(चित्र को पढ़ने लायक बड़े आकार में देखने के लिए चित्र पर क्लिक करें) दैनिक हिन्दुस्तान में कल सस्ता शेर की बड़ी मंहगी चर्चा हुई. इधर भास्कर...
दैनिक हिन्दुस्तान में कल सस्ता शेर की बड़ी मंहगी चर्चा हुई. इधर भास्कर इंदौर के साप्ताहिक पेशकश दस्तक के नियमित स्तंभ ब्लॉग यायावरी में यूनुस खान के रेडियोवाणी के बारे में विस्तार से लिखा गया है. यह आलेख भास्कर के ई-पेपर के इंदौर संस्करण के आज के अंक में पृष्ठ 9 पर भी उपलब्ध है.
इससे पहले यूनुस खान का अपने ब्लॉग रेडियोवाणी पर शमशाद बेगम पर लिखा आलेख इस गुजरे शनिवार के नवरंग में प्रकाशित हुआ था. प्रसंगवश, इसी गुजरे हफ़्ते रविवार को रसरंग में रचनाकार में पूर्व प्रकाशित संजय सेन सागर की कविता भी प्रकाशित हुई है.
मुख्यधारा की मीडिया में चिट्ठों की चर्चाएं व सामग्री का पुनर्प्रकाशन - आई एम लविंग इट!
यूनुस भाई को बधाई! खबर बांटने का शुक्रिया।
हटाएंहमें भी मजा आ रहा है।
हटाएंअच्छा है भई। ब्लॉगों की जितनी चर्चा हो उतना अच्छा है। अब तो चिट्ठाकारों को भी वैब साइटों पर लिखने के अच्छे अनुबंध मिल रहे है। सही है, ये एक अच्छा पड़ाव (Milestone) है, लेकिन मंजिल अभी दूर है।
हटाएंआईएम लविंग इट टू, थ्री, फोर, फाइव.....
"...अब तो चिट्ठाकारों को भी वैब साइटों पर लिखने के अच्छे अनुबंध मिल रहे है..."
हटाएंसही कहा. एक आकर्षक प्रस्ताव मुझे भी मिला था, परंतु कॉपीराइट की समस्या से बात आगे नहीं बढ़ी