आ पने बहुत जगह डॉल्बी एटमॉस का नाम सुना होगा. आम लोगों के मन में पहली बार यह शब्द तब अधिक दिलचस्पी जगा गया जब इस साल आईपीएल के लाइव टीवी स्ट...
आपने बहुत जगह डॉल्बी एटमॉस का नाम सुना होगा. आम लोगों के मन में पहली बार यह शब्द तब अधिक दिलचस्पी जगा गया जब इस साल आईपीएल के लाइव टीवी स्ट्रीमिंग के लिए जियो सिनेमा ने घोषणा की कि वो प्रसारण सर्वथा नए और उन्नत तकनीक, 4 के वीडियो और डॉल्बी एटमॉस ऑडियो में करेगा. जब आप आईपीएल की स्ट्रीमिंग में विकल्प देखते हैं तो वहाँ ऑडियो के लिए स्टीरियो और डॉल्बी एटमॉस का विकल्प (यह विकल्प यदि आपका टीवी तथा स्ट्रीमिंग उपकरण अत्याधुनिक व संगत न हो तो उपलब्ध नहीं भी हो सकता है) पाते हैं. तो, लोग पूछते पाए गए – यह डॉल्बी एटमॉस आखिर है क्या बला? दरअसल, यह ऑडियो उपकरणों में ध्वनि उत्पन्न करने की एक नई तकनीक है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में ध्वनि उत्पन्न करने की पहली-पहल तकनीक थी – एक स्पीकर सिस्टम वाली मोनो ऑडियो. फिर आई दो स्पीकर सिस्टम वाली, बहु-प्रचलित स्टीरियो ऑडियो. उसके बाद आया बहु स्पीकर सिस्टम वाला मल्टीचैनल ऑडियो. और, अब आया है, कई कदम आगे – चहुँओर स्पीकर सिस्टम वाला डॉल्बी एटमॉस ऑडियो का जमाना.
बहुत संभव है कि किसी मल्टी स्क्रीन सिनेमा में किसी विशेष फ़िल्म में डीटीएस अथवा डॉल्बी एटमॉस ध्वनि को आपने महसूस भी किया होगा. डॉल्बी एटमॉस वह तकनीक है जिसमें ध्वनि हमारे चहुँओर से, 360 डिग्री में निकलती प्रतीत होती है. ठीक उसी तरह जैसे यदि आप बरसात में बाहर खड़े हों तो पानी गिरने की ध्वनि आपके चारों ओर से– यहाँ तक कि आपके सिर के ऊपर से भी आती प्रतीत होती है. आपने यह भी देखा होगा कि इसके लिए मूवी थिएटर में बहुत सारे स्पीकर लगाए गए होते हैं. कुछ सामने, कुछ दाएँ बाएँ, कुछ ऊपर और कुछ पीछे की ओर. तो, यदि आईपीएल को आप डॉल्बी एटमॉस में देखेंगे तो ऐसा लगेगा कि गौतम गंभीर आपके पीछे से चिल्लाते हुए चले आ रहे हैं, और विराट कोहली सामने से आवाज लगा रहे हैं. कुछ समय पहले तक यह सुविधा बड़े सिनेमाघरों में ही, प्रीमियम कीमत में उपलब्ध थी, परंतु उन्नत तकनीक ने यह शानदार सुविधा हमारे घरों तक भी, बेहद वाजिब दामों में उपलब्ध करवा दी है. बस, थोड़ी सी अतिरिक्त जानकारी और सुविधा की जरूरत है.
नए जमाने के कुछ खास मोबाइल फ़ोनों, टीवी, साउंड बार तथा एवी साउंड सिस्टम के विज्ञापनों में भी इस नई तकनीक - डॉल्बी एटमॉस के बारे में बताया जाता है कि यह उन्नत तकनीक इसमें उपलब्ध है. परंतु केवल इस बात से कि यह तकनीक इनमें उपलब्ध है, आप झांसे में न आएँ. यदि आपको सचमुच डॉल्बी एटमॉस का अनुभव लेना है, तो आपके पास कुछ न्यूनतम आवश्यक चीजें होनी चाहिए. अन्यथा आपके लिए यह तकनीक केवल झुनझुना ही सिद्ध होगी.
