पिछले सेमिनार की भांति इस वर्ष भी हमने वर्धा में अपनी उपस्थिति आभासी दर्ज करवाई. अलबत्ता इस बार कुछ अलग तरीके से. एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति...
पिछले सेमिनार की भांति इस वर्ष भी हमने वर्धा में अपनी उपस्थिति आभासी दर्ज करवाई. अलबत्ता इस बार कुछ अलग तरीके से.
एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति तैयार कर भेजा गया, जिसे बताया गया कि सेमिनार के उद्घाटन सत्र में दिखाया गया तोलोगों को अच्छा खासा पसंद आया.
अब, जाहिर सी बात है कि इसमें कोई दो मत नहीं कि यदि किसी प्रस्तुति में यूनुस ख़ान की मख़मली, खनकदार, शानदार आवाज़ हो तो उस प्रस्तुति को हजार गुना प्रभावी तो होना ही था.
बहरहाल, आप ये प्रस्तुति यू-ट्यूब पर इस लिंक से देख-सुन व डाउनलोड कर सकते हैं -
http://www.youtube.com/embed/Uuq7WxHHbhI
यदि आपका ब्राउजर आधुनिक किस्म का है, और नीचे यू-ट्यूब प्लेयर दिख रहा है तो आप इस वीडियो प्रस्तुति को नीचे दिए गए प्लेयर में प्ले बटन दबाकर यहीं पर देख सकते हैं. हाँ, स्पीकर फुल वॉल्यूम में ऑन करना न भूलिएगा :). -
यदि प्रस्तुति के पाठ (टैक्स्ट) धुंधले नजर आ रहे हों तो वीडियो HD मोड में चलाएं.
कुछ भी हो, ब्लॉग का मुकाबला नही है।
हटाएंबहुत बढिया प्रस्तुति
आभार आप दोनों का
प्रणाम स्वीकार करें
सुना जी, बढ़िया है.
हटाएंब्लॉगिंग अभी भी शब्दों की ही दुनिया है, चित्रों की नहीं :-)
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हटाएं............
yugalbandi achhi hai.......
jai blogging
pranam.
रवि जी ये अच्छी बात नहीं है। इस बार आपसे भोपाल में मुलाकात नहीं हुई सोचा वर्धा में तो पक्का ही मिलेंगे। यहां भी आप आभासी गच्चा दे गए।
हटाएंब्लॉगमेव जयते, सच में, अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुतीकरण।
हटाएंMay i know whose voice is this?
हटाएंExcellent Voice Quality...........congrats
If you listen from very begining, you will know that the voice is Yunus Khan's - the famous Radio Announcer from Vividh Bharti, Mumbai.
हटाएंछा गए आप और युनुस -जब दो हुनरमंद मिलते हैं तो कुछ कमल हो जाता है -जबरदस्त प्रस्तुति! हैट्स आफ तो यू बोथ !
हटाएंबहुत बढ़िया ...अभिव्यक्ति के इस माध्यम से जुड़ा सशक्त प्रस्तुतीकरण
हटाएंउद्घाटन सत्र की जान थी यह प्रस्तुति..
हटाएंसुनाने की कोशिश करते हैं
हटाएंसुंदर प्रस्तुति !
हटाएंबहुत सुंदर रचना
हटाएंजय जय जय घरवाली
मैंने ये वीडियो देखा, बहुत सुन्दर आवाज़ में प्रस्तुत किया है युनुस जी, आप दोनों का बहुत ही अच्छा विश्लेषण है ये!! आभार।।
हटाएंऐसे आयोजन ही हिंदी ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया को समृद्ध करेंगे।
हटाएंबढ़िया लगा।
हटाएंफेसबुक अपनी जगह है और ब्लॉगिंग अपनी जगह। दोनों की तुलना इस लिहाज से करना कि कौन श्रेष्ठ है। मुझे उचित नहीं लगता।
हटाएंदोनों माध्यम अपने अपने स्तर पर काम करते हैं। एक का काम रचनाधर्मिता को प्रशय देना है तो दूसरे का काम नेटवर्क बनाना।
जो लोग घालमेल कर रहे हैं, यह दोष उनका है कि वे दोनों में एक का चुनाव कर रहे हैं। लेकिन जो लोग जहां स्वतंत्रता या मुक्ति पा रहे हैं, उन्हें वहीं होना चाहिए।
बीस से अधिक ब्लॉगरों को मैं जानता हूं जो लिखने के लिए ब्लॉग में जाते हैं और सोश्ल कनेक्शन के लिए फेसबुक या ट्विटर पर मौजूद हैं...