कोई ताक़त इन्हें देश को बर्बाद करने से नहीं रोक सकती... दोस्तों, यह है आज के अख़बार की ताज़ा सुर्खी- सचमुच, जब भारत देश के फ़ौलाद ...
कोई ताक़त इन्हें देश को बर्बाद करने से नहीं रोक सकती...
दोस्तों, यह है आज के अख़बार की ताज़ा सुर्खी-
सचमुच, जब भारत देश के फ़ौलाद मंत्री जिनका ख़्वाब बिहार में लालू को उखाड़ कर अपना राज जमाना है, यह कहते हैं तो हमें उनपर विश्वास करना ही होगा.(मनमोहन ने मंडल के लिए मंत्रियों का एक समूह भी गठित किया है जो इस बारे में एक कार्य योजना तैयार कर रहा है)
पर, क्या आपको अंदाज़ा है कि आने वाले दिनों की सुर्खियाँ क्या हो सकती हैं?
प्रस्तुत है कुछ कपोल कल्पनाएँ:
।। १५ अगस्त सन् २०१०: कोई ताक़त सेना (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.
।। २६ जनवरी सन् २०१५: कोई ताक़त मंत्री पदों में (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.
।। २ अक्टूबर सन् २०२०: कोई ताक़त आपकी आय (Income) (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.(पिछड़ों को अगड़ों की तुलना में समान कार्य पर ज्यादा आय अर्जित करने की पात्रता होगी. यह जुदा बात होगी कि पिछड़ों का पिछड़ापन से कोई लेना देना नहीं होगा, वरन् यह आधार वोट बैंक होगा)
।। ३० जनवरी सन् २०२५: कोई ताक़त मर्द-औरत में प्यार (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.(पिछड़ों को अगड़ों के औरत-मर्दों से जब मर्जी प्यार करने की छूट होगी. आख़िर वे सदियों से अगड़ों के अत्याचार के शिकार होते रहे हैं. परंतु, यहाँ भी यह जुदा बात होगी कि पिछड़ों का पिछड़ापन से कोई लेना देना नहीं होगा, वरन् यह आधार ख़ालिस वोट बैंक होगा)
।। २ फ़रवरी सन्२०३०: सभी कम्प्यूटर प्रोग्रामों तथा कोड में आरक्षण लागू...
शायद मेरी कल्पना ज़रा ज्यादा ही छलांग लगा गई, पर आप इनके पीछे छुपे व्यंग्य को देखें. शब्दों पर न जाएँ.
---
ग़ज़ल
***
कोई बात कहता मंडल है
किसी के पास कमंडल है
ये देश तो दोस्तों देखिए
बन गया रद्दी का बंडल है
ख़वाहिशें हैं दूर जाने की
और अपना पथ कुंडल है
ये साँसें कैसे चलेंगी रवि
हवा हीन जो नभ-मंडल है
*+*+*
दोस्तों, यह है आज के अख़बार की ताज़ा सुर्खी-
सचमुच, जब भारत देश के फ़ौलाद मंत्री जिनका ख़्वाब बिहार में लालू को उखाड़ कर अपना राज जमाना है, यह कहते हैं तो हमें उनपर विश्वास करना ही होगा.(मनमोहन ने मंडल के लिए मंत्रियों का एक समूह भी गठित किया है जो इस बारे में एक कार्य योजना तैयार कर रहा है)
पर, क्या आपको अंदाज़ा है कि आने वाले दिनों की सुर्खियाँ क्या हो सकती हैं?
प्रस्तुत है कुछ कपोल कल्पनाएँ:
।। १५ अगस्त सन् २०१०: कोई ताक़त सेना (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.
।। २६ जनवरी सन् २०१५: कोई ताक़त मंत्री पदों में (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.
।। २ अक्टूबर सन् २०२०: कोई ताक़त आपकी आय (Income) (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.(पिछड़ों को अगड़ों की तुलना में समान कार्य पर ज्यादा आय अर्जित करने की पात्रता होगी. यह जुदा बात होगी कि पिछड़ों का पिछड़ापन से कोई लेना देना नहीं होगा, वरन् यह आधार वोट बैंक होगा)
।। ३० जनवरी सन् २०२५: कोई ताक़त मर्द-औरत में प्यार (आरक्षण से अब तक अछूता है, जाने क्यों?) में आरक्षण व्यवस्था को नहीं रोक सकती.(पिछड़ों को अगड़ों के औरत-मर्दों से जब मर्जी प्यार करने की छूट होगी. आख़िर वे सदियों से अगड़ों के अत्याचार के शिकार होते रहे हैं. परंतु, यहाँ भी यह जुदा बात होगी कि पिछड़ों का पिछड़ापन से कोई लेना देना नहीं होगा, वरन् यह आधार ख़ालिस वोट बैंक होगा)
।। २ फ़रवरी सन्२०३०: सभी कम्प्यूटर प्रोग्रामों तथा कोड में आरक्षण लागू...
शायद मेरी कल्पना ज़रा ज्यादा ही छलांग लगा गई, पर आप इनके पीछे छुपे व्यंग्य को देखें. शब्दों पर न जाएँ.
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ग़ज़ल
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कोई बात कहता मंडल है
किसी के पास कमंडल है
ये देश तो दोस्तों देखिए
बन गया रद्दी का बंडल है
ख़वाहिशें हैं दूर जाने की
और अपना पथ कुंडल है
ये साँसें कैसे चलेंगी रवि
हवा हीन जो नभ-मंडल है
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bahut aachha aapki kavita aur kalpana dono bahtarin hai . thanks go ahead.
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