ट्रांसलिट्रेशन का प्रतिच्छेदन....

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क्या आप इस जाल स्थल पर लिखी गई बातों को पढ़ सकते हैं? यह जाल स्थल है – हिन्दी के जाने माने चिट्ठाकार जगदीश भाटिया का जो पंजाबी में भी लिखते...

क्या आप इस जाल स्थल पर लिखी गई बातों को पढ़ सकते हैं?

यह जाल स्थल है – हिन्दी के जाने माने चिट्ठाकार जगदीश भाटिया का जो पंजाबी में भी लिखते हैं.

http://punjabi1.wordpress.com/

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यदि आपको लिपि समझ में नहीं आती है तो आपका उत्तर होगा नहीं.

 

परंतु आप इस जाल स्थल पर लिखी गई इबारतों को आप आसानी से पढ़ सकते हैं और बहुत संभव है कि इसमें लिखी गई अधिकतर बातों को आप समझ भी सकते हैं. यह कोई नया, हिन्दी का जालस्थल नहीं है, बल्कि वही, ऊपर दिया गया, जगदीश भाटिया का पंजाबी भाषा का जाल स्थल ही है. बस, इसकी पंजाबी लिपि को भोमियो के जरिए हिन्दी में ट्रांसलिट्रेट कर दिया गया है.

http://bhomiyo.com/hi.xliterate/punjabi1.wordpress.com/

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मैंने तो पूरी की पूरी पंजाबी पढ़ ली और पूरा का पूरा समझ गया. ओए, तुसी चंगा लिखे हो जगदीश जी.

 

कुछ कुछ यही हाल है गुजराती के इस चिट्ठे का:

http://bhomiyo.com/hi.xliterate/kartikm.wordpress.com/

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और, बंगाली के इस चिट्ठे के बारे में आपका क्या विचार है?

http://bhomiyo.com/hi.xliterate/bn.globalvoicesonline.org/2007/10/05/302/

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और, यदि आप तेलुगु को देवनागरी में पढ़ें, तो शायद ये भाषा भी एकदम से आपको अजनबी नहीं लगेगी. बहुत से हिन्दी व संस्कृत के शब्द भी इसमें हैं, और आप कोशिश करें तो थोड़ा सा समझ भी सकते हैं. और, यदि आपको बोली आती है, लिपि पढ़ नहीं पाते तब तो ये आपके लिए वरदान के समान ही है.

http://bhomiyo.com/hi.xliterate/koodali.org/

clip_image010

 

तो ये है ट्रांसलिट्रेशन की महत्ता. इससे घबराएँ नहीं, न इसे नकारें. अब चाहे बात रोमन अंग्रेजी लिपि की भी हो रही हो. इसे मात्र कम्प्यूटर की असिस्टिव तकनॉलाजी के रूप में मानें. मुझ जैसे असक्षम व्यक्ति के लिए जो दूसरी भाषाओं में लिखे को पढ़ नहीं सकता, उसे हिन्दी में पढ़ने की सुविधा यदि उपलब्ध अधुनातन तकनीकों के जरिए ऑनलाइन ट्रांसलिट्रेशन/ट्रांसलेशन औजारों से मिलती है, और एक लेखक को उसका लिखा पढ़ने को दूसरी भाषाओं के भी अतिरिक्त पाठक यदि इससे मिलते हैं – तो इससे बेहतर स्थिति और कुछ नहीं हो सकती. ऐसे और इस तरह के प्रयासों का सदैव स्वागत् किया जाना चाहिए.

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COMMENTS

BLOGGER: 12
  1. भोमियो का काम सच में लाजवाब है. आपका लेख अत्यंत ही महत्वपूर्ण है.
    अन्य भाषाओं के ट्रांसलिटरेशन शब्दों से आपकी वेबसाईट पर सर्च इन्जिन से अनेकों पाठक आ सकते हैं इस काम को भोमियो बखूबी निभाता है.

    ट्रांसलिटरेशन अगर अपने ब्लाग पर और भी पाठक लाये तो इसमें बुरा क्या है?

    भोमियो की एक खूबी सबसे बड़ी है.
    भोमियो आपकी वेबसाईट पर ही पाठक भेजता है.
    ऐसा नहीं की आपकी समग्री अपनी वेबसाइट पर पूरी की पूरी ले जाये

    मतलब:
    भोमियो के द्वारा लोग आपके ब्लाग को पढ़ेंगे
    आपके बाकी लेख देख कर उनको भी पढ़ेंगे
    अगर सामग्री पसंद आयी, तो लौटेंगे भी आपके ही ब्लाग पर
    आपकी साईट पर आपके एड ही क्लिक किये जायेंगे, और कमाई भी आपकी ही होगी

    अगर ट्रांसलिटरेशन दूसरी साइट पर हो तो निश्चित ही आपको उतना फायदा नहीं होगा जितना भोमियो से होता है.

