इससे पहले, अपने पिछले आलेख में मैंने आपसे पूछा था – डॉल्बी एटमॉस सुना क्या? यदि आपने नहीं सुना, तो जरूर सुनें. अब इससे आगे की बात – डॉल्बी ...
इससे पहले, अपने पिछले आलेख में मैंने आपसे पूछा था – डॉल्बी एटमॉस सुना क्या? यदि आपने नहीं सुना, तो जरूर सुनें.
अब इससे आगे की बात –
डॉल्बी विजन देखा क्या?
कुछ समय पहले तक, मैंने भी नहीं देखा था. पर, जब देखा तो देखता ही रह गया.
दरअसल, कुछ समय पहले मेरा एक अपेक्षाकृत नया, परंतु “गारंटी अवधि बिता चुका” 4K टीवी खराब हो गया तो उसके स्थान पर एक नया टीवी लेने का भार सिर पर आ गया. वैसे भी, मरफ़ी के नियम के मुताबिक, कोई उपकरण जब खराब होता है तो पता चलता है कि उसकी गारंटी अवधि बस कुछेक दिन पहले ही बीत चुकी होती है. बहरहाल, मेरा खराब हो चुका, MI का यह टीवी जब जारी हुआ था तो तकनीक के मामले में अव्वल था, मगर था बेहद सस्ता. इसका डिस्प्ले शानदार था, साउंड भले ही घटिया था. चूंकि मेरे पास 7.1 AVR सिस्टम पहले से ही मौजूद था, इसीलिए, इसके कम कीमत व दमदार डिस्प्ले की वजह से इसे खरीद लिया था. ऐसे दमदार डिस्प्ले वाले प्रसिद्ध ब्रांड के टीवी उस वक्त उससे दोगुनी कीमत में मिल रहे थे. मगर, सस्ता रोए बार-बार की तर्ज पर यह गारंटी अवधि बीतते न बीतते यह खराब हो गया, और चूंकि इसका पैनल ही खराब हो गया था, इसके सुधार कर उपयोग करने की संभावना धूमिल हो गई थी – सोने से ज्यादा घड़ावन यानी की रिपेयर कीमत महंगी पड़ रही थी. पर, फिर, बाद में लगा कि जो होता है अच्छा होता है – अच्छा ही हुआ जो यह टीवी खराब हो गया. क्यों? कैसे? आगे बताता हूँ.
तो, जब जबरिया नया टीवी खरीदना गले ही पड़ गया तो बाजार में सर्वे किया गया. कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक की दुनिया में यूँ बाहर से तो कोई क्रांति होती प्रतीत नहीं होती है, मगर जब बारीकी में जाएँ, तो लगता है कि नित्य ही नई क्रांति हो रही है.
जब मैंने अपने वर्तमान, खराब हो चुके टीवी को खरीदा था, तब 4K नया-नया आया ही था. कुछेक साल बीतते न बीतते मैंने देखा कि तकनीक 8K तक तो पहुँच ही गई है, HD से ऊपर HDR तक जाते-जाते HDR 10, HDR 10+ तक पहुँच चुकी है. और, वहाँ से भी आगे डॉल्बी विजन तक पहुँच गई है. मैंने देखा कि कुछ प्रीमियम टीवी सेट नई तकनीक – डॉल्बी एटमॉस (जिसकी चर्चा पहले की जा चुकी है) के साथ, डॉल्बी विजन में आ रहे हैं. यानी आपके महज कुछेक साल पहले खरीदे गए एचडी, 2K या 4K टीवी कबाड़ होने वाले हैं, क्योंकि जमाना डॉल्बी विजन का आ गया है.
डॉल्बी विजन क्या है?
अब आप पूछेंगे कि डॉल्बी विजन क्या है?
डॉल्बी विजन बनाने वाली कंपनी की आधिकारिक साइट पर इसे कुछ इस तरह पारिभाषित किया गया है –
“डॉल्बी विजन के जरिए सिनेमा, टीवी शो तथा वीडियो गेम के दृश्यों की कलात्मकता को अधिक गहराई, अविश्वसनीय कंट्रास्ट, और ज्यादा रंगों के साथ डिस्प्ले की HDR तकनीक को डायनामिक तरीके से फ्रेम दर फ्रेम वीडियो क्वालिटी को बढ़ा कर प्रस्तुत किया जाता है जिससे इन्हें देखने का अनुभव हर हमेशा ही दृश्यों में अधिक डूब कर, अधिक आनंद के साथ लिया जा सकता है.”
