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बिल गेट्सः अद्वितीय मेधा, अतुलनीय सादगी

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- बालेन्दु दाधीच पिछले साल 13 मार्च को मुझे माइक्रोसॉफ्ट के आमंत्रण पर उसके रेडमंड (सिएटल) स्थित विश्व मुख्यालय का दौरा करने, उसके सं...

- बालेन्दु दाधीच

पिछले साल 13 मार्च को मुझे माइक्रोसॉफ्ट के आमंत्रण पर उसके रेडमंड (सिएटल) स्थित विश्व मुख्यालय का दौरा करने, उसके संस्थापक बिल गेट्स से मिलने और उन्हें सुनने का अविस्मरणीय अवसर मिला। उनकी चौंका देने वाली तकनीकी और व्यावसायिक सफलता के अलावा उस मौके पर जिन तीन बातों ने मुझे बेहद प्रभावित किया, वे थीं- गूढ़ तकनीकी संकल्पनाओं को आसान ढंग से अभिव्यक्त करने की उनकी योग्यता, कई साल आगे के तकनीकी परिदृश्य को भांप लेने की अद्वितीय क्षमता और उनकी सादगी। माइक्रोसॉफ्ट के एक विश्व स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते समय बिल कोट और टाई की बजाए स्वेटर पहनकर आए थे। वह भी एकदम तनावमुक्त, बेपरवाह शैली में। छोटी-छोटी उपलब्धियों का दिखावा करने वाले हम लोगों के लिए यह देखना एक अद्वितीय अनुभव है कि सॉफ्टवेयर का सरलीकरण और सामान्यीकरण करते हुए पूरी दुनिया की हर डेस्क पर कंप्यूटर पहुंचा देने वाला व्यक्ति, जिसकी कंपनी में अस्सी हजार के करीब कर्मचारी और दस हजार से ज्यादा मिलियनायर (वह भी डॉलर में) हैं, वह दिखावटी चीजों से पूरी तरह मुक्त, बाहर से बेहद सामान्य किंतु भीतर से कितना विलक्षण व्यक्ति है।

बिल गेट्स के शर्ट की कॉलर का एक कोना गलती से स्वेटर के गले में घुसा हुआ था, जिसे बाद में उन्होंने भाषण देते-देते बहुत स्वाभाविक ढंग से ठीक किया। जब वे बोले तो मंत्रमुग्ध कर देने वाली बातें, किंतु बेहद सरल भाषा-शैली में। तकनीकी मुद्दों पर दिए करीब पौन घंटे के भाषण के दौरान कहीं भी कोई बोझिल बात नहीं। सब कुछ बहुत दिलचस्प, रोमांचक और भविष्य के लिए उम्मीदें जगाने वाला। आज की बात करते हुए कब वे दस साल बाद की दुनिया की झलक दिखा देते थे, पता ही नहीं चलता था। लगता था, इस व्यक्ति के सपने कितने वास्तविक हैं।

उन्होंने दो अहम बातें कहीं। पहली यह कि तीस साल तक सॉफ्टवेयर की दुनिया में सबकुछ करने के बाद भी मुझे लगता है कि कितना कुछ करना बाकी है। दूसरे, उन्होंने गूगल की उभरती हुई चुनौती को विनम्रता से स्वीकार करते हुए छलकते हुए आत्मविश्वास के साथ कहा कि ‘लेकिन अभी माइक्रोसॉफ्ट की क्षमताओं का परीक्षण नहीं हुआ है। जो लोग हमें चुका हुआ करार दे रहे हैं, उन्हें हम अपनी क्षमताओं और तकनीक से आगे भी चौंका देने की क्षमता रखते हैं।‘ बाद में रेडमंड स्थित माइक्रोसॉफ्ट मुख्यालय में वास्तव में बहुत सी चौंकाने वाली तकनीकों को साक्षात् देखने और अनुभव करने के बाद महसूस हुआ कि माइक्रोसॉफ्ट और उसे संस्थापक को इतने वर्षों से जानते हुए भी हम कितना कम जानते हैं। दोनों के भीतर ऐसा बहुत कुछ है जो अभी बाहरी दुनिया में देखा जाना बाकी है।

सन 2000 में माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का अपना पद अपने कॉलेज के दिनों के साथी स्टीव बामर के हवाले कर बिल गेट्स ने सबको चौंका दिया था। अब उन्होंने इस कंपनी के पूर्णकालिक कामकाज से पूरी तरह अलग होने का फैसला करके एक बार फिर विश्व भर में हलचल मचा दी है। कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति करने वाले, उसे घर-घर और दफ्तर-दफ्तर में पहुंचाने वाले, दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बनाने वाले और सॉफ्टवेयर शब्द के पर्याय बन चुके बिल गेट्स अभी सिर्फ 52 साल के हैं। लेकिन वे एक जीवित किंवदंती बन चुके हैं। तकनीकी विश्व की एक अजीम हस्ती, जिसके बिना कंप्यूटर की दुनिया की कल्पना करना असंभव होगा। तैंतीस साल के सक्रिय कारोबारी जीवन को अलविदा करके बिल गेट्स अब अपने जीवन का नया अध्याय शुरू कर चुके हैं। वे ऐसे समय पर व्यावसायिक जीवन के दांव-पेंच, छल-प्रपंच, कूटनीति-रणनीति की दुनिया से अलग हो गए जबकि वे सॉफ्टवेयर की दुनिया के शीर्ष पर थे। इससे ज्यादा शायद वे इस क्षेत्र में अर्जित कर भी नहीं सकते थे। वे ही क्या, तकनीकी क्षेत्र की कोई भी अन्य शख्सियत शायद बिल गेट्स जितनी दूर शायद ही जा पाए।

