123...20331 / 2033 POSTS
Homeव्यंग्यछींटें और बौछारें

साहित्य का अगला नोबल पुरस्कार आपके इस ख़ाकसार को!

SHARE:

हर साल, साल दर साल जब भी विविध विषयों – क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा होती है तो आप भी मेरी तरह बड़े ध्यान से पुरस्कार विजेताओं...

ट्विटर, फ़ेसबुक पर आप किस तरह से खांसते छींकते हैं?
व्यंग्य जुगलबंदी - पुनर्धर्मभीरूभव:
क्या कभी आप भी गाय की सवारी करना चाहेंगे...?

nobel bribary1

हर साल, साल दर साल जब भी विविध विषयों – क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा होती है तो आप भी मेरी तरह बड़े ध्यान से पुरस्कार विजेताओं के बारे में और उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में पढ़ते तो होंगे ही. पर, क्या आपको पता है कि आप भी अगर ढंग से कोशिश करते होते तो शायद अब तक आपको भी एक नोबेल पुरस्कार साहित्य (या, आप किसी अन्य क्षेत्र में माहिर हैं, तो उसमें,) के क्षेत्र में मिल चुका होता?

मैंने साहित्य के क्षेत्र में कोई तीर नहीं मारे हैं. मेरे सड़ियल व्यंग्य और अड़ियल व्यंज़ल (जिसे ग़ज़ल नहीं माना गया, तो मैंने एक नया ही नाम दे दिया - ) की ले देकर एक-एक किताब प्रकाशित हुई है – वो भी ऑन डिमांड प्रिंट पर, और जिसकी डिमांड मेरे अलावा किसी और ने अब तक नहीं की है. थोड़े मोड़े तकनीकी आलेख मैंने लिखे हैं, जो ज्यादातर पब्लिक के सिर के ऊपर से निकल गए, और जो कचरा अनुवाद मैंने किए, उनसे, पाठकों का कहना है कि मैंने अर्थ का अनर्थ कर डाला है. तो, यदि मैं अपने इन कार्यों की बिना पर मैं नोबल पुरस्कार पाने के सपने देखने लगूं तो लोग मुझे पूरा का पूरा पागल समझने लगेंगे. परंतु नहीं. मैं अब यह सपना देखने की जुर्रत कर सकता हूं. पूरे होशो हवास में!

दरअसल, मैंने नोबल पुरस्कार के लिए सपने ही नहीं देखे थे अब तक. बकौल पाउलो कोएलो, अगर मैं ये सपना देखता होता, तो संसार की तमाम शक्तियाँ मुझे ये पुरस्कार दिलाने षडयंत्र करने लगतीं. इस लिहाज से अब तक तो मुझे ये पुरस्कार कब का मिल चुका होता. मैं मूरख अ-स्वप्नदर्शी!

इस समाचार ने मेरे मन में जबरदस्त आशा जगाई है. नोबल पुरस्कार कमेटी को भी रिश्वत देकर नोबल पुरस्कार खरीदा जा सकता है. मैंने अब यह सपना देख लिया है. विश्व की तमाम भ्रष्ट और रिश्वत-खोर शक्तियाँ मुझे मेरा सपना पूरा करवाने प्रयत्नशील हो गई हैं. अगले वर्ष का साहित्य का नोबल पुरस्कार मेरे नाम पर होगा. अखबारों के शीर्षकों पर निगाहें जमाए रहिए और मुझे बधाई संदेश देने / स्वागत-अभिनंदन समारोहों-जलसों में निमंत्रित करने की तैयारियों में जुट जाइए. आमीन!

COMMENTS

BLOGGER: 17
  1. रवि जी आपका तकनीकी लेखन नोबल पुरस्कार का मोहताज नही। हालांेिक रिश्वतबाजी जरूर एक उम्मीद की किरण दिखाई देती है, इस पुरस्कार के लिये।

    जवाब दें हटाएं
  2. रिश्वत का आप जानो, हमें तो सदा से लगता आया अहि कि कुछ और कारक भी काम करते है. गाँधी को नहीं, अराफात को नोबेल मिलना क्या दर्शाता? ऐसा ही कुछ सिस्टर टेरेसा के साथ है...

    जवाब दें हटाएं
  3. बहुत ही बढ़िया

    -------------------------
    http://prajapativinay.blogspot.com/

    जवाब दें हटाएं
  4. हा हा... उम्मीद मत छोडिये... दिल्ली दूर नहीं है...मस्के में बहुत दम होता है..

    वैसे पुरुस्कार बहुत भरमाते हैं.. तडफ़ाते हैं और सही शब्दों में गले पड जाते हैं... जिसका भार सम्भालना बहुत भारी पडता है

    जवाब दें हटाएं
  5. अग्रिम बधाई। हमें विश्वास है आप अपने लक्ष्य में सफल होंगे!

