क्या आप भारत देश में फिर से जन्म लेना चाहेंगे?

SHARE:

... हे! भगवान, मुझे भी हर जन्म में इसी पावन भूमि में पैदा करना. टाइम्स ऑव इंडिया तथा टाइम्स न्यूज सर्विस द्वारा किये गए एक साझा सर्वेक्षण मे...

...


हे! भगवान, मुझे भी हर जन्म में इसी पावन भूमि में पैदा करना.

टाइम्स ऑव इंडिया तथा टाइम्स न्यूज सर्विस द्वारा किये गए एक साझा सर्वेक्षण में यह बात उभर कर सामने आई है कि आम औसत भारतीयों में से 89 प्रतिशत की यह कामना है कि अगले जन्म में भी वे पवित्र भारत भूमि में जन्म लें.

आपकी क्या राय है? चलिए, जो भी हो, उन कारणों को गिना सकते हैं आप?

मेरी भी राय आम जनों की राय से मिलती जुलती है. मैं भी अगले जन्म में भारत भूमि में ही जन्म लेना चाहूँगा. मैं अगले तो क्या हर जन्म में, जन्म-जन्मांतर में भारत भूमि में जन्म लेना चाहूँगा, बशर्तें जो हालात आज हैं, वही बरकरार रहें. और, अगर किसी स्थापित नेता के घर जन्म मिले तो सोने में सुहागा!

बात भारत देश में ही पुनर्जन्म लेने के कारणों की हो रही थी. आपके भारत में पुनर्जन्म लेने या नहीं लेने के, अपने कारण हो सकते हैं और हो सकता है कि वे, मेरे कारणों से जुदा हों. मैं आपके उन कारणों को जानना चाहूँगा. बहरहाल, क्या आप मेरे कारणों को नहीं जानना चाहेंगे? तो लीजिए, आगे पढ़िए -

.

.

भारत देश में मेरे पुनः पुनः जन्म लेने की इच्छा के पीछे कुछ पुख्ता कारण:

1 मैं यहाँ पर अपनी पेट्रोल वाली गाड़ी में किट लगवा कर सस्ते केरोसीन या सबसीडी वाली रसोई गैस से आसानी से, बिना किसी समस्या से चलाते रह सकता हूँ. पर्यावरण की तो ऐसी की ....कभी-कभी, यदा-कदा, नाम की कोई चेकिंग होती है तो मैं सौ रुपए देकर आराम से बच निकल सकता हूँ. यही हाल लाइसेंस व गाड़ियों के इंश्योरेंस के लिए भी है.


2 मैं भारत देश की गड्ढों युक्त सड़कों पर ऑटो व टैम्पो के बीच अट-कट मारते हुए कहीं से भी दाएँ-बाएँ निकल लेता हूँ. चारों ओर ट्रैफ़िक ही ट्रैफ़िक होता है - फिर सेंस कहाँ से आएगा और ऐसे में सेंस की जरूरत ही नहीं है. सेंस-लेस ड्राइविंग का कितना मजा होता है. भारत की हर गली और सड़क पर यह मजा मिलता है.
3 मुझे कहीं अचानक अकस्मात रेल यात्रा करनी होती है तो भीड़ भरे डब्बों का भय मुझे नहीं सताता. टीटी महोदय को नए हरे नोट देकर बिना टिकट के ही रिजर्वेशन और एसी में सफर कर सकता हूँ. ऊपर से टिकट की राशि के आधे से ही मेरा सफर पूरा हो सकता है. वह तो उड़ानों में प्राइवेट पार्टियाँ घुस आईं, नहीं तो वहां भी मौज रहती. उम्मीद है इस मामले में सरकार कुछ करेगी.
4 मैं आसानी से अपना कोई भी अवैध काम कर सकता हूँ. जेसिका लाल जैसा सार्वजनिक हत्याकांड कर मैं आसानी से बरी हो सकता हूँ, अबू सलेम जैसा आतंकवादी बनकर हीरो के रूप में रह सकता हूँ - साथ ही चुनाव लड़कर देश का नेता भी बन सकता हूँ. सरकारी दफ़्तरों में भी मैं अपना कोई भी - जी हाँ, एक बार फिर से, कोई भी अवैध काम आसानी से करवा सकता हूँ. बस, वहाँ जमे अफ़सरों-बाबुओं को थोड़ी सी रिश्वत देने की दरकार होती है.