दरअसल, डॉल्बी विजन से फिल्म, टीवी या गेम के हर सीन में गुणवत्ता को HDR (हाई डायनामिक रेंज) तकनीक से आगे जाकर डायनामिक तरीके से और बढ़ाया जाता है जो अभी तक की उपलब्ध किसी और दूसरी तकनीक में संभव नहीं था. इसमें हर सीन के हर दृश्य के हर फ्रेम के लिए डायनामिक मेटाडाटा का उपयोग किया जाता है जिससे दृश्य अधिक जीवंत, डिटेल युक्त, रंगीन और आनंददायी हो जाते हैं. डॉल्बी विजन में 12 बिट कलर डैफ्थ का समर्थन है, जिसका अर्थ है – 6870 करोड़ रंगों का समर्थन. डॉल्बी विजन एक प्रोप्रायटरी फ़ॉर्मेट है जिसका उपयोग करने के लिए डॉल्बी से लाइसेंस लेना आवश्यक होता है. इसीलिए, अभी यह तकनीक केवल कुछेक प्रीमियम उपकरणों व स्ट्रीमिंग सेवाओं में ही उपलब्ध है. हालांकि परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और निकट भविष्य में सभी डिस्प्ले डॉल्बी विजन युक्त होंगे, इसकी पूरी संभावना है.
तो मैंने एक डॉल्बी विजन युक्त टीवी सेट खरीदने का निश्चय किया और पास के एक मल्टीब्रांड इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में गया. वहाँ मैंने सेल्समेन से डॉल्बी विजन युक्त टीवी और उसके बारे में पूछताछ की और डॉल्बी विजन फीचर वाले टीवी को चलाकर देखने का प्रयत्न किया. चूंकि तकनीक नई है, तो सेल्समेन ज्यादा कुछ बता नहीं पाया और बस यही कहता रहा कि इसमें पिक्चर बढ़िया आती है. वो डेमो भी चला रहा था तो सामान्य, टाटा स्काई के एचडी प्रसारण को चला कर दिखा रहा था. उसे AI अपस्केलिंग आदि के बारे में भी जानकारी नहीं थी.
अब आप पूछ सकते हैं कि ये AI अपस्केलिंग क्या होती है? तो ये अपस्केलिंग का फंडा ये है कि पुराने SD, HD तकनीक में बहुत सारी तमाम वीडियो सामग्री हैं जिन्हें आजकल के बड़े आकार वाले 4K टीवी में देखने पर ये पिक्सलेटेड दिखाई देते हैं तो इन्हें शार्प व क्लीयर बनाने के लिए अपस्केलिंग का सहारा लिया जाता है. यहाँ तक कि कुछ विशिष्ट उपकरणों में (एपल टीवी 4K, अमेजन फायर क्यूब 4K, रोकू अल्ट्रा आदि आदि) में डॉल्बी विजन में 4K में अपस्केल की भी सुविधा होती है. तो HD या SD वीडियो को चलते-चलते ही ग्राफ़िक्स प्रोसेसर से 2K या 4K में अपस्केल कर दिखाया जाता है जिससे पुराना माल भी नया नकोर चकाचक दिखता है.
शो रूम में मौजूद टीवी तो डॉल्बी विजन वाला था, मगर कंटेंट यानी सामग्री साधारण थी, तो टीवी का डिस्प्ले भी साधारण से थोड़ा बेहतर दिख रहा था. कोई वॉव फैक्टर कहीं नजर नहीं आ रहा था. पहली नजर में तो लगा कि ये डॉल्बी विजन किसी तरह की मार्केटिंग गिमिक तो नहीं है. शोरूम में मेरा अनुभव कुछ सही नहीं रहा और मुझे डॉल्बी विजन तकनीक युक्त और उस तकनीक के बगैर टीवी दोनों एक साथ देखकर भी कोई चमत्कृत होने जैसा अनुभव तो नहीं ही हुआ और कह सकते हैं कि कोई बहुत ज्यादा भिन्न नजर नहीं आया.
इसके बावजूद भी, मैंने बाजार में विविध ब्रांड में उपलब्ध डॉल्बी विजन तकनीक पर भरोसा करते हुए, डॉल्बी विजन युक्त टीवी में से एक खरीद ही लिया. और घर में कुछ विशिष्ट सेटिंग की सहायता से जब मैंने टीवी के डिस्प्ले को ऑप्टीमाइज कर लिया तो मेरे मुंह से बेसाख्ता निकला – वाह! डॉल्बी विजन, वाह! अब तो कोई सड़ियल फिल्म या टीवी सीरियल देखने में भी मजा आने लगा – दृश्य और रंग जीवंत, और अधिक जीवंत जो हो चुके. और तब मुझे लगा कि अच्छा ही हुआ जो मेरा पुराना टीवी खराब हो गया, और मुझे इस नई तकनीक की टीवी देखने का मौका मिला नहीं तो दो-चार साल और मैं इस तकनीक का आनंद उठाने से महरूम रह जाता. आपका टीवी भी यदि पुराना हो रहा हो, और बदलना चाह रहे हों, तो इस तकनीक वाले टीवी के बारे में एक बार जरूर विचार करें. आपके हर पसंदीदा ब्रांड में ये मिल जाएंगे.