1975 में न्यू मैक्सिको में अपने एक स्कूली मित्र पॉल ऐलन के साथ मिलकर माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना करने वाले बिल गेट्स महज 33 साल की व्यावसायिक यात्रा में उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं जहां फॉरच्यून पत्रिका के अनुसार उनकी कुल संपत्ति करीब 50 अरब डालर (लगभग दो लाख करोड़ रुपए) हो चुकी है।

आज जब बिल गेट्स ने 33 साल के बाद माइक्रोसॉफ्ट के दैनिक कामकाज से सेवानिवृत्ति ले ली है तो शायद जल्दी ही हमें उनके भीतर छिपा हुआ वह दूसरा व्यक्ति देखने को मिले जो सिर्फ तकनीक और कारोबार के बारे में नहीं सोचता, एक सफलतम वैश्विक संस्थान के प्रमुख के नाते विश्व मानवता के प्रति अपने दायित्वों को लेकर भी जागरूक है। जिस भाषण का जिक्र मैंने ऊपर किया, उसमें भी उन्होंने कहा था कि सॉफ्टवेयर की दुनिया शायद आज विश्व के लिए पहले से ज्यादा योगदान देने की स्थिति में है।

बिल गेट्स का सपना विश्व के हर घर में कंप्यूटर पहुंचाने तक सीमित नहीं है, जिसे कम से कम विकसित देशों में तो वे हासिल कर ही चुके हैं। वे विश्व को गरीबी, बीमारी और अशिक्षा जैसी समस्याओं से मुक्त, सुखद-समृद्ध विश्व बनाना चाहते हैं। अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ जिस बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को वे चलाते हैं वह अपनी किस्म का दुनिया का सबसे बड़ा चैरिटी संगठन है। भारत तो उन्हें विशेष रूप से प्रिय है जिसकी एक वजह यहां की सांस्कृतिक समृद्धि है तो दूसरी वजह यहां के प्रतिभाशाली युवक-युवतियां जिन्हें माइक्रोसॉफ्ट ने आगे बढ़ने का अवसर दिया और जिनकी मेधा से खुद भी लाभान्वित हुआ। रेडमंड में भारतीय होना कोई पराएपन का अहसास नहीं देता। माइक्रोसॉफ्ट में भारतीय तकनीकविद् और इंजीनियर खूब हैं और वहीं के माहौल में रच-बस गए हैं।

सिएटल को बिल गेट्स बहुत प्रिय हैं। वह उन पर गर्व करता है और उन्होंने उसे विश्व भर में वह प्रतिष्ठा दिलाई है जो अन्य शहरों के लिए दुर्लभ है। यूं सिएटल ही वह शहर है जहां पर बोइंग विमान बनते हैं और यही वह शहर है जहां से विश्व प्रसिद्ध कॉफी चेन ‘स्टारबक्स‘ की शुरूआत हुई। लेकिन बिल गेट्स की बात कुछ और है। उनके बारे में पूरे शहर में तरह-तरह की दंतकथाएं प्रचलित हैं। झील के भीतर और बाहर बने उनके घर के बारे में जिसमें तैरता हुआ हैलीपैड तो है ही, घर की हर वस्तु इंटरनेट से जुड़ी है और गेट्स भले ही विश्व के किसी भी कोने में हों, कहा जाता है कि वहीं से वे अपने घर की कई चीजों को संचालित कर सकते हैं।

सिएटल में यदि आप माइक्रोसॉफ्ट के मेहमान हैं तो शहर भर के मेहमान हैं। मैंने यह बात कई बार महसूस की। बिल और सिएटल दोनों एक दूसरे के लिए समर्पित हैं। बिल ने शहर को गौरव दिलाया है और उसे तकनीकी विश्व के अग्रणी शहरों की कतार में ला खड़ा किया है। वरना वे चाहते तो माइक्रोसॉफ्ट को वाशिंगटन, न्यूयॉर्क या सिलीकॉन वैली ले जा सकते थे।

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बालेंदु दाधीच प्रभासाक्षी.कॉम के समूह संपादक हैं. उनके अन्य आलेख आप उनके ब्लॉग मतांतर तथा वाह मीडिया में पढ़ सकते हैं

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(यह विशेष आलेख बिल गेट्स के सेवा निवृत्ति 27 जून 2008 पर लिखा गया था)

बिल गेट्स की सेवा निवृत्ति पर पढ़ें एक अन्य आलेख  अलविदा बिल गेट्स .

COMMENTS

BLOGGER: 10
  1. Bill gates ko maine bhi suna hai.. bahut hi vilakshan pratibha ke dhani hai.. acha laga aapka yeh lekh padhkar

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  2. सादगी मन मोहती है. भरा घड़ा कहाँ छलकता है?

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  3. बहुत बढिया और प्रेरणा दायी आलेख !
    धन्यवाद !

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  4. सही साट आदमी है गेट्स!

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  5. बेनामी8:17 pm

    यह सच है। मैंने बिल गेटस् की पुस्तक The Road Ahead पढ़ी है। यह बेहतरीन पुस्तक है। यह कंप्यूटर तकनीक से जुड़ी बातों को बहुत आसानी से और बढ़िया तरीके से समझाती है। इसको पढ़ने के बाद लगता है कि वे वे आसाधारण पुरुष हैं।

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  6. He was realy a visionry man, still he is... Nice post...

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  7. बिल गेट हिन्दी भी अच्छी बोलता है और भारत और भारतीयों के प्रति काफी सम्मान रखता है।

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  8. बिल गेट्स के व्यक्तित्व में ऐसा बहुत कुछ है जिससे हम प्रेरणा ले सकते हैं। टिप्पणियों और प्रोत्साहन के लिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद।

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