5 देस की पार्लियामेंट पर हमला कर मैं अपनी सजा माफ़ करवाने के लिए तमाम पार्टियों को एकजुट कर सकता हूँ - जैसे कि अभी अफ़जल मामले में हो रहा है - वोट बैंक की खातिर! मैं यहाँ आसानी से, बिना किसी सज़ा के भय के हर कहीं सार्वजनिक रूप से सार्वजनिक स्थलों पर थूक-मूत सकता हूँ. देश में सार्वजनिक शौचालय जनसंख्या के हिसाब से हैं नहीं. लगता है कि पूरे देश को अघोषित रूप से सार्वजनिक शौचालय मान लिया गया है. और, यह कितना अच्छा है!
6 .....
ऐसे और भी कारण हैं जो सैकड़ों पृष्ठों में समा सकते हैं - इतना कि मैं बता-बता कर थक जाऊँ और आप पढ़कर इतना बोर हो जाएँ कि दोबारा इस चिट्ठे की ओर रुख ही न करें. इसीलिए आइए, अब आपके कारणों के बारे में बात करते हैं. क्या आप नहीं गिनाना चाहेंगे आपके अपने कारणों को?...

COMMENTS

BLOGGER: 5
  1. बेनामी5:01 pm

    अपने को पुनर्जन्म में विश्वास नहीं, फिर भी चाहत यही हैं कि भारत में ही वापस जन्म लूं.

    जवाब देंहटाएं
  2. Bharat janam ke naam par man ki bhadaas nikal li ki bhaarat ko gaali di? Gaali dene main mujhe kuchh aapatti nahi par jis tarah se post shuru kiya tha usse to kuchh aur hi expect kar raha tha. Muh kadwa ho gaya.

    जवाब देंहटाएं
  3. भाई आशीष,

    मैंने भारत को कोई गाली नहीं दी. मैं भी भारत को उतना ही प्यार करता हूँ जितना कोई अन्य भारतीय. आप पोस्ट फिर से पढ़ें व उसमें छिपे व्यंग्य को पहचानें.

    मैंने यह पोस्ट व्यंग्य के लिहाज से लिखी है. कड़वे सच को उजागर किया है. हो सकता है इसी वजह से आपका मुँह कड़वा हो गया है.

    और अपनी कमियाँ गिनाकर ही तो हम उन्हें दूर करने के प्रयास कर सकेंगे या उन्हें छुपाकर?

    जवाब देंहटाएं
  4. बेनामी11:36 am

    आप जैसे लोग अगर हौसला अफजाई करेंगे ऐवं मेरी त्रुतियाँ सुधारेंगे तो मैं ावश्य लिखते रहुँगा

    जवाब देंहटाएं
  5. बेनामी9:25 pm

    रवि भैया. फिर से जनम लेने के कारण तो गिना दिए.. लेकिन उन ग्यारह फ़ीसद लोगों के मन में झांककर भी पता लगाओ कि वो हिन्दुस्तान में क्यों जनम नहीं लेना चाहते? क्या उन बेचारों को दुनिया में मनमानी करने की कोई और जगह मिल गई? मरफ़ियाना दृष्टिपात करते हुए उन ग्यारह फ़ीसदों पर उल्कापात करो अब. हा हा खूब लिखे हैं. आप इसी तरीक़े से रपटाया करो विसंगतियों को.

    जवाब देंहटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: क्या आप भारत देश में फिर से जन्म लेना चाहेंगे?
क्या आप भारत देश में फिर से जन्म लेना चाहेंगे?
http://photos1.blogger.com/blogger/4284/450/320/reborn.jpg
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2006/10/blog-post_05.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2006/10/blog-post_05.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content