टीवी और सिनेमा के अलावा, डॉल्बी विजन पिछले कुछ समय से कुछ प्रीमियम स्मार्टफ़ोनों में भी उपलब्ध है. सबसे पहले एलजी जी 6 स्मार्टफ़ोन (एलजी ने अब स्मार्टफ़ोन बनाने बंद कर दिए हैं, मगर टीवी निर्माण व डिस्प्ले तकनीक में बाजार में इसकी धाक है) में इस तकनीक को पेश किया गया था, और अब तो मिडरेंज के फ़ोनों में भी इसे पेश किया जा रहा है. तो यदि आप अपना स्मार्टफ़ोन निकट भविष्य में अपग्रेड करना चाह रहे हैं तो इस तकनीक वाले स्मार्टफ़ोनों पर एक नजर जरूर डालें.
विशेष टीप –
डॉल्बी विजन का आपका अपना अनुभव कमतर हो सकता है, या बेकार हो सकता है. मामला टीवी की सेटिंग (टीवी या स्ट्रीमिंग उपकरण की क्षमता), स्ट्रीमिंग सेवा और उसकी गुणवत्ता आदि पर निर्भर करती है. इसलिए, निम्न बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक है –
1 – डॉल्बी विजन समर्थित टीवी के साथ देखें कि उसमें AI अपस्केलिंग में डॉल्बी विजन है, या केवल 4K अपस्केलिंग है. यदि नहीं तो आपको डॉल्बी विजन टीवी के साथ-साथ ऐसा स्ट्रीमिंग डिवाइस भी लेना होगा जिसमें डॉल्बी विजन अपस्केल की सुविधा है – जैसे कि नवीनतम एपल टीवी 4K, अमेजन फायर क्यूब 4K या रोकू अल्ट्रा (ध्यान दें कि रोकू डिवाइसेज भारत में समर्थित नहीं हैं, ये अमरीका, कनाडा व कुछ पश्चिमी देशों के लिए जियोग्राफिकली लॉक्ड हैं). मेरे टीवी में सामान्य AI अपस्केलिंग की सुविधा तो है, परंतु डॉल्बी विजन अपस्केलिंग सुविधा नहीं है, केवल डॉल्बी विजन सुविधा है, तो मुझे यह स्ट्रीमिंग डिवाइस लेना पड़ा. साथ ही कुछ विशिष्ट सेटिंग चालू करनी पड़ी जैसे कि HDR सब सेंपलिंग 4.2.0 से 4.2.2 करना पड़ा और HDR हमेशा चालू मोड में रखना पड़ा जो कि डिफ़ॉल्ट में नहीं थे.
2 – सामान्य यूट्यूब (बेहतर अनुभव के लिए यूट्यूब प्रीमियम सेवा का उपयोग करें जिसमें एनहैंस्ड बिटरेट की सुविधा है, हालांकि डॉल्बी विजन कंटेंट यूट्यूब में अभी उपलब्ध नहीं है) वीडियो आदि को ये समर्थित स्ट्रीमिंग डिवाइस, अपस्केल कर डॉल्बी विजन में चलाते तो हैं, और अनुभव सामान्य से बेहतर तो होता ही है, मगर असली आनंद तब आता है जब आप वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं जैसे कि नेफ़्लिक्स, अमेजन प्राइम, डिज़्नी आदि की प्रीमियम प्लान (बेसिक प्लान में डॉल्बी विजन नहीं मिलता, केवल HD क्वालिटी ही मिलती है) लेते हैं, जिसमें भले ही सभी नहीं, परंतु आजकल के प्रायः सभी नई फ़िल्में व टीवी सीरियल आदि डॉल्बी विजन फ़ॉर्मेट में उपलब्ध होते हैं. ट्रू डॉल्बी विजन में जारी फ़िल्मों को डॉल्बी विजन टीवी में देखना एक अलग ही, उच्च स्तरीय अनुभव होता है.
3 – टीवी दर्शन में दृश्य के साथ श्रव्य माध्यम भी जुड़ा रहता है, इसलिए, दिए गए किसी भी टीवी के साउंड सिस्टम में भरोसा न करते हुए, एक अदद, डॉल्बी एटमॉस और डॉल्बी विजन समर्थित 5.1 या 7.1 एवी रिसीवर सिस्टम में इनवेस्ट जरूर करें (सही, थिएट्रिकल सराउंड साउंड के लिए साउंड बार जैसी फेल टेक्नोलॉजी में भरोसा न करें). फिर देखें डॉल्बी विजन का आनंद द्विगुणित होता हुआ.
नई जानकारी के लिए धन्यवाद
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