आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 433 प्रेम सभी कष्टों से मुक्ति दिल...
आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ
संकलन – सुनील हांडा
अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी
433
प्रेम सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है
वर्ष 1922 की बात है। अंग्रेजों ने महात्मा गांधी को जेल में डाल दिया था। इससे आम लोगों के मध्य उनकी लोकप्रियता बहुत बढ़ गयी थी। अंग्रेज जेलर महात्मा गांधी का किसी भी भारतीय से संपर्क नहीं होने देना चाहता था।
इसलिए जेलर ने एक अफ्रीकी कैदी को, जो भारतीय भाषा नहीं जानता था, गांधी जी की देखभाल के लिए नियुक्त कर दिया। प्रतिदिन जब वह आता तो गांधी जी उसे देखकर मुस्करा देते। एक दिन जब वह कक्ष की सफाई कर रहा था, तब उसे एक बिच्छू ने काट लिया। वह बेचारा दर्द से तड़पने लगा। उसने महात्मा गांधी से मदद मांगी।
गांधी जी ने तत्काल उसका जहर चूस कर बाहर निकाल दिया। वे तब तक ऐसा करते रहे जब तक उसे राहत नहीं मिल गयी। उस दिन से गांधी जी के प्रशंसकों की सूची में एक और नाम शामिल हो गया।
उनके साधारण से कार्य ने यह सिद्ध किया कि प्रेम वह शक्ति है जो किसी भी तरह के डंक से होने वाले कष्ट से शारीरिक और भावनात्मक रूप से मुक्ति दिलाता है। अंग्रेज जेलर की योजना व्यर्थ गयी।
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राह से भटके हुए पुत्र की कथा
ईसा मसीह प्राय: राह एक भटके हुए पुत्र की कथा सुनाते थे। उनकी कथाओं में कई अंतर्निहित संदेश हुआ करते थे। एक आदमी की दो संतानें थीं। दोनों संतानें बटवारा चाहती थीं। पिता ने अपनी सारी जायदाद दो हिस्सों में बांट दी। बड़ा पुत्र अपने पिता के साथ बना रहा जबकि छोटा पुत्र घर छोड़कर चला गया।
छोटे पुत्र ने घर से निकलकर तरह-तरह के कार्य किए, जुआ खेला और सारी संपत्ति तबाह कर दी। सारी संपत्ति लुटा देने के बाद वह भिखारी हो गया।
एक दिन जब वह भीख मांग रहा था तब अचानक उसके मन में विचार आया कि यदि मैं वापस अपने पिता के पास लौट जाऊं तो वे मुझे माफ कर देंगे। वे दिल के बहुत अच्छे हैं। भले ही मैंने उनकी मेहनत से कमायी सारी संपत्ति तबाह कर दी हो, मेरा व्यवहार उनके प्रति ठीक न रहा हो तथा मैंने कभी उनकी सेवा न की हो पर वे मुझे माफ कर देंगे।
वह वापस लौट आया। जैसे ही यह समाचार पिता के पास पहुंचा कि उनका छोटा पुत्र लौट रहा है, उन्होंने शानदार दावत का प्रबंध किया। दावत में परोसने के लिए एक बड़े से मेमने की बलि दी गयी तथा सबसे पुरानी शराब मंगायी गयी। पिता ने अपने छोटे पुत्र के लौटने की खुशी में दी जा रही दावत में अपने मित्रों को आने का निमंत्रण भेजा।
बड़ा पुत्र खेत पर काम कर रहा था। जब वह वापस अपने घर लौट रहा था तो कुछ लोग उसे रास्ते में मिले और बोले – ‘देखो कैसा अन्याय हो रहा है। इतने वर्षों से तुम अपने पिता की सेवा कर रहे हो। तुम हमेशा आज्ञाकारी पुत्र रहे हो। तुमने कभी उनकी इच्छा के विपरीत काम नहीं किया। लेकिन तुम्हारे पिता ने कभी तुम्हारे सम्मान में कोई दावत नहीं दी। अब तुम्हारा जुआरी, बदमाश, अनाज्ञाकारी, भिखारी, पापी, और विद्रोही भाई वापस आ रहा है तो तुम्हारे पिता उसके स्वागत में दावत दे रहे हैं। यह तो सरासर अन्याय है।’
इन बातों को सुनकर बड़े पुत्र का नाराज होना स्वाभाविक ही था। गुस्से से भरा वह अपने पिता के पास पहुंचा और बोला - ‘यह सब क्या हो रहा है? और किसके लिए हो रहा है? और क्यों हो रहा है? यह सरासर गलत बात है। मैं हमेशा आपका आज्ञाकारी पुत्र रहा हूं। लेकिन आपने कभी मेरे लिए तो दावत का इंतजाम नहीं किया। लेकिन अब आप अपने उस पुत्र के सम्मान में, जिसने आपके सारे जीवन की कमाई को तबाह कर दिया, दावत दे रहे हैं। मुझे तो अपनी आँखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा है। मुझे तो ऐसा लग रहा है कि आप अपने छोटे पुत्र को ही चाहते हैं, मुझे नहीं।’
