tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post6111801503190470429..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: हिन्दी में व्यावसायिक चिट्ठाकारिता - अमित अग्रवाल की नज़र सेरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-53459195099794039222007-02-27T19:46:00.000+05:302007-02-27T19:46:00.000+05:30रवि भाईअमित जी को पढ़ना हमेशा की तरह खास ही होता है...रवि भाई<BR/><BR/>अमित जी को पढ़ना हमेशा की तरह खास ही होता है और इस बार और ज्यादा क्योंकि हिन्दी ब्लागिंग पर कुछ बोले.<BR/><BR/>इस ब्लाग पर भी नज़र डालें- हमारा जिक्र भी अंग्रजी माध्यम से उन लोगों के बीच जा रहा है. मुझे लगता है, इस तरह से भी कुछ विस्तार होगा.<BR/><BR/>http://onepowerfulword.blogspot.com/2007/02/list-blogging-glam-lies-and-no-life.htmlUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-10393909428068477962007-02-27T14:45:00.000+05:302007-02-27T14:45:00.000+05:30मैंने अमित अग्रवाल जी से अनुरोध किया था कि वे इस ब...मैंने अमित अग्रवाल जी से अनुरोध किया था कि वे इस बारे में कुछ लिखें। फिर मुझे लगा कि शायद मेरी ईमेल स्पैम वगैरा में चली गई या इग्नोर कर दी गई। लेकिन उन्होंने इस बारे में लिखने का समय निकाला। उनका धन्यवाद तथा इस बारे में सूचना देने के लिए आपका भी धन्यवाद !ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.com