मोबाइल फ़ोनों में डॉल्बी एटमॉस
आइए, पहले बात करते हैं मोबाइल फ़ोनों की. कुछ उन्नत व फ्लैगशिप मोबाइल फ़ोनों में डॉल्बी एटमॉस साउंड सिस्टम की सुविधा उपलब्ध है. मगर यह आपके लिए तब तक व्यर्थ है जब तक कि आपके पास डॉल्बी एटमॉस सुनाने वाला उन्नत ईयरफ़ोन – मसलन एपल ईयरपॉड 2 या ईयरपॉड प्रो या सोनी 360 रियल्टी ऑडियो वाले हेडफोन न हों. साथ ही गीत-संगीत भी डॉल्बी एटमॉस में उपलब्ध न हो. अभी वर्तमान में, भारत में केवल एपल म्यूजिक में, 99 रुपए की मासिक सब्सक्रिप्शन पर डॉल्बी एटमॉस में कुछ ही संगीत उपलब्ध हैं – जिनमें बॉलीवुड के थोड़े-बहुत संगीत भी शामिल हैं. बाकी का सारा संगीत केवल स्टीरियो में ही उपलब्ध है. तो यदि आप मोबाइल में गीत-संगीत डॉल्बी एटमॉस में सुनना चाहेंगे, तो निराशा ही हाथ लगेगी. हालांकि पुराने गीत-संगीत के संग्रह को अपस्केल कर डॉल्बी एटमॉस में परिवर्तित कर उपलब्ध कराया जा रहा है, और तमाम नए संगीत डॉल्बी एटमॉस की लोकप्रियता के कारण इस उन्नत फ़ॉर्मेट में भी जारी किए जा रहे हैं, फिर भी, हमारे उपयोग लायक गीत संगीत का संग्रह इस तकनीक में आने में समय लगेगा.
यहाँ पर आपके हार्डवेयर में संगतता भी जरूरी है. जैसे कि एपल के डॉल्बी एटमॉस (एपल इसे स्पेशिअल ऑडियो कहता है,) संगीत के लिए यदि आप एपल आईफ़ोन और एपल ईयरपॉड 2 उपयोग करते हैं तो ही आपको डॉल्बी एटमॉस संगीत बढ़िया और परिपूर्ण सुनाई देगा. इतना कि जब आप अपना सिर दाएँ-बाएँ घुमाएंगे तो इसके हेड ट्रैकिंग सिस्टम से बजता हुआ गीत संगीत भी इस तरह घूमेगा जैसे कि आप कंसर्ट के बीच खड़े होकर घूम रहे हों, मगर यदि कोई भी एक हार्डवेयर असंगत हुआ – जैसे कि आपने अपने एंड्रायड मोबाइल से एपल डॉल्बी एटमॉस संगीत चलाया तो अव्वल तो यह स्टीरियो मोड में चलेगा, ऊपर से हेड ट्रैकिंग जैसी सुविधा उपलब्ध भी नहीं होगी. यदि आप यूट्यूब म्यूजिक, गाना, जियो-सावन या स्पॉटीफ़ाई म्यूजिक सुनते हैं, तो डॉल्बी एटमॉस वैसे भी आपके लिए नहीं है, क्योंकि यह तकनीक उनमें अभी नहीं जुड़ी है.
