tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post486397922206663472..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: क्या आप भी फ़ेसबुक से दुःखी हैं?रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-52414108792967373732012-08-29T10:58:43.934+05:302012-08-29T10:58:43.934+05:30यशवन्त जी, सूचना के लिए धन्यवाद.यशवन्त जी, सूचना के लिए धन्यवाद.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-42863713538165443302012-08-29T08:45:51.780+05:302012-08-29T08:45:51.780+05:30एक फर्जी ब्लॉग पर भी यह पोस्ट मौजूद है ,कृपया देखे...एक फर्जी ब्लॉग पर भी यह पोस्ट मौजूद है ,कृपया देखें-<br /><br />http://vivesoft.blogspot.in/2012/08/blog-post_1153.html<br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-43324432329247324662012-03-19T02:55:30.623+05:302012-03-19T02:55:30.623+05:30अच्छ हुआ जो हमने कभी फ़ेस बुक का झंझट नहीं पाला .व...अच्छ हुआ जो हमने कभी फ़ेस बुक का झंझट नहीं पाला .विभिन्न ब्लागों पर काफ़ी माल-मसाला मिल जाता है .और अपने ब्लाग पर टिप्पणी ?कुछ भूले-भटके लोग कभी-कभार दे जाते है -उसी में खुश !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-75036666325686583802012-01-26T17:51:44.372+05:302012-01-26T17:51:44.372+05:30मजेदार, घर घर की कहानी।मजेदार, घर घर की कहानी।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-6212374470583768902012-01-24T13:19:43.880+05:302012-01-24T13:19:43.880+05:30सदस्य "परिवार" बढ़ेगा तो परेशानी होगी ही,...सदस्य "परिवार" बढ़ेगा तो परेशानी होगी ही,धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-55004400113308893522012-01-24T13:08:39.588+05:302012-01-24T13:08:39.588+05:30हा हा हा! हम दुखी नहीं हैं। यह तो है ही काम फालतू ...हा हा हा! हम दुखी नहीं हैं। यह तो है ही काम फालतू लोगों का... मेरे जैसों का...चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-34949614980049142852012-01-24T12:44:32.887+05:302012-01-24T12:44:32.887+05:30बढि़या पोस्ट। फेसबुक पर मैनें भी एक कविता लिखी है...बढि़या पोस्ट। फेसबुक पर मैनें भी एक कविता लिखी है जिसे इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं। http://gmaurya.blogspot.com/2011/02/blog-post_23.htmlजीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-18715276960617246732012-01-24T08:07:02.912+05:302012-01-24T08:07:02.912+05:30लोग भी न जाने क्यों इसे इतना सीरियसली लिये ले रहे ...लोग भी न जाने क्यों इसे इतना सीरियसली लिये ले रहे हैं... सड़क पर चलते-चलते समय किसी को भी राम-राम कह देने भर का ये आज का तरीक़ा है फ़ेसबुक. इससे ज़्यादा कुछ भी नहीं.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-52362888401852095522012-01-24T07:29:20.987+05:302012-01-24T07:29:20.987+05:30आज मुझे जुकाम है, और मेरी नाक म्यूनिसिपल्टी के टों...<i>आज मुझे जुकाम है, और मेरी नाक म्यूनिसिपल्टी के टोंटी विहीन नल की तरह बह रही है.</i><br /><br />पर भी कोई लाइक/ टिप्पणी नहीं मिली तो फेसबुक किसी काम का नहीं<br /><br />:-)BS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-65027748941170190552012-01-24T02:29:13.119+05:302012-01-24T02:29:13.119+05:30फेसबुक माया है. सभी दुखी हैं. कोई छोड़ता नहीं :)फेसबुक माया है. सभी दुखी हैं. कोई छोड़ता नहीं :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-22012678176340146112012-01-24T00:25:16.086+05:302012-01-24T00:25:16.086+05:30किसी भी चीज की अति नुकसानदेह होती है।
