डिजिटल कैमरा से बढ़िया फ़ोटो खींचने के चंद नुसख़े पिछले दिनों मैंने डिजिटल फ़ोटोग्राफ़ी पर एक कार्यशाला में हिस्सा लिया जिसमें भार...
डिजिटल कैमरा से बढ़िया फ़ोटो खींचने के चंद नुसख़े
पिछले दिनों मैंने डिजिटल फ़ोटोग्राफ़ी पर एक कार्यशाला में हिस्सा लिया जिसमें भारत के नामी, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत तथा कई फ़ोटोग्राफ़ी पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखक-छायाचित्रकार गुरदास दुआ ने अच्छे, प्रोफ़ेशनल गुणवत्ता युक्त फ़ोटोग्राफ लेने के कई गुर सिखाए. गुरदास दुआ संपूर्ण मप्र व छत्तीसगढ़ में एकमात्र फ़ोटोग्राफर हैं जो लार्ज फ़ॉर्मेट के सिनार कैमरा इस्तेमाल करते हैं. उनके द्वारा खींचे गए चित्रों से बनाए गए कुछ विज्ञापन कैंपेन खासे चर्चित रहे, जिनमें से एग-कोआर्डिनेशन-कमिटी का अंडों का चित्र जिसमें एक अंडे को कम्प्यूटर माउस की शक्ल दी गई थी, शामिल हैं. जो कुछ मैंने उनसे सीखा, आइए, आज मैं उनमें से चंद महत्वपूर्ण बातों को आपके साथ साझा करता हूँ.
- अगर आप पासपोर्ट आकार का फ़ोटोग्राफ - वीज़ा या किसी आवेदन में चिपकाने के लिए नहीं ले रहे हैं, तो फिर किसी भी सूरत में सब्जैक्ट (विषय वस्तु) को बीचों बीच मत रखें. विषय के सामने की ओर (मुख की ओर) थोड़ा ज्यादा जगह छोड़ें.
- दृश्यावलि चित्रण में हमेशा 2/3 नियम का पालन करें- यानी कि पूरे फ्रेम को तीन हिस्सों में बाटें तथा जिस चीज को महत्व देना है उसे फ्रेम के दो-तिहाई हिस्से में रखें. बराबर बराबर भागों में कतई नहीं रखें. उदाहरण के लिए, यदि आप आकाश के बादलों की छटा दिखाना चाहते हैं तो आकाश आपके पूरे फ्रेम में ऊपरी ओर दो तिहाई हिस्सों में रहे. यदि आप पहाड़ों घाटियों या मैदानों की हरियाली दिखाना चाहते हैं तो इसे फ्रेम के नीचे दो तिहाई हिस्सों में रखें. इस तरह से आपके फ़ोटोग्राफ में दर्शक को बांधने की क्षमता होगी और उसका ध्यान नहीं भटकेगा.
- जहां तक बन पड़े दृश्यावलियों में जीवंतता-जीवन का चिह्न अवश्य डालें. उदाहरण के लिए, खूबसूरत बादलों की छटा व बढ़िया हरियाली युक्त पहाड़ों की शृंखला में यदि कोई उड़ता पक्षी, दौड़ता जानवर या दूर से आती जाती हुई गाड़ियाँ फ्रेम के किसी हिस्से में आ जाएँ तो बात ही क्या. और, ऐसे स्थानों पर जीवन के ऐसे चिह्नों के प्रकट होने का इंतजार लंबे समय के लिए भी किया जा सकता है.
- अगर दृश्यावलि के किसी हिस्से में सड़क दिख रही है, तो इंतजार करें कि उस सड़क से कोई वाहन, कोई यात्री गुजरे. तब फिर क्लिक करें. यह भी ध्यान रखें कि यात्री या वाहन के गंतव्य की दिशा में - आगे की ओर सड़क का अधिकांश हिस्सा हो.
- व्यक्ति चित्रण में रंगों के जमावट का ध्यान रखें. विपरीत व कंट्रास्ट रंगों का प्रयोग व्यक्ति चित्रण में भ्रम पैदा करता है. कलर हॉर्मनी से चित्र सुंदर व प्यारा लगता है. व्यक्ति के पोशाक के रंग से मिलता व मैत्री करता रंग पृष्ठ भूमि में रखें.
ये तो थीं व्यवहारिक, कलात्मक बातें. ये हैं कुछ तकनीकी बातें जो आपके फ़ोटोग्राफ को सर्वोत्तम बनाने में मददगार हो सकेंगी-
- जहाँ तक संभव हो, उस समय पर उपलब्ध अच्छे, डिजिटल एसएलआर कैमरों का प्रयोग करें. नवीनतम तकनॉलाजी युक्त कैमरे का इस्तेमाल करें. कैमरा जितना ज्यादा अच्छा और प्रोफ़ेशनल क्वालिटी का होगा, वह उतना ही बढ़िया परिणाम देगा. अगर गौतम राजाध्यक्ष भी पाइंट एंड शूट कैमरे से फोटो खींचेंगे तो परिणाम वही होगा जो उस कैमरे से आपके द्वारा खींचे गए फोटो में होता है. अतुल कस्बेकर यदि आपके मोबाइल कैमरे से किसी बिकिनी पहनी मॉडल का फोटो खींचेंगे तो आपके द्वारा खींचे गए फोटो में कोई खास अंतर नहीं होगा.
