मीडिया में जब हल्ला मचा कि भारत-सरकार अब अपना चोला बदल कर मेरी-सरकार यानी अपनी हमारी सरकार होने जा रही है तो आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता हुई. औ...
मीडिया में जब हल्ला मचा कि भारत-सरकार अब अपना चोला बदल कर मेरी-सरकार यानी अपनी हमारी सरकार होने जा रही है तो आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता हुई. और जब ये पता चला कि http://mygov.nic.in साइट पर जाकर हम-आप अपनी सरकार के लिए राय भी दे सकते हैं तो और भी अच्छा लगा.
जब उस सरकारी साइट पर पहुँचे तो आनंद आ गया.
साइट बाइ डिफ़ॉल्ट भले ही अंग्रेज़ी में खुलता हो, परंतु वहाँ हिंदी के लिए विकल्प था. तो अपन ने तुरंत हिंदी वाला बटन दबा दिया.
बटन दबाते ही पूरा भले न सही, परंतु पंजीकरण करने का फ़ॉर्म हिंदी में मिला. साथ ही नीचे बाएं कोने में हिंदी टाइपिंग के लिए सुविधा भी – वह भी टाइपराइटर, रेमिंगटन और फ़ोनेटिक यानी तीन तरीकों से.
पहली नजर में तो यह वाह क्या बात है वाला मामला था.
परंतु यह क्या?
जैसे ही मैंने हिंदी में अपना नाम दर्ज करना चाहा, तो इनपुट बक्से में त्रुटि संदेश आया –
कृपया वर्ण दर्ज करें.
(ओपेरा ब्राउज़र में हिंदी में पंजीकरण के समय दर्शित त्रुटि)
मैंने अपना ब्राउज़र जांचा. यह ओपेरा था. कभी कभी ब्राउज़र में समस्या होती है. वे भले ही यूनिकोड प्रदर्शन के लिए सेट होते हैं, परंतु इनपुट किसी और एनकोडिंग में ले लेते हैं. मैंने ब्राउज़र बदला. इस बार फायरफाक्स खोला.
उसमें भी यही समस्या आई.
(फायरफाक्स ब्राउज़र में हिंदी में पंजीकरण में आई त्रुटि)
चलो, एक बार और ट्राई मारते हैं.
आज का सर्वाधिक लोकप्रिय ब्राउज़र खोलते हैं. क्रोम. इसमें क्या स्थिति है भाई?
वाह, काम बन गया इसमें हिंदी में इनपुट ले लिया. अपना प्रयोक्ता नाम भी हमने हिंदी में लिख लिया. वाह. चलिए, आगे बढ़ते हैं. पर यह क्या? सुरक्षा के लिए लगाया गया चित्र ही नहीं खुल रहा है. अन्यत्र खोलने की कोशिश की, नए टैब में खोलने की कोशिश की, परंतु असफल!
(क्रोम ब्राउज़र में सुरक्षा जांच के लिए दिए गए चित्र की जगह आइकन दिख रहा है)
अब क्या इंटरनेट एक्सप्लोरर में देखूं? नहीं. क्या इसे केवल इंटरनेट एक्सप्लोरर के लिए डिजाइन किया गया है? शायद नहीं,
यानी, मामला पंजीकरण में अटका है.
हिंदी की तो हो गई चिंदी. क्या किसी डेवलपर/प्रोग्रामर ने इस वेबसाइट को हिंदी के वास्तविक कार्य वातावरण में हिंदी में जांचा परखा है?
मुझे तो नहीं लगता. केवल इसके इंटरफ़ेस को हिंदी में अनुवादित कर वेबसाइट को जारी कर दिया गया है. बैकएण्ड में जो सिस्टम लगाया गया है वह त्रुटिपूर्ण है क्योंकि वो हिंदी नहीं समझता और हम हिंदी वालों की ऐसी की तैसी करता रहेगा.
जय हो मेरी सरकार! मेरी अपनी सरकार!!
और, यदि कोई संबंधित सरकारी बंदा पढ़-सुन रहा होगा तो आग्रह है कि भाई, पहले इस साइट की हिंदी सही करो!
रवि जी, अपने देश में करीब-करीब सारे सरकारी काम इसी रस्म अदायगी वाले अन्दाज़ में होते हैं. साइट बना दी. काम भी करे, यह तनिक भी ज़रूरी नहीं है. जिस बन्दे को साइट बनानी थी, उसका काम साइट बनाने तक सीमित था. जांचने का काम उसका नहीं था. सो उसने नहीं किया होगा. मुझे ज़रा ही उम्मीद नहीं है कि आपने जो लिखा है उसे कोई सरकारी बन्दा पढ़ेगा. इधर उधर की चीज़ें पढ़ना उसकी ड्यूटी में शामिल नहीं होता है ना! सो, यह साइट ऐसे ही रहेगी.
हटाएंसहमत
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
हटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (29-07-2014) को "आओ सहेजें धरा को" (चर्चा मंच 1689) पर भी होगी।
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हरियाली तीज और ईदुलफितर की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस पोस्ट को ब्लॉग बुलेटिन की आज कि बुलेटिन विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
हटाएंआपने तो पोल ही खोल दी...
हटाएंआपने इस तरफ़ ध्यान दिला कर बहुत अच्छा किया........
हटाएंलेकिन होगा वोगा कुछ नहीं......यह हमें भी लगता है। ऊपर एक टिप्पणी में लिखा है एक बंधु ने रस्म अदायगी वाली हिंदी ......कितना सही लिखा है।
सरकारें सदैव ही हिंदी के प्रति उदासीन रवैया अपनाती हैं , E-Filing की वेबसाइट पर दिए गए इस टैक्सट को जरा परिये , पूरा मशीनी अनुवाद है।
हटाएंhttps://incometaxindiaefiling.gov.in/eFiling/index_hindi.html
रवि भाई साहब! मेरे विचार में अंगरेज़ी में पंजीकरण ऊप्प्प्स रजिस्ट्रेशन करवा लें और उस पोर्टल पर पहला सुझाव यही दें... आज आपका ब्लॉग अपने ब्लॉग पर सूचीबद्ध कर लिया है! आना-जाना अब लगा रहेगा!!
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