आदमी आतंकित है बंदर से दिल्ली में बंदर का आतंक इतना ज्यादा हो गया कि एक राष्ट्रीय दैनिक के संपादकीय पृष्ठों में इस आतंक को जगह मिल गई...
आदमी आतंकित है बंदर से
दिल्ली में बंदर का आतंक इतना ज्यादा हो गया कि एक राष्ट्रीय दैनिक के संपादकीय पृष्ठों में इस आतंक को जगह मिल गई. लगता है कि संपादक का व्यक्तिगत आतंक का अनुभव रहा होगा. कोई बंदर उनके दफ़्तर में घुस आया होगा और बोला होगा कि अरे! संपादक, तुम्हारे बंधु-बांधवों ने हमारे रहने के ठौर ठिकाने - जंगलों को काट लिया है और उस पर यह दफ़्तर बना दिया है तो अब हम कहाँ रहने जाएँ. दफ़्तर खाली करो. और यह कह कर बत्तीसी निकाल कर चिढ़ाया होगा. ऐसे में आतंक का संपादकीय निकलना ही है. और इससे पहले कि बंदर मुझे आकर आतंकित करे, बंदर के आतंक को समर्पित है यह व्यंज़ल -
व्यंज़ल
*****
आदमी आतंकित है बंदर से
कितना कमजोर है अंदर से
वो गए जमाने की बातें थीं
अब सब मिलता है नंबर से
प्यार की परिभाषाएं बहुत हैं
सोच मिलता नहीं चंदर से
कुछ नहीं होगा यकीन करो
जिंदा है अब तक लंगर से
कम या ज्यादा का है फर्क?
पराजय तो हुआ है अंतर से
रवि मानता है कि व्यवस्था
अनुकूल हो जाता है जंतर से
*****
चंदर = धर्मवीर भारती के उपन्यास ‘गुनाहों का देवता' का एक पात्र
जंतर = रिश्वत
.
.
सप्ताह के कुछ कार्टून :-
व्यंजल और कार्टून बहुत ही सटीक हैं, बधाई!!
हटाएंबंदर कहता होगा डराकर-जो डर गया समझो मर गया.
हटाएंजमाना अब बदल गया है हनुमानजी ने रावण की लंका में आतंक फैलाया था, बरसों बाद सुनने को मिला आज वानरों ने राम के इस देश में आतंक फैलाया हैं. शायद वानरों को भी इस देश में राम से ज्यादा रावण मिलते जा रहे है तो आज वह आतंक फैलाने में लगे है.
हटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं पढ़कर अच्छा लगा.
वाह रे बंदर, तू छोड़ वाद विवाद और चढ़ जा बेटा संपादक के सर पर. तू तो चैनल वालों के सर पर पहले ही बैठ चुका है. अब अख़बार वालों को क्यों समझा रहा है. तेरा अधिकार बनता है. जिसने तेरा घर उजाड़ा, तू उसकी सोच उजाड़ दे.
हटाएं