    जवाब दें हटाएं
  6. रवि जी संघर्ष करो हम आपके साथ हैं ।

    जवाब दें हटाएं
  7. मेरी अग्रिम बधाई स्वीकारें !

    जवाब दें हटाएं
  8. इकलौती पुस्तक बिकेगी, तब ना पैसे जुटाओगे, रिश्वत के लिए?

    जवाब दें हटाएं
  9. बेनामी12:13 am

    नोबेल पुरस्कार मिल जाए तो अपने अनुभव को ब्लॉग पर छापना मत भूलिएगा ताकि उसके अगले वाला अपन को नसीब हो!

    जवाब दें हटाएं
  10. बेनामी7:04 am

    शुभकामनायें हैं। इनाम मिल के रहेगा।

    जवाब दें हटाएं
  11. रवि जी, सबसे पहले आप मेरी और से बधाई स्वीकार करें। और मुझे पूरा भरोसा ही नहीं पक्का यकीन भी था की एक दिन आप ये पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
    मैंने पहले दिन ही ये जान लिया था की आप में (आप ही में) वो प्रतिभा है जो इस देश को नोबेल दिला सकती है, और मुझे पूरा भरोसा इस बात का भी है की एक दिन आप ओस्कर भी जीतेंगे। वैसे मैं आपकी रचनाओं पर एक फ़िल्म बनाना चाहता हूँ। और मुझे पूरा भरोसा है की आप ज़रूर इस प्रपोसल को स्वीकार करेंगे। जल्द ही मैं कुछ संगठनों के तत्वावधान में आपका सम्मान समारोह आयोजित करवाना चाहता हूँ। कुछ शिक्षण संस्थाओं में आपके अतिथि प्रवचन (गेस्ट लेक्चर) भी आयोजित करवाना चाहता हूँ। और मैं चाहता हूँ की आप साहित्य का ही नहीं विज्ञान का, शान्ति का, कला का और वो सारे नोबेल जो होते हैं और वो सारे नोबेल जो नहीं होते हैं वो भी जीत कर,..... माफ़ कीजियेगा जीत कर नहीं स्वीकार कर इस समाज का, पूरी मानव जाती का कल्याण करें, कृतार्थ करें ।
    नोट: नियम व शर्तें लागू (ये सब तब के लिए है जब आप नोबेल जीत लें, वरना मैं अपने शब्द वापस लेता हूँ।)

    जवाब दें हटाएं
  12. रवि जी, हमें भी चाहिए.. कुछ जुगाड़ भिराइये ना..

    जवाब दें हटाएं
  13. कोई इन्टरनेट पिटीसन-विटीसन लगाई है क्या? सुना है आजकल कोई भी काम कराने के लिए १००,००१ हस्ताक्षर वाली याचिका इन्टरनेट पर डालने का फैशन है.

    जवाब दें हटाएं
  14. बहुत बधाईयां मिल गयीं आपको.
    मैनें तो सपने में देखा कि आप नोबेल फ़ाउण्डेशन में पुरस्कार प्राप्त कर अपना अभिभाषण पढ़ रहे हैं.
    राम करें ऐसा हो जाये.
    नोबेल तो पक्का मिल जाये.

    जवाब दें हटाएं
  15. MAIN TO AAPKE SAATH HOON, AAPKO AWASHYA VOTE DOONGA, LEKIN EK SHART HAI AGLI DAFA AAP MERI JUGAAD KARENGE

    जवाब दें हटाएं
  16. ravi ji,aapne kiya to mazak per itna jaan lijiye,janhit me kaam karna kisibhee nobel se kahin jyada nobel kaam hai.keep it up bandhu, we are with you.
    Nobel or no nobel we love you alot, thats all.
    yours dr.bhoopendra
    9425898136

    जवाब दें हटाएं
  17. ravi ji,aapne kiya to mazak per itna jaan lijiye,janhit me kaam karna kisibhee nobel se kahin jyada nobel kaam hai.keep it up bandhu, we are with you.
    Nobel or no nobel we love you alot, thats all.
    yours dr.bhoopendra
    9425898136

    जवाब दें हटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: साहित्य का अगला नोबल पुरस्कार आपके इस ख़ाकसार को!
साहित्य का अगला नोबल पुरस्कार आपके इस ख़ाकसार को!
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7KHX7fD-8zCBQvI8EdeFmv_RAmfDrTSfiCDlvi5RlUyTMi9NkN16u6XPOqeZ2vYqodR83p1WXcLs8rSoZ0RFZ96RBhrkk1klNaie4Kv51Er-tuVsQ6NTIKGIYkbBonKUEnTph/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7KHX7fD-8zCBQvI8EdeFmv_RAmfDrTSfiCDlvi5RlUyTMi9NkN16u6XPOqeZ2vYqodR83p1WXcLs8rSoZ0RFZ96RBhrkk1klNaie4Kv51Er-tuVsQ6NTIKGIYkbBonKUEnTph/s72-c/?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2008/12/blog-post_22.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2008/12/blog-post_22.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content