tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post4560641254303542674..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: अइयो रब्बा कभी निर्णायक न बनना.....रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-58603728114159952102008-01-14T08:31:00.000+05:302008-01-14T08:31:00.000+05:30Ravi jiaapki karyakshamata ko hamara naman .बहुत क...Ravi ji<BR/>aapki karyakshamata ko hamara naman .<BR/><BR/>बहुत कुछ पढकर जाना है ab देखना बाकी है!!!!!!!<BR/>देवी नागरानीDevi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-67712882600691302402008-01-14T01:14:00.000+05:302008-01-14T01:14:00.000+05:30रविदादा,हम भी आपको पढ़-पढ़ कर चिट्ठा लेखन में कूदे ह...रविदादा,हम भी आपको पढ़-पढ़ कर चिट्ठा लेखन में कूदे हैं देखते हैं कि क्या दे पाते हैं उस समाज को वापिस जिससे काफी कुछ पाया है । आप हमारे लिये अनुकरणीय हैं ,साधुवाद स्वीकारें ...डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-1277967157435625752008-01-13T17:52:00.000+05:302008-01-13T17:52:00.000+05:30देखिये जी आजकल सारे निर्णायक बेवकूफ हैं और आप तो व...देखिये जी आजकल सारे निर्णायक बेवकूफ हैं और आप तो विशेषकर ( संदर्भ : आपकी टिप्पणी :)) लेकिन हम आपको ऎसे जाने नहीं दे सकते. यदि आप गये तो हमारे निर्णायक विरोधी मोर्चे का क्या होगा.आप तो अभी आने वाले सौ सालों तक निर्णायक बने रहिये उसके बाद हमारे पोते पोती निरधारित करेंगे कि आपको निर्णायक बने रहना है या नहीं.कमसे कम आपके बहाने हम लोग राखी सावंत से तो मिल सकेंगे.<BR/><BR/>वैसे नयी खबर है कि आगे से हम झुमरी तलैया से ब्लॉगिंग करेंगे इसलिये आगे आने वाली प्रतियोगिताओं में हमारा भी नाम शामिल समझा जाय. <BR/><BR/>काकेश http://kakesh.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-75106150786127050392008-01-13T16:43:00.000+05:302008-01-13T16:43:00.000+05:30आपके सन्देश के लिये धन्यवाद। चलिये इस विवाद को यही...आपके सन्देश के लिये धन्यवाद। चलिये इस विवाद को यही समाप्त करते है और अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यो के लिये लगाते है। मै अपनी वो पोस्ट हटा देता हूँ ब्लाग से।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-6682565887875341562008-01-13T15:20:00.000+05:302008-01-13T15:20:00.000+05:30Rachana Ji,Thanks for your input. But, may I corre...Rachana Ji,<BR/><BR/>Thanks for your input. But, may I correct you - This is not first Hindi blog award! Hindi Blog awards had been given since 3-4 years.<BR/><BR/>Further, you may be correct in your perception, but, as judge, we are also right in our own.<BR/><BR/>Regards,<BR/>Raviरवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-56984066297454295222008-01-13T15:19:00.000+05:302008-01-13T15:19:00.000+05:30पंकज जी,आप इतना बेहतरीन काम कर रहे हैं और इसी वजह ...पंकज जी,<BR/>आप इतना बेहतरीन काम कर रहे हैं और इसी वजह से पुरस्कारों के संभावित विजेताओं में आपका नाम शुरू से अंत तक रहा. वैसे आपका काम किसी पुरस्कार का मोहताज नहीं है. आपकी एक एक प्रविष्टि उसके हर पाठक के लिए मूल्यवान धरोहर की तरह होती है और ये विश्वास रखिए कि कोई भी पुरस्कार आपके इन महान कार्यों में बाल बराबर भी इजाफ़ा नहीं कर सकता. आपसे आग्रह है कि आप अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-60359843031448707482008-01-13T13:28:00.000+05:302008-01-13T13:28:00.000+05:30रहिमन नीर पखान, बूड़ै पै सीझै नहीं ।तैसे मूरख ज्ञा...रहिमन नीर पखान, बूड़ै पै सीझै नहीं ।<BR/>तैसे मूरख ज्ञान, बूझै पै सूझै नहीं ।।<BR/>अर्थात मूर्खता और जड़ता में कोई अंतर नहीं। <BR/>आप तो बहते दरिया बने रहिये रविजी। मस्त रहिए। नेकी करिये, दरिया में डालते जाएँ। किसी को सफाई न दें। भूमिका में आपने साफ लिखा तो भी लोग यही समझ रहे हैं कि हमने प्रविष्टियां भेज कर सम्मान हासिल किया है.... <BR/>दर्दे-डिस्को जबर्दस्त है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-61715936368578908702008-01-13T13:22:00.000+05:302008-01-13T13:22:00.000+05:30रवि जी आप सही हो सकते है अपनी जगह। पर जो कुछ हुआ उ...