tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post5329013483296984967..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: कड़वे आचरण?रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-34876394459152505652010-09-30T01:46:25.317+05:302010-09-30T01:46:25.317+05:30प्रणाम
कुछ समझ में नहीं आया , खैर आज ही ब्लागों क...प्रणाम<br />कुछ समझ में नहीं आया , खैर आज ही ब्लागों की दुनिया में<br />आया हूँ । सर्वप्रथम आपका कोटि कोटि ध्न्यवाद क्योंकि <br />मैने आपके ब्लाग प्रेरणा ली, आशीर्वाद दें, ये मेरा अधिकार है।उपेन्द्र कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05621129471646419145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-61508039531370675632010-09-29T19:35:28.777+05:302010-09-29T19:35:28.777+05:30अधिक जानकारियॉं कष्टदायक होती हैं। नासमझ अधिक सुख...अधिक जानकारियॉं कष्टदायक होती हैं। नासमझ अधिक सुखी रहते हैं। कडवा कहनेवाले, कडवा सुनने को तैयार नहीं होते।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-21918554806809945612010-09-29T13:51:54.838+05:302010-09-29T13:51:54.838+05:30पर उपदेश कुशल बहुतेरे....पर उपदेश कुशल बहुतेरे....संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.com