123...20331 / 2033 POSTS
Homeव्यंग्य

लघुकथा

SHARE:

याचक भरी दुपहरी में, ज्येष्ठ के महीने में, जब रोहिणी नक्षत्र में सूर्य अपनी पूरी तपन वातावरण में प्रेषित कर रहा था, एक याचक नंगे पाँव द्...

ईमानदारों की सरकार
नेगेटिव एनर्जी से आपकी ऑनलाइन जीवनी आक्रांत है? जरा ये उपाय अपना देखें!
ओह! तो मेरी चिंता, असुरक्षा की भावना के पीछे वो नहीं, ये हैं!
याचक

भरी दुपहरी में, ज्येष्ठ के महीने में, जब रोहिणी नक्षत्र में सूर्य अपनी पूरी तपन वातावरण में प्रेषित कर रहा था, एक याचक नंगे पाँव द्वार-द्वार जाकर भिक्षा मांग रहा था.

कुछ ने उस याचक की याचनामयी आवाज़ों को गर्मी के भय से अनसुना कर दिया और अपने द्वारों के पट नहीं खोले. कुछ ने उसे लाखों लानतें भी भेजीं, क्योंकि उसने अपनी द्रवित आवाज़ों से लोगों के आराम में खलल पैदा कर दिया था.

कुछ को उसकी याचनामयी आवाज और उसकी बीमार, कृशकाय काया असर कर गई और उसे कुछ-कुछ कहीं से मिल भी गया. एक को उसका दोपहर की तपती धूप में नंगे पाँव याचनारत रहना जरा ज्यादा ही द्रवित कर गया और उसने अपना फटा पुराना जूता जो कचरे के डब्बे में डालने के लिए अलग रख दिया था, निकाला और याचक को दे दिया, ताकि उसके पाँव को तपती धरती से थोड़ी राहत तो मिले.

याचक ने हजारों धन्यवाद देते हुए उस जूते को कृतज्ञता से तत्काल पहन लिया, परन्तु दो द्वारों के आगे जाने के उपरांत उसने उन जूतों को अपने पैर से उतारा और अपने थैले में रख लिया.

वह दानवीर जिसने अपना जूता दिया था, अपने सत्कर्म से गदगद उस याचक को थोड़ा सा आगे जाकर भी देख रहा था कि उसका पुराना जूता भी किस प्रकार एक अच्छे प्रयोजन के लिए काम आ रहा है. परन्तु जब उसने याचक को जूता उतार कर अपने थैले में रखते देखा तो वह पश्चाताप से बुदबुदाया – साला अब उसे कबाड़ी में जाकर बेच देगा.

उधर याचक के मन में विचार दूसरे थे. वह गंभीर था, और सोच रहा था कि अगर वह जूते पहन कर याचना करेगा तो फिर लोगों के मन में दया और करूणा कैसे उपजेगी?

(रविवारीय नव भारत में पूर्व प्रकाशित)

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. समझदार मजबूर याचक .वाह.

    जवाब दें हटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: लघुकथा
लघुकथा
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2005/01/blog-post_28.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2005/01/blog-post_28.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content