लीजिए, इसी का इंतजार था. इंटरनेट के घोर सोशल होने, और टिंडर से लेकर फ़ेसबुक और रेडिट तक मित्र-मंडलियों और अनुसरणकर्ताओं से घिरे रहने के बाद,...
लीजिए, इसी का इंतजार था. इंटरनेट के घोर सोशल होने, और टिंडर से लेकर फ़ेसबुक और रेडिट तक मित्र-मंडलियों और अनुसरणकर्ताओं से घिरे रहने के बाद, इसके उलट अमित्र-मंडलियों और अ-अनुसरणकर्ताओं के दिन आने वाले हैं.
ये ऐप आया है जो आपके आसपास के व्यक्तियों की पहचान कर आपको बताता है कि बंदा या बंदी कितने कर्ज में लदे-फंदें हैं और हो सकता है इनका देश से भागने का इरादा-फिरादा भी हो. आपको केवल ये करना है कि इसके बारे में सूचना देनी है वो भी एक टैप कर, कि आपने इस कर्ज में दबे बंदे को यहाँ देखा है. यदि ये ऐप कोई सालेक भर पहले बन जाता तो जो नीरव, चोकसी और माल्या कर्ज लेकर विदेश भाग गए हैं, उन्हें भागने से पहले ही रोक लिया जाता. सैकड़ों लोग अपने अपने ऐप से इसकी रिपोर्ट करते और मजाल है कि वो भाग पाते!
मगर इस जबर्दस्त ऐप से आपको दूसरी समस्या से दो-चार होना पड़ सकता है. आप भले ही जिम्मेदारी से अपना ईएमआई भर रहे हों, यह ऐप आपको पकड़ेगा तो जरूर कि आप किसी बैंक के कर्जदार हैं. और सामने वाले ने इसका दूसरा मतलब निकाल लिया तो फिर देते रहिए स्पष्टीकरण.
कुछ मजेदार किस्से भी हुए. मैंने अपने पड़ोसी से भय खाना उस दिन से छोड़ दिया जिस दिन से मैंने इस ऐप को इंस्टाल किया. बंदा भोला है. उसे इस ऐप के बारे में नहीं पता. वो तो एक अदद हमर, एक अदद ऑडी और एक अदद मर्सिडीज़ अपने घर के सामने पार्किंग में रख कर रौब जमाता आ रहा है. धन्य है यह ऐप. इस ऐप ने भांडा फोड़ दिया कि उसके कुल पूंजी - 10 रुपए पर 10 हजार रुपए के अनुपात में कर्ज है! अरे! वो तो दीवालिया होने वाला है जूनियर अंबानी के आरकाम की तरह. उससे क्या भय खाना!
आप भी सचेत रहिए. आपके आसपास लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हो सकते हैं. या फिर ऐसा कुछ मोबाइल जैमर टाइप एंटी ऐप टाइप ऐप बनवा कर इंस्टाल कर लें जो आपकी मुखबिरी करने वाले ऐप की ऐसीतैसी कर दे!
तकनीक की जय हो!
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