रवि जी आप सही हो सकते है अपनी जगह। पर जो कुछ हुआ उससे मेरे करीब के कई ब्लागर आहत है। आपने देखा होगा कि बहुत से ब्लाग जगत से जा रहे है। मै भी विचार कर रहा हूँ कि सभी ब्लाग बन्द कर दूँ। जब मै ब्लाग की दुनिया मे आया तो आरम्भ के संजीव के माध्यम से आपके बारे मे पता चला। आप को हम लोग आदर्श मानते रहे पर इस बार आपने जो अपने मित्र की संस्था और मित्रो के लिये किया उससे मन उचट गया। मुझे लगता है कि यह बात उन लोगो को इसी रूप मे बताने की जरूरत है जो इस जगत मे नये आ रहे है। यह भी भारतीय साहित्यिक दुनिया की तरह गन्दी राजनीति भरी जगह है। हिन्दी ब्लाग जगत खूब बढे और आप पूजे जाये पर मेरा तो दम घुटता है अब यहाँ। मैने तो सम्मान के लिये आवेदन ही नही किया था। फिर आपने उसपर निर्णय दे दिया। यह कहाँ की शराफत है? आप अभी बुलन्दी पर है। आपकी इस पोस्ट से झलकता है यह। कभी तो आप जमीन पर आयेंगे। उसी दिन सीधी बात करेंगे।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-53362057677551272162008-01-13T11:40:00.000+05:302008-01-13T11:40:00.000+05:30Ravi ji I have posted this comment on saarthi repo...Ravi ji <BR/>I have posted this comment on saarthi reposting it here because a wrong precednce is being set <BR/><BR/>"Sir<BR/>You are a teacher your self . When ever you give marks to someone to declare results and if 3 people get equal marks do you give the award to one out of them because she is a woman ??<BR/> in case 3 people get equal marks then they all qualify for the award and it has to be distributed among all three . <BR/>all three will will be known as 3rd position holder <BR/>then why are you becoming a part of system that is setting a wrong precedence by giving award to one out of three because she is a woman. <BR/>such things in long run make people say that woman dont deserve awards they get it because they are woman.<BR/>i think you should have been the first person to guide the judges if they had faltered . <BR/>this is the first award that has come for blogger community and if a precedence will be set which is wrong then int he coming years we are going to all follow the wrong precedence <BR/>judges are right in judging but they can not select one among three when all three have equal marks. <BR/>in case they had to then they should not have shown the marks . <BR/>no one is questioning the intregrity of judges but they are also humans and they also can be corrected "Rachna Singhhttps://www.blogger.com/profile/15393385409836430390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-89234961972565737612008-01-13T08:17:00.000+05:302008-01-13T08:17:00.000+05:30अत्यंत खेद के साथ लिख रही हूं जी...(संभवतः रचना जी...अत्यंत खेद के साथ लिख रही हूं जी...(संभवतः रचना जी)<BR/>आपने इस बात पर ध्यान नहीं दिया - फर्स्ट एमंग इक्वल. और, लेडीज़ फर्स्ट!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-25444032550009670342008-01-13T08:15:00.000+05:302008-01-13T08:15:00.000+05:30पंकज - दर्द हिन्दुस्तानी जी - आपके हर प्रश्नों का ...पंकज - दर्द हिन्दुस्तानी जी - आपके हर प्रश्नों का जवाब हम देंगे. यकीन मानिए. हमने कांच की तरह साफ काम किया है. उसमें हर चीज पारदर्शी दिखाई देगी. पूछ के तो देखिए.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-56182760276585388282008-01-13T07:58:00.000+05:302008-01-13T07:58:00.000+05:30ये रह गया था......धम चिका धूम हुम हू हू ओ या या आआ...ये रह गया था......<BR/>धम चिका धूम हुम हू हू ओ या या आआआ...Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-55940111679297625072008-01-13T07:56:00.000+05:302008-01-13T07:56:00.000+05:30माफी क्यों मांगी आपने? क्या कोई गुनाह किया था? व...माफी क्यों मांगी आपने? क्या कोई गुनाह किया था? वैसे आपका गाना जोरदार है.सुन कर लगा.. <BR/>वान्ना क्रश देयर हैड <BR/>वान्ना फील देम सैड...