    जवाब देंहटाएं
  2. बेनामी3:24 pm

    अरे वाह रवि जी, आप तो मेरा पंजाबी चिट्ठा भी खोज कर के आये।

    वैसे आपको एक बात और बता दूं कि पंजाबी जानते हुए भी मुझे गुरमुखी लिपि का बहुत ज्ञान नहीं है, मैंने इसे देवनागरी में टाइप कर बरहा से कन्वर्ट किया है। ;)

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया तरीका है यह। मैं थोड़ी तेलेगु समझ लेता हूँ पर तेलुगु लिपी नहीं। इस तरीके से अब मैं तेलेगु चिट्ठों को भी पढ़ सकता हूँ।
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. हिन्दी में ट्रांस्लितेरेशन देख कर मज़ा आ गया सच में.

    जवाब देंहटाएं
  5. लिप्यंतरण का कंसैप्ट निसंदेह कमाल का है, इसमें बेवजह कमियाँ निकालने वाले इसका मर्म ही नहीं समझते।

    जवाब देंहटाएं
  6. 20-25 साल पहले गुरमुखी सीखी थी, फिर पढ़कर अच्‍छा लगा

    ट्रांसलिटरेशन की तकनीक हिंदी कंप्‍यूटिंग के लिए बेहद उपयोगी है, इसमें शक नहीं।

    जवाब देंहटाएं
  7. मेरा भी मन यैइ कहता है। भोमियो भीतर ही भीतर एक महान कार्य कर रहा है। इससे भारत की एकता को भी मजबूती मिलेगी और लोगों को भरपूर सुविधा होगी।

    मुझे लगता है कि भारतीय भाषाओं का परस्पर अनुवाद भी इसकी सहायता लेकर सरल किया जा सकता है। मै ऐसा इसलिये कह रहा हूँ कि भारतीय भाषाओं की वाक्य संरचना बहुत हद तक मिलती-जुलती है। शब्द भी बहुत से मिलते हैं। बस कुछ शब्दों को शब्दकोश से देखकर स्थानान्तरित करने से बहुत बड़ा काम हो सकता है। विशेष रूप से वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य तो काफी आसानी से परस्पर अनुदित हो सकने की गुंजाइश दिख रही है।

    जवाब देंहटाएं
  8. बेनामी3:11 am

    रविजी,
    भोमियो के ट्रांस्लितेरेशन के पीछे आपका भी आईडिया था इसी लिए वो इतना उपयोगी बन सका है. मैंने आपकी कमेंट्स हमेंशा हकारात्मक ली है. ओर चाहूँगा की ये लोगो को ज्यादा उपयोगी बन सके.

    साथ मे चिट्ठाजगत ओर ब्लोग्वानी का इसी दिशा में काम करना भी आवाकार्य है. इसका मतलब वो भी है की भोमियो का काम कॉमर्शियल द्रष्टि से भी हो सकता है - जो की अभी तक मैंने उस दिशा मे सोचा नही.

    आपको हिन्दी मे ब्लोg लिखकर जो कीर्ति मिलती है उसके लिए शुभ कामनाये...
    -पीयूष

    जवाब देंहटाएं
  9. आपका बहुत बहुत धन्याबाद

    जवाब देंहटाएं
  10. Hindi is spreading over the web, and it feels good to read Hindi content.
    I recently came across numerous sites in Hindi, even google has been in news for their Hindi Searches.
    Companies are also launching their web tools in Hindi these days, one of them is http://gostats.in
    Have a look

    जवाब देंहटाएं
  11. बेनामी2:13 pm

    mai hindi me kaishe comment dun mai blog me to hindi mein likh leta hun par comment dene ke leeye kya koi software aata hai

    जवाब देंहटाएं
  12. kunnu जी, आप इस लिंक में जाएँ -
    http://uninagari.kaulonline.com/index.htm
    फिर वहां हिन्दी में लिखें, उसे कॉपी पेस्ट करें. बस. आसान है. है ना?

    जवाब देंहटाएं
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छींटे और बौछारें: ट्रांसलिट्रेशन का प्रतिच्छेदन....
ट्रांसलिट्रेशन का प्रतिच्छेदन....
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