तकनीकी,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
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छींटे और बौछारें: हिन्दुस्तान टाइम्स में हिन्दी ब्लॉग!
हिन्दुस्तान टाइम्स में हिन्दी ब्लॉग!
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छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2007/03/hindi-blogs-in-hindustan-times.html
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वाह अच्छी खबर है, लेकिन इमेज से पढ़ी नहीं जा रही। क्या आप इसे थोड़े बड़ी साइज में स्कैन करके डाल सकते हैं।
हटाएंYe bhee paThaneeya hai:
हटाएंExplosion in Hindi Blogging
http://www.kafila.org/2007/03/12/the-relief-of-blogistan/
रवि जी ब्लॉगिंग से बाहर की दुनिया के लोगों के लिए यह खबरें लिखी जा रही हैं पर बात अधूरी कहती हैं मुझे लगता है कि प इस विषय पर पूर्णता से विचार प्रस्तुत करते लेखों को लिखे जाने की जरूरत है
हटाएंवाह ताजा खबर, मैं भी बलौग के विषय में लिख रहा हुँ सर पुरी होने पर अपने यहाँ पेपर(bilaspur chhattishgarh) में दुंगा.
हटाएंमेरी टिप्पणी कहाँ गई? आप दो दो बार परिश्रम करवाते है.
हटाएंअच्छी खबर दी.
श्रीश,
हटाएंये इमेजेस ई-पेपर के हैं, स्कैन किए नहीं, अतः इनकी गुणवत्ता बढ़ाना संभव नहीं है. पूरा आलेख ईपेपर की कड़ी में जाकर पढ़ सकते हैं, पंजीकरण मुफ़्त है.
अनुनाद,
कड़ी के लिए धन्यवाद. यहां भी अच्छी चर्चा है.
नीलिमा,
यह तो पूर्णतः सत्य है. परंतु आड़ी हो या तिरछी, कमी हो या बेसी - शर्त ये है कि चर्चा होनी चाहिए. कुछ तो लोग जुड़ेंगे और लोगों को कुछ तो जानने का मौका मिलेगा. और क्यूरियस पर्सन आपके चिट्ठे पर आकर आपका चिट्ठा-शोध पढ़ ही लेंगे.
गणेश,
यह तो आपने बहुत अच्छी खबर बताई
संजय,
मैं आपसे माफ़ी चाहता हूँ. परंतु मैं चाहकर भी इस खाते में कमेंट करने में आसानी हेतु सेटिंग नहीं कर सकता - क्योंकि फिर स्पैमरों के वायग्रा बिकने लग जाते हैं कड़ियों के माध्यम से!
बहुत त्वरित ख़बर। और अधिक ख़बरों की आवश्यकता है क्योंकि असंख्य लोग ब्लॉगिंग के बारे में कुछ नहीं जानते।
हटाएंआधी अधूरी जैसी भी-कुछ कुछ आता रहे तो कुछ जागरुकता तो आयेगी ही!!
हटाएंक्या यह हिन्दी ब्लॉग्स के वर्चस्व की लडाई तो नहीं। हमेंशा पत्रकारों के ब्लॉग्स की चर्चा ही क्यों ?
हटाएंबधाई आपको।
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