्धक मशीन है.
क्या मशीन है. हंसाते-हंसाते जान निकाल दी इसने.
शब्द संचयन को आधार बनाकर बड़ी गहरी जानकारी दी इस मशीन ने.
बहुत गहरी मशीन है. मज़ा आ गया.
मशीन के माध्यम से बहुत गहरी बात कर गए आप. बधाई स्वीकारें.
कहाँ से लाते हैं इतनी बढ़िया मशीन?
ये मशीन पहले क्यों नहीं मिली? छा गयी.
---ये तो रही मशीन की बात....अब कुछ पोस्ट पर.
मशीनी पोस्ट के लिए साधुवाद स्वीकार करें.
माईंड रीडर मशीन मिलने पर बधाई स्वीकार करें. इस मशीन का नया संस्करण आने पर कृपया हमें भी सूचित करें.
मशीन के माध्यम से सुंदर पोस्ट लिखी आपने. एक साधुवाद पोस्ट के लिए स्वीकार करें.
पोस्ट पढ़कर समझने की कोई मशीन मिले तो सूचित करें.
आपकी बात से सॉरी मशीन की बात से पूरी तरह से सहमत.
.....:-)...:-)....:-)
यहाँ अच्छा बुरा कुछ भी अपनी जिम्मेवारी पर टिप्पणी करे .
हटाएं.पहले आप मशीन बंद करे ..
LOL
हटाएंआप मन का प्रयोग करके ब्लॉग लिखते हैं
हटाएंहम दिल से टिप्पणी करते हैं।
मन पढ़ने वाला मशीन मेरा दिल क्या पढ़ेगा!
वाह क्या बात है। अगर ऐसी कोई मशीन है तो मुझे भी उसका पता बताएँ। मैं भी सोचती रहती हूँ कि अधिक टिप्पणियाँ अच्छी हैं या सही टिप्पणियाँ। सुन्दर प्रस्तुति।
हटाएंरवि जी आप कुछ मुझे बतायें कि ब्लॉग लिखने का आइडिया आपको कहाँ से मिल जाता है, जिससे में भी कुछ लेखन कार्य कर सकूं.
हटाएंआपने समीर जी की टिप्पणियों की लिस्ट कहाँ से मार ली? यह अच्छी बात नहीं। अब उन्होंने कहा तो याद आया, वैसे मुझे लग रहा था कि ये सभी टिप्पणियाँ जानी पहचानी लग रही हैं, ही ही ही!!
हटाएंवाह क्या मसीन है। बहुत मजेदार मसीन है।
हटाएंचालाक भी है। अब आपकी मसीन अपनी ही बुराई करेगी।
wah sir
हटाएंek machine mujhe b de dena
kaam ki cheez hai
a
बधाई हो। पूरा चिट्ठाजगत समझ रहा है कि आपने किसकी पेंट के बटन खोले हैं। हांलाकि मैं तो अभी नया हूं। अभी तो एक महीना भी नहीं हुआ। इसलिए अभी मेरे दिमाग में वह तश्तरी नहीं है जो उड़ान भर सके। उड़ते हुए को समझ सके। क्षमा कीजिएगा! मैं तो नासमझ हूं।
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