कुछ समय पहले तक यह जुमला अमूमन और आमतौर पर हर हिन्दी चिट्ठे के ऊपरी कोनों में दिख ही जाता था. और उसमें हिन्दी कैसे देखें, कम्प्यूटर को कैसे ...
कुछ समय पहले तक यह जुमला अमूमन और आमतौर पर हर हिन्दी चिट्ठे के ऊपरी कोनों में दिख ही जाता था. और उसमें हिन्दी कैसे देखें, कम्प्यूटर को कैसे सेट करें इत्यादि के लिंक होते थे.
आजकल बहुत से चिट्ठों में यह दिखाई नहीं देता (मेरे चिट्ठों में से भी यह ग़ायब हो चुका था), परंतु अभी भी लोगों को जिनके पास पुराने विंडोज़ 98 तरह के या नए लिनक्स तंत्र जिनमें इंडिक-हिन्दी समर्थन पहले से संस्थापित नहीं होता है उसमें हमारे ब्लॉग के यूनिकोड हिन्दी दिखाई ही नहीं देते. और, यकीन मानिए, ऐसे प्रयोगकर्ताओं की संख्या हमारे ब्लॉग पाठकों की वर्तमान संख्या से लाखों गुना - जी हाँ, लाखों गुना ज्यादा है!
अब आपकी इस समस्या का समाधान पीयूष भट्ट लेकर आए हैं. पीयूष ने पहले ही भोमियो नाम का एक भारतीय भाषाई ऑनलाइन ट्रांसलिट्रेशन औजार बनाया है. जिसके जरिए आप किसी भी हिन्दी चिट्ठे को रोमन लिपि में पढ़ सकते हैं और काट-चिपका कर उसका अन्य इस्तेमाल - जैसे कि मैंने रचनाकार के चुटकुलों के संग्रह व अपने व्यंग्य रचनाओं का किया है - कर सकते हैं. अब उसमें उन्होंने अतिरिक्त ख़ूबियाँ जोड़ी हैं और उसमें आपके लिए अब प्रॉक्सी सुविधा का समावेश भी किया गया है. उसके जरिए आप अपने हिन्दी चिट्ठे को अंग्रेज़ी लिपि में पढ़ने की कड़ी दे सकते हैं. जैसे कि यह कड़ी - इस कड़ी को क्लिक कर आप मेरे इस चिट्ठे को अंग्रेज़ी लिपि में पढ़ सकते हैं.
आप स्वयं अपने चिट्ठों के अंग्रेज़ी समेत भारत की अन्य भाषाओं में पढ़े जाने के लिए कड़ियाँ बना सकते हैं और जैसा कि मैंने अपने इस चिट्ठे के बाजूपट्टी में ऊपरी दाँए किनारे पर अंग्रेज़ी में कड़ी दी है. अब मेरे चिट्ठों को वे सभी पाठक जिनके पास यूनिकोड हिन्दी दिखाने का समर्थन नहीं है आराम से और आसानी से रोमन लिपि में पढ़ सकते हैं. कड़ियां कैसे बनाएँ इसका विवरण यहाँ दिया गया है.
हाँ, इसमें वर्तमान में अभी एक खामी है कि यह यूनिकोड अक्षरों युक्त यूआरएल को समर्थित नहीं करता है (वर्डप्रेस के बहुत से चिट्ठों में यूनिकोड यूआरएल होते हैं), परंतु उम्मीद है कि इस खामी को शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा.
मेरे लिए बहुत से, ढेर से पाठकों को मेरे हिन्दी चिट्ठों तक खींच लाने हेतु पीयूष, आपका हार्दिक धन्यवाद. आपको शायद अंदाज़ा नहीं होगा कि आपने मेरे और मेरे जैसे अन्य भारतीय भाषाओं के जाल स्थलों के लिए कितना बड़ा काम कर दिया है!
कान्ट सी हिन्दी? लुकिंग एट टोटल गार्बेज?
नॉट एनीमोर, सेन्योर!
Tag भोमियो,ट्रांसलिट्रेशन,पीयूष भट्ट,bhomiyo
कमाल है..!!
जवाब देंहटाएंवाकई कमाल है।
जवाब देंहटाएंमैंने आपकी पुरानी प्रविष्टि भी देखी थी.. पर उस से कुछ लाभ नहीं उठा पाया..आज ज्ञान चक्षु पूरी तरह खुल गये.. और मैंने भी अपने ब्लॉग पर इस सुविधा का लिंक दे दिया है.. आपकी सहायता के बदौलत.. धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंजानकारीवर्धक.. कमाल की तकनीक और आज़माए नुस्खे ढूंढ लाते हैं आप..
जवाब देंहटाएंअत्यंत उपयोगी जानकारी है .
जवाब देंहटाएंरवि भाई के जुगाड़ों का जवाब नही होता। बेजोड़, बेमिसाल।
जवाब देंहटाएंहमने तो इसको मेरा पन्ना पर इम्प्लीमेन्ट भी कर दिया(सभी भाषाओं में) किसी भाई को कोड चाहिए तो सहर्ष उपलब्ध करा देंगे।
Ravi Bhai,
जवाब देंहटाएंAapaka blog dekhkar kafi useful information mili.
Rajesh Sharma
I write in hindi using roman letters.Please see my blog.
जवाब देंहटाएंhttp://www.egupp.blogspot.com