गाँव - देहात से आया हिंदी में ब्राउज़रः डांगीसॉफ़्ट आई - ब्राउज़र ++ कौन कहता है कि आसमान में सूराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर त...
गाँव-देहात से आया हिंदी में ब्राउज़रः डांगीसॉफ़्ट आई-ब्राउज़र++
कौन कहता है कि आसमान में सूराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों. मध्य प्रदेश के एक छोटे से कस्बे, गंज बसौदा के रहने वाले जगदीप सिंग डांगी ने कम्प्यूटर जगत के आसमान पर वो पत्थर उछाला है, जिसके फलस्वरूप प्रकाश की जो किरणें फूट रही हैं, वे भारतीय कम्प्यूटर उपयोक्तताओं के कार्य के माहौल को आने वाले दिनों में न सिर्फ खासा प्रभावित करेंगी, आम ग्रामीण जन तक कम्प्यूटरों तथा जालघर की पहुँच को अति आसान भी बनाएँगी. और ग़ज़ब बात यह है कि एक साधारण से किसान के बेटे जगदीप भले ही थोड़े से फ़िजीकली चैलेन्ज्ड हैं, परन्तु मानसिक रूप से बिलकुल नहीं. उनके सभी सहपाठी इंजीनियर बंधु तक यह स्वीकार करते हैं कि जहाँ वे विभिन्न एमएनसीज् में अपना भविष्य बनाने में लगे हैं, निपट देहात में जन्मे-जमे जगदीप निःस्वार्थ भाव से जन-कल्याण के सॉफ़्टवेयर विकसित करने में लगे हैं. उनका सपना है हिंदी में आपरेटिंग सिस्टम तैयार करने का.
जगदीप ने गंज बसौदा जैसे छोटे से जगह में रहते हुए ही तीन वर्षों के अथक परिश्रम से हिंदी भाषा इंटरफेस युक्त एक वेब ब्राउज़र तथा हिंदी के कुछ अन्य अनुप्रयोग – हिंदी वर्तनी जाँचक, डिज़िटल शब्दकोश, हिंदी सरल संपादक इत्यादि बनाए हैं. हिंदी वेब ब्राउजर – डांगी सॉफ़्ट आई-ब्राउज़र++ का संपूर्ण इंटरफेस हिंदी भाषा में है. इसके अलावा इसमें अन्य खूबियाँ भी हैं. उदाहरण के लिए, यह इंटरनेट एक्सप्लोर के शक्तिशाली इंजन से तो चलता है, पर इसमें अन्य खूबियाँ भी हैं जो इंटरनेट एक्सप्लोरर में उपलब्ध नहीं हैं जैसे कि अँग्रेज़ी तथा हिंदी के अलग-अलग सर्च बार तथा स्वचालित हिस्ट्री प्रदर्शक. इस वेब ब्राउज़र में उपयोक्ता को हिंदी शब्द रूपांतरण की सुविधा तो मिलती ही है, 20320 शब्दों का शब्दकोश भी इसमें अंतर्निर्मित है, जिसकी सहायता से उपयोक्ता को अँग्रेज़ी भाषा के जालपृष्ठों को हिंदी में समझने में सहायता मिलती है. अँग्रेज़ी शब्दों के अर्थ के साथ-साथ उनके उच्चारण भी दिए गए हैं. साथ ही हिंदी के समानार्थी शब्दों को देकर इसे और भी समृद्ध बनाया गया है. यही नहीं, इसका शब्दकोश परिवर्तनीय, परिवर्धनीय भी है जिसे उपयोक्ता अपने अतिरिक्त शब्दों को सम्मिलित कर और भी समृद्ध बना सकता है. हिंदी ब्राउज़र के वर्ड ट्रांसलेटर की मज़ेदार खूबी यह है कि यह दोनों दिशाओं में कार्य करता है यानी हिंदी से अँग्रेज़ी तथा अँग्रेज़ी से हिंदी. इसका उपयोग आप स्थानीय रूप से आई-ब्राउज़र के भीतर तो कर ही सकते हैं, वैश्विक रूप से विंडोज के अन्य किसी भी अनुप्रयोगों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है. अगर आपको हिंदी टाइप करने में दिक्कत आती है, तो जगदीप ने उसका भी इंतजाम कर रखा है. इस हेतु वे ऑन स्क्रीन हिंदी कुंजी पटल प्रस्तुत करते हैं जिसकी सहायता से माउस क्लिक करके किसी भी विंडोज़ अनुप्रयोग में हिंदी भाषा में टाइप किया जा सकता है.
आई-ब्राउज़र++ विंडोज 9x से ऊपर के सभी संस्करणों पर चल सकता है.
आई-ब्राउज़र++ के हिंदी अनुप्रयोग उपयोग में आसान हैं. उदाहरण के लिए, ब्राउज़र के भीतर ही किसी भी अँग्रेज़ी / हिंदी के शब्दों को दायाँ क्लिक करने पर यह उसका उपलब्ध अर्थ, उच्चारण सहित तत्काल प्रदर्शित करता है. यह ब्राउज़र पारंपरिक हिंदी उपयोक्ताओं के लिए बहुत काम का है चूँकि यह फ़ॉन्ट एनकोडिंग के द्वारा कार्य करता है, अतः आप अपने एचटीएमएल / पाठ दस्तावेज़ों में इसके हिंदी सर्च फ़ील्ड में हिंदी शब्दों के आधार पर ही शब्दों को ढूंढ/बदल सकते हैं. यह लगभग सभी प्रकार के हिंदी फ़ॉन्ट्स जैसे कि नई दुनिया, शुशा, आकृति इत्यादि पर कार्य कर सकता है. हालाँकि आई-ब्राउज़र हिंदी में है परंतु यूनिकोड हिंदी में कार्य कर सकने की उपलब्धता विंडोज़ 2000 या विंडोज़ एक्सपी में ही उपलब्ध हो सकेगी. इस ब्राउज़र की एक खामी यह भी है विजुअल बेसिक की सहायता से बना होने के कारण वर्तमान में यह सिर्फ विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध है. लिनक्स तथा अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए नहीं. जगदीप ने इस सॉफ़्टवेयर को अभी आम उपयोग के लिए जारी नहीं किया है. वे इसे जारी करने हेतु उचित प्लेटफॉर्म की तलाश में हैं ताकि उनका प्रयास अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके तथा कम्प्यूटरों का प्रयोग अँग्रेज़ी नहीं जानने वाले हिंदी भाषी भी आसानी से कर सकें.
धनय हैं डांगी जी, और धनय हैं आप | ऐसी करमठता देख के अपनी समसयाऍ ओछी लगने लगीँ |
हटाएंकहाँ मिलेगा?
हटाएंकुठे मिलेळ?
कुत्र प्राप्यते? (यह ग़लत हो सकता है)
डांगी जी से एक बार पूछ लें कि यह कहाँ मिल सकता है.
हटाएंरवि
Excellent work.
हटाएंsee a free demo version ( for 95/98 OS ) at:
http://tdil.mit.gov.in/download/anuvaadak.htm
http://tdil.mit.gov.in/download/shabdakosh.htm
http://tdil.mit.gov.in/download/ibrowser.htm
Jai Hind Jai Hindi
sanjaysingh_dangi@epatra.com
- Sanjay
WELL DONE JAGDEEP, KEEP IT UP.
हटाएंI AM PRAYING FOR YOU AND ABOUT YOUR WORK.
SUNIL JOSEPH
आज सात साल बाद स्थिति बदली है लेकिन इन्हीं जैसों का तो योगदान है…
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