पिता ने उत्तर दिया - ‘ऐसी बात नहीं है। तुमने मुझे समझा नहीं। वह भटक गया था और अब वापस आ रहा है। तुम कभी अपने मार्ग से नहीं भटके। तुम हमेशा मेरे साथ रहे इसलिए इसमें उत्सव मनाने जैसी कोई बात ही नहीं थी। मेरा जो कुछ भी है, वह तुम्हारा ही है। लेकिन तुम्हारा भाई पहले मेरे लिए मर चुका था लेकिन अब वह जीवित हो गया है। पहले वह खो गया था, अब मिल गया है।’
यह कथा बहुत अर्थपूर्ण है। मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो अपने जीवन का आनंद लेने के लिए अपने पथ से भटक जाता है किंतु बाद में गलती स्वीकार कर वापस आ जाता है। वृक्ष हमेशा अपने पूर्वजों के साथ रहते हैं। पक्षी भी अपने माता – पिता के साथ रहते हैं। चट्टानें और आकाश भी अपनी जगह स्थिर रहते हैं। वे कभी अपना घर नहीं छोड़ते और राह से नहीं भटकते।
मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो अपने जीवन का आनंद लेने के लिए अपने पथ से भटक जाता है। वह जीवन को भोगता एवं तबाह करता है। लेकिन जब भी भूला हुआ मनुष्य वापस लौटता है तो दावत दी जानी चाहिए। क्योंकि जब मनुष्य विद्रोही होता है, तब वह समृद्ध होता है। जब भी कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलता है, तब वह उन संतों से कही अधिक जानकार हो जाता है जो कभी घर से नहीं निकले।
घर से बाहर निकलना परिपक्वता की ओर बढ़ने का मार्ग है। गलत रास्ते पर चलने का मतलब है - अधिक ज्ञान प्राप्त करना। मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो अपने जीवन का आनंद लेने के लिए अपने पथ से भटक जाता है किंतु बाद में गलती स्वीकार कर वापस आ जाता है।
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लॉन का एक कोना
पिता ने अपनी पुत्री से कहा कि यदि वह लॉन की पूरी घास काट दे तो उसे उसके नए महंगे, डिजाइनर कॉर्डिगन के लिए पैसे मिलेंगे.
पुत्री ने खुशी खुशी यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. दिन भर वह बड़े उत्साह से लॉन काटने में लगी रही.
शाम को उसके पिता ने देखा कि पुत्री ने तमाम लॉन की घास काट तो दी है, परंतु एक कोने का घास अभी भी काटने से बचा हुआ है.
पिता ने पुत्री से कहा कि जब तक कोने की घास कटेगी नहीं, वो उसे उसके पारिश्रमिक का भुगतान नहीं करेगा.
पुत्री ने कहा कि भले ही उसे पैसे न मिलें, वो लॉन के उस हिस्से की घास नहीं काटने वाली.
पिता को कौतूहल हुआ कि आखिर बात क्या है जो कोने की घास नहीं काटी जा रही.
पिता कोने पर पहुँचे तो वहाँ कुछ पिल्ले घास में आराम फरमा रहे थे. पिता के चेहरे पर मुस्कान आई. पुत्री का दिल कोमल था. वह इन पिल्लों को यहाँ से बेदखल कैसे कर सकती थी.
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अभेद्य किला
एक राजा ने विशाल और बड़ा ही अभेद्य किला बनवाया. राजा को अपने किले पर गर्व और विश्वास था और अपने आपको बड़ा सुरक्षित महसूस करता था.
परंतु राजा का प्रधान मंत्री बुद्धिमान था. उसने राजा से कहा कि कोई भी किला अभेद्य जैसा नहीं हो सकता. आपका किला भी भेद्य है. आप कहें तो मैं आज ही इसे सिद्ध कर सकता हूँ.
राजा ने हामी भर दी.
राजा और मंत्री दोनों किले से बाहर चले गए और चुपचाप बिना किसी को बताए वेश बदल कर किले के दरवाजे पर पहुँचे. उनके हाथों में सोने के सिक्कों से भरे बैग थे.
किले के दरवाजे पर पहुंच कर उन्होंने सुरक्षा गार्ड से कहा कि वो उन्हें भीतर जाने दे.
गार्ड ने कहा कि वो ऐसा नहीं कर सकता. उसे मुख्य गार्ड से परमीशन लेनी होगी.
मंत्री ने गार्ड को दस सोने के सिक्के का लालच दिया.
गार्ड के मन में लालच तो उत्पन्न हुआ मगर उसने मना कर दिया.
मंत्री ने सौ स्वर्ण मुद्राएं देने का प्रलोभन दिया. उसने अपने सोने के सिक्के से भरे बैग उसके सामने खनखनाए.
गार्ड लालच में आ गया. उसने सोने के सिक्के लिए और उन्हें भीतर जाने दिया.
मंत्री ने राजा से कहा – सुरक्षा किले की मजबूत दीवारों से नहीं मिलती. सुरक्षा आपके सुरक्षा कर्मचारियों की विश्वसनीयता से मिलती है!
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(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)
प्रेम सब पर विजय पा जाता है।
जवाब देंहटाएंबेहद पठनीय पुस्तक है, परिचय कराने के लिए आभार।
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