और, आपके लिए बिलकुल मुफ़्त . ! पीपल बीटा को एक नज़र में देखने पर इसमें एक अत्यंत उम्दा ऑनलाइन ऑफ़िस सूट बनने की पूरी संभावना दिखा...
और, आपके लिए बिलकुल मुफ़्त.!
पीपल बीटा को एक नज़र में देखने पर इसमें एक अत्यंत उम्दा ऑनलाइन ऑफ़िस सूट बनने की पूरी संभावना दिखाई देती है. यह आम, व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए मुफ़्त है. इसमें पंजीकरण भी अत्यंत आसान है – बस आपको उपयोक्ता-नाम तथा पासवर्ड भरना होता है और एक वैध ई-मेल खाता पुष्टिकरण के लिए आवश्यक होता है बस.
पीपल बीटा में शब्द संसाधक और एक्सेल जैसा प्रोग्राम तो है ही, ऑनलाइन केलकुलेटर भी है तथा उपयोक्ता के ऑनलाइन भंडारित फ़ाइलों के प्रबंधन के लिए फ़ाइल प्रबंधक भी है. यह गूगल के राइटली या ऐसे ही अन्य प्रोग्रामों की अपेक्षा तीव्र गति से चलता है तथा पीएचपी आधारित होने के बावजूद तीव्रता में एजेक्स आधारित अनुप्रयोगों जैसा कमाल दिखाता है.
इसमें हिन्दी (यानी यूनिकोड) का पूर्ण और बढ़िया समर्थन है. आप फ़ाइलों को हिन्दी नामों से भी ऑनलाइन सहेज सकते हैं तथा उनका प्रबंधन कर सकते हैं.
इसका शब्द संसाधक पीपल वेबराइटर तो लगभग पूर्ण है और सभी आवश्यक औजारों से युक्त है. परंतु इसका एक्सेल जैसा प्रोग्राम - पीपल वेबशीट बहुत ही साधारण किस्म का है और एक तरह से यह अनुपयोगी ही है क्योंकि इसमें आपको कक्षों में भरे गए सूत्रों को देखने का कोई विकल्प अभी नहीं दिखता. उम्मीद है इसके भविष्य के संस्करणों में इन्हें शामिल किया जाएगा. इसका पीपलकेल्कुलेटर भी बहुत ही साधारण किस्म का जोड़-घटाना-गुणा-भाग के लिए ही है – वैज्ञानिक गणनाओं के फंक्शन इसमें नहीं हैं.
इस पोस्ट को इसी ऑनलाइन औजार से लिखकर पोस्ट किया जा रहा है. इसके जरिए आप पाठ को फ़ॉर्मेट कर सकते हैं, पाठ में रूप रंग भर सकते हैं और वह बढ़िया, साफ सुथरा कोड युक्त होता है. अनावश्यक फ़ॉर्मेटिंग के कोड न होने से आपका हिन्दी पाठ आकार में छोटा होता है और आपका पृष्ठ तेज गति से लोड होता है. यह फ़ॉयरफ़ॉक्स तथा इंटरनेट एक्सप्लोरर पर बढिया चलता है. यहाँ तक कि कनेक्शन के टूट जाने पर भी आप इसमें काम करते रह सकते हैं. हाँ, फ़ाइलों को सहेजने के लिए आपको ऑनलाइन होना आवश्यक है.
लगता है भविष्य में हम सभी ऑनलाइन अनुप्रयोगों पर अच्छे खासे निर्भर होने वाले हैं. और एमएस ऑफ़िस सूट जैसे भारी भरकम और महंगे डेस्कटॉप अनुप्रयोगों का कोई लेवाल नहीं रहेगा.
अद्यतन # पीपल बीटा का जाल स्थल यहाँ है
रवि जी
जवाब देंहटाएंवढिया जानकारी दी है आपने.. आप की खोज के कायल हैं हम.
यह तो मोइक्रोसोफ्ट ओफिस के लिए खतरे की घंटी बज रही है. :)
जवाब देंहटाएंक्या इसे save as करके ऑफ-लाइन भी चलाया जा सकता है?
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी लेकर आए हैं रवि जी, हमेशा की तरह। धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंइसे गूगल डाक्स की बराबरी मे आने अभी समय लगेगा लेकिन इतना तय है कि एम एस आफीस के बारह बजने वाले है। उन्हे अपने उत्पादो की कीमत कम करनी होगी!
जवाब देंहटाएंहरिराम जी,
जवाब देंहटाएंजी हाँ, आप इसे सेव-एज कर कहीं भी (ऑन-लाइन रिमोट सर्वर पर या अपने कम्प्यूटर पर)सहेज सकते हैं फिर ऑफ़लाइन होकर काम करते रह सकते हैं. परंतु कुछ फंक्शनों के लिए तथा अंत में फ़ाइल सहेजने के लिए आपको ऑनलाइन तो होना ही होगा, चूंकि मूलतः यह एक ऑनलाइन अनुप्रयोग ही है.
जो़हो को भी आजमा के देखें, निश्चित तौर पर गूगल डाक्स से अच्छा है।
जवाब देंहटाएंराजेश कुमार
बडी सही जानकारी दिये हैं रवि जी
जवाब देंहटाएंबहुत सही जानकारी लाए हैं रवि जी, इसके यूनिकोड समर्थित होने की जानकर खुशी हुई।
जवाब देंहटाएंबाकी तो सब ठीक है लेकिन इसका लिंक कहाँ है?
श्रीश जी,
जवाब देंहटाएंकड़ी नहीं होने की गलती की ओर ध्यान दिलाने हेतु धन्यवाद. कड़ी जोड़ दी है.
आपका ये लेख वहीं पे छाप दिया गया है, जहाँ आप सूचना दे के आये थे अपने ब्लाग की..या आपने कोई अनुबन्ध किया है। :)
जवाब देंहटाएंमिश्र जी, कृपया कड़ी बताएँ तो उन सज्जन की कुछ झाड़ फूंक करें :)
जवाब देंहटाएंइस उपयोगी जानकारी को जानकारी में लाने के लिये आभार.
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