- क्लिक करते समय कैमरे को स्थिर रखें. जहाँ तक बन पड़े ट्रिपॉड का इस्तेमाल करें और यदि संभव न हो तो आसपास की किसी भी स्थिर वस्तु पर कैमरा टिका लें.
- कैमरे के लिए बैग उच्च क्वालिटी का खरीदें जो पूरी तरह से वातावरण से सील हो जाता हो तथा उसमें सिलिकाजेल का थैला भी रखें ताकि आर्द्रता की वजह से उसके लैंस में फंगस न लगे.
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अंत में, प्रोफ़ेशनल फ़ोटोग्राफी की इस कार्य शाला में जो सार तत्व मैंने सीखा वह ये हैं-
- प्रोफ़ेशनल फ़ोटोग्राफी के लिए आपका कैमरा, आपके उपकरण, प्रोफ़ेशनल गुणवत्ता के होने चाहिएँ. यानी आपके पास डिजिटल एसएलआर (उदाहरण के लिए, न्यूनतम रेंज निकॉन डी-70) युक्त कैमरा होना चाहिए, एक्सपोजर मीटर होना चाहिए, फ़्लैश व डिफ़्यूज्ड प्रकाश, तथा प्रकाश फ़िल्टर इत्यादि उपकरण होने चाहिएँ. यानी कुल मिलाकर न्यूनतम खर्च - 60 हजार से 1 लाख रुपए तक का कैमरा पर, तथा 4-5 लाख विभिन्न उपकरणों पर. तभी आप उम्मीद करें कि आपके चित्र व्यवसायिक गुणवत्ता युक्त हो सकेंगे. वैसे, शौकिया फ़ोटोग्राफ़ी के लिए तो आपके मोबाइल का अंतर्निर्मित कैमरा भी काफ़ी है.
- पुरस्कार योग्य फ़ोटोग्राफी के लिए फ़ोटोग्राफ में अतिरिक्त प्रभाव पैदा करने के लिए फ़ोटोशॉप सीएस2 का इस्तेमाल अब जायज है. उदाहरण के लिए, गुरदास दुआ के एक पुरस्कृत फ़ोटोग्राफ में उन्होंने फ़ोटोशॉप के जरिए प्रकाशित झील में चाँद व नाव के चित्र अतिरिक्त रूप से डाले, तथा रंगों का संतुलन (कलर बैलेंसिंग) भी उन्होंने सॉफ़्टवेयर के जरिए किया - इस तरह से, डिजिटल फ़ोटोग्राफी में नई कलात्मकता घुस आई है.
मेरे पास कोई एसएलआर कैमरा नहीं है, न भविष्य में कभी खरीदने की कोई योजना है. मेरे पास कोडक का पाइंट एंड शूट किस्म का डिजिटल कैमरा, cx7220 है जिसका अधिकतम रीजॉल्यूशन 2 मेगापिक्सल का है. ऊपर का चित्र तथा नीचे दिया गया चित्र इसी कैमरे से खींचा गया है. किसी सॉफ़्टवेयर से इसे ठीक नहीं किया गया है. हाँ, ऊपर बताए कुछ कलात्मक बातों का ध्यान रखने की कोशिश मैंने की है.
आपके विचार में चित्रों में प्रोफ़ेशनल क्वालिटी आई है या नहीं? या मेरे द्वारा कार्यशाला के लिए खर्च किए गए फ़ीस के रुपए 500/- बेकार ही चले गए?
रवि जी, इन टिप्स को बाँटने के लिए धन्यवाद। आपने जो नीचे चित्र लगाया है वह बहुत अच्छा है, ऊपर वाले के विषय में मेरी कोई टिप्पणी नहीं है। कुछ सामन्य ज्ञान वाली टिप्स के बारे में मैंने भी लिखा था, यहाँ पढ़ें।
हटाएंVery informative. Congrats on your new endeavor.
हटाएंरवि जी, फोटोग्राफी के बारे में बढ़िया जानकारी देने के लिए धन्यवाद। फ़ोटो बेहद खूबसूरत है। बादलों के घूंघट से ढके सूरज की छटा बहुत सुंदर है। अपने मोबाइल से खींचे एक चित्र को मैंने भी यहाँ डाला है । आप भी देखकर अपनी राय दें।
हटाएंरवि जी, आपके द्वारा लिया गया नीचे वाला चित्र तो पुरस्कार जीतने लायक बन पड़ा है। आपके 500 रू. बेकार नहीं गए :-)
हटाएंबहुत ही ज्ञानवर्धक लेख है। नई दिशा में आपकी पहल के लिए आपको बधाई।
बहुत ही सूचनात्मक और ज्ञानवर्धक लेख है। चित्र भी बहुत सुंदर लिये गये हैं।
हटाएंटिप्स अच्छी हैं
हटाएंरवि जी, नीचे वाला चित्र तो अति मोहक है। आपके 500 रुपये तो बिलकुल भी बेकार नहीं गये और अन्य नुस्खे भी अच्छे हैं।
हटाएंनही जी! 500/- कतई बेकार नही गए। नीचे वाला फोटो तो बहुत शानदार है। रही बात ऊपर वाले की, तकनीकी नज़र से देखा जाए तो बहुत अच्छा है।हमने आपको एक अलग से इमेल किया है उसे देखें।
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