टीवी और ऑडियो में डॉल्बी एटमॉस
ठीक यही बात टीवी और ऑडियो सिस्टम में लागू होती है, मगर यहाँ थोड़ा सा ध्यान रखें तो बात बन सकती है क्योंकि गीत-संगीत के उलट, सिनेमा और वीडियो में ढेरों सामग्री डॉल्बी एटमॉस ध्वनि की सुविधा युक्त उपलब्ध हैं, और, आईपीएल तो है ही, जिससे आप अपने घर को सिनेमा-घर की तरह उन्नत ध्वनि से सज़ा सकते हैं और स्टेडियम में होने जैसे एहसास से आईपीएल का मजा घर में ले सकते हैं. साथ ही, डॉल्बी एटमॉस समर्थित हार्डवेयरों की कमी नहीं है. परंतु, यहाँ भी आपको कुछ मूलभूत चीजें चाहिए ही होंगी -
1 – आधुनिक टीवी जिसमें डॉल्बी एटमॉस ध्वनि की सुविधा (ध्यान दीजिए – स्पीकर सिस्टम नहीं, बल्कि डॉल्बी एटमॉस को प्रोसेस करने की पॉवर) हो साथ ही / अथवा एक अतिरिक्त एचडीएमआई 2.1 की ऑडियो रिटर्न चैनल – ARC की सुविधा हो,
2 – आपके पास डॉल्बी एटमॉस ध्वनि समर्थित, एचडीएमआई 2.1 इनपुट सुविधा युक्त आधुनिक 5.1 ऑडियो सिस्टम हो.
3 – डॉल्बी एटमॉस कंटेंट के लिए प्रीमियम स्ट्रीमिंग डिवाइस व स्ट्रीमिंग सुविधा हो – जैसे कि नेटफ्लिक्स प्रीमियम. नेटफ्लिक्स बेसिक में यह सुविधा नहीं मिलती है, साथ ही सामान्य डीटीएच में आईपीएल देखेंगे तो वहाँ आपको डॉल्बी एटमॉस का विकल्प नहीं मिलेगा. डॉल्बी एटमॉस में आईपीएल देखने के लिए विशिष्ट डॉल्बी एटमॉस समर्थित स्ट्रीमिंग उपकरण चाहिए होंगे जैसे कि अमेजन फ़ायर टीवी मैक्स 4K अथवा अमेजन फ़ायर टीवी क्यूब या एप्पल टीवी 4K. डॉल्बी एटमॉस समर्थित टीवी सेटों के अंतर्निर्मित एंड्रायड टीवी में भी यह सुविधा मिल सकती है.
बहुत सारे नए टीवी सेट और साउंडबार अंतर्निर्मित डॉल्बी एटमॉस मल्टी-स्पीकर सिस्टम के साथ आ रहे हैं. इनमें तकनीक अंतर्निर्मित है, सुविधा भी समर्थित है, मगर वास्तविकता में नहीं. डॉल्बी एटमॉस – 360 डिग्री रियलिटी ऑडियो के सही अनुभव के लिए स्पीकर सिस्टम को आपके कमरे में चारों ओर, आगे पीछे और ऊपर नीचे व्यवस्थित होना ही चाहिए. बढ़िया स्थिति में 7.1 स्पीकर सिस्टम सही होता है जिसमें एक बीच का स्पीकर, दो सामने के दाएं-बाएं स्पीकर, दो पीछे के सराउंड स्पीकर, दो ऊपर स्थित स्पीकर और एक वूफर शामिल होता है. 5.1 स्पीकर सिस्टम भी चल सकता है जिसमें दो ऊपर के स्पीकर को हटा सकते हैं. इससे कम में वास्तविक डॉल्बी एटमॉस का अनुभव मिलना असंभव है – यह बात ध्यान में रखनी चाहिए. कुछ कंपनियाँ उन्नत सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल कर वर्चुअल ध्वनि प्रभाव पैदा कर आभासी डॉल्बी एटमॉस प्रस्तुत करने का दावा करती हैं, मगर एक तरह से वो खयाली पुलाव ही होता है. हाँ, इन सबके बीच, इन उपकरणों में सही सेटिंग भी जरूरी है.
तो, जरा चेक कीजिए कि आपकी टीवी और ऑडियो सिस्टम में डॉल्बी एटमॉस है या नहीं. यदि है तो सही तरीके से 7.1 या 5.1 स्पीकर सिस्टम से कनेक्टेड और सेट है या नहीं और यदि नहीं है तो क्या यह सही समय नहीं है अपने टीवी और ऑडियो सिस्टम को अपग्रेड करने का?
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