आपकी इस प्...किसी भी चीज की अति नुकसानदेह होती है। <br /><br />आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2012/01/768.html" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट्स पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-61035168309883383332012-01-23T23:11:46.357+05:302012-01-23T23:11:46.357+05:30उम्मीद कर रहा हूँ आपका यह सब लिखा आपका बयान-ए-हकी...उम्मीद कर रहा हूँ आपका यह सब लिखा आपका बयान-ए-हकीकत नहीं होगा। लेकिन बदनसीबी से यदि ऐसा है तो आपकी सलाह (जो आपने मुझे ब्लॉग शुरु करते समय दी थी) आपकी ही नजर कर रहा हूँ - यह आपके लिए हे। अपना काम खतम करके इसकी ओर पीठ कर लीजिएगा। यदि आप इसके लिए हो गए तो गए काम से।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-10915081808910444972012-01-23T19:54:26.144+05:302012-01-23T19:54:26.144+05:30एक साल पहले एक मित्र के बहकावे में आकर मैंने अपना...एक साल पहले एक मित्र के बहकावे में आकर मैंने अपना फ़ेसबुक का खाता खोला था ।<br />बस एक ही मित्र था मेरा, वही जिसके कहने पर मैंने अपना खाता खोला था।<br />एक ही सप्ताह के बाद हमने अपना खाता बन्द कर दिया।<br />कारण : बस उस एक दोस्त की बेतुकी टिपणियाँ, उसके फ़ोटोस, वगैरह वगैरह जिससे हम बोर होने लगे थे।<br />हमने सोचा कि यदि केवल एक ही मित्र होने से मेरा यह हाल है तो आगे क्या होगा?<br /> <br />जिस दुख की आप बात कर रहे हैं उससे हम बच गये।<br />मेरे लिए ईमेल, कुछ याहू ग्रूप में सदस्यता और ब्लॉग जगत में भ्रमण और टिप्पणी काफ़ी है।<br />आजकल कोई दो दर्जन ब्लॉग पढता हूँ (हिन्दी और अँग्रेज़ी में) और सात याहू ग्रूपों में सदस्य हूँ।<br />अंतरजाल के लिए निर्धारित समय इसीमें कट जाता है।<br />कई ब्लॉग ऐसे हैं जो मैं पढता हूँ पर टिप्पणी के लिए समय नहीं मिलता।<br /><br />मुझे कोई फ़ेसबुक वेसबुक की आवश्यकता नहीं महसूस हुई।<br />हम ट्विट्टर से भी दूर रहे हैं।<br />किसी को क्या रुची हो सकती है, मेरी हर मिनट की गतिविधियों मे?<br />और न हमें रुची है औरों की हर मिनट या घंटे की गतिविधियों मे।<br />फ़ेसबुक / ट्विट्टर को दूर से सलाम।<br /><br />शुभकमानाएं<br />जी विश्वनाथG Vishwanathhttps://www.blogger.com/profile/13678760877531272232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-33670689424352111682012-01-23T14:49:00.434+05:302012-01-23T14:49:00.434+05:30संख्या बढ़ती है, आशायें बढ़ती हैं, क्या करें सब सं...संख्या बढ़ती है, आशायें बढ़ती हैं, क्या करें सब संतुष्ट न कर सकते हैं और न हो सकते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-17122196195970365042012-01-23T14:16:46.795+05:302012-01-23T14:16:46.795+05:30रवि जी, फेसबुक पर 5000 मित्र बनाने की क्या आवश्यकत...रवि जी, फेसबुक पर 5000 मित्र बनाने की क्या आवश्यकता है. आप 10-15 मित्रों से भी काम चला सकते है. मैंने अभी तक फेसबुक पर सिर्फ 16 मित्र बनाये है. और वो भी मेरे कॉलेज या स्कूल के मित्र है, इसमें दुखीः होने की कोई बात नहीं है. आप अपने सहपाठियो और जानने वालो को अपना मित्र बनाये. <br />और हाँ ये सरकार क्या सचमुच फेसबुक पर बैन लगा पायेगी. ऐसा शायद ना हो क्योंकि वो भी कभी कभी फेसबुक इस्तेमाल करती है.Anonymousnoreply@blogger.com