<BR/>नेवर से सॉरी मैन<BR/>आलवेज़ बी ए सेलेक्टर मैनSanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-48797297874990348412008-01-13T06:46:00.000+05:302008-01-13T06:46:00.000+05:30अब टिप्पणी के लिए जो बचा है वही करता हूँ। आप को प्...अब टिप्पणी के लिए जो बचा है वही करता हूँ। आप को प्रणाम।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-72510297986676356902008-01-13T02:24:00.000+05:302008-01-13T02:24:00.000+05:30लगता है कि गुरु जी आप ने इसे दिल पे ले लिया है. ( ...लगता है कि गुरु जी आप ने इसे दिल पे ले लिया है. <BR/>( अब गाना होगा... दिल पे मत ले यार .. दिल पे मत ले .. धूम धूम ला ला चक दे चक दे , धूम धूम ला ला चक दे चक दे ,दिल पे मत ले ...)<BR/><BR/>मामला कुछ कुछ इमोशनलात्मक हो गया था अत: गाना डालना ज़रूरी था.<BR/><BR/>आप कोइ बकनर थोडी ना हैं कि आप पर उंगली उठेगी? कमाल है ...<BR/>( ऐसी प्रतियोगिताओं में निर्णायक सदैव मुश्किल में ही होता है, अत: पहले उन्हें ही बधाई दी जानी चाहिये,विजेताओं को बाद में)<BR/><BR/>( य़हां फिर एक गाना .. जाने भी दो यारो ....धूम धूम ला ला चक दे चक दे ,)डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/01678807832082770534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-69582159469259738682008-01-13T00:37:00.000+05:302008-01-13T00:37:00.000+05:30रवि जी मुझे तो इस प्रतियोगिता के बारे में भी आप की...रवि जी मुझे तो इस प्रतियोगिता के बारे में भी आप की पोस्ट से पता चल रहा है, ममता जी को बधाई। मैं आप को भी बहुत कम जानती हूं पर इस पोस्ट से ये तो पता चल रहा है कि आप का सेंस ओफ़ ह्युमर काफ़ी स्ट्रोंग है, गीत हमें सबसे बढ़िया लगा। मिथुन चक्रवर्ती नाच सकता है इस पर, मुबारकAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-39270332826402646352008-01-12T22:32:00.000+05:302008-01-12T22:32:00.000+05:30ले ग भईया टेंशन झिन ले । घर के सियानों ल कभू कभू स...ले ग भईया टेंशन झिन ले । घर के सियानों ल कभू कभू सुने ल लागथे, तैं हर तो हमार लटलटाए बिही के पेंड अस भाई लहस जा दुनियां हा तोर मीठ फल खा के बखानही त ओखरे मूह पिराही ।<BR/>संजीव<BR/><A HREF="http://aarambha.blogspot.com/2008/01/trilochan.html" REL="nofollow">त्रिलोचन : किवदन्ती पुरूष</A>36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-69095621448475185872008-01-12T22:27:00.000+05:302008-01-12T22:27:00.000+05:30रवि जी बाकी बातों को गोली मारिए पर जे गीत तो भोतई ...रवि जी बाकी बातों को गोली मारिए पर जे गीत तो भोतई सई हे । हम सोच रहे हैं कि बिना फिल्लम में आए ही इसे फिल्मफेयर के लिए नामांकित करवा दें । <BR/>भोत दर्द भरा गाना है । आंसू आ गये । बू हू हू । मुकेस जिंदा होते तो उनसे गवा लेते । अब हमई गा देंगे ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-4948241359212736912008-01-12T22:02:00.000+05:302008-01-12T22:02:00.000+05:30समझा जा सकता है कि किस पीड़ा मे आपने यह पोस्ट लिखी ...समझा जा सकता है कि किस पीड़ा मे आपने यह पोस्ट लिखी होगी पर इस डिस्को गीत को पढ़कर यह भी समझा जा सकता है कि आप अपनी बात को उतना महत्वपूर्ण नही जाहिर करना चाहते!<BR/>मुझे यही लगता है कि पुरस्कार उचित ही दिए गए हैं।<BR/>खैर!……कुछ तो लोग कहेंगे………लोगों का काम है कहना……।<BR/><BR/>मुन्ना भाई उवाच-- ए भिड़ू, गाना तो मस्त लिखेला है पन जब इसका विडियो शूट होएंगा तो उसमे तुमीच को डांस करना पड़ेंगा मामू। ;)Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-59487469290696581412008-01-12T21:31:00.000+05:302008-01-12T21:31:00.000+05:30" ममता जी को चार में से फर्स्ट एमंग इक्वल मान कर औ..." ममता जी को चार में से फर्स्ट एमंग इक्वल मान कर और डायस पर एक स्त्री ब्लॉगर को देखने की हम सभी निर्णायकों की अदम्य इच्छा ने उन्हें चुना तो हमने क्या कोई गुनाह किया " रवि रतलामी <BR/>"पुरुष-प्रधान समाज में स्त्रियों को तो प्रोत्साहन मिलना ही चाहिये " शास्त्री जी <BR/><BR/>अत्यंत खेद के साथ ये लिख रही हूँ <BR/>अगर ममता के ब्लोग का चुनाव इसलिये हुआ है की वह महिला है और उनको प्रोतासान मिलना चाहीये तो आप ने ये पुरूस्कार दे कर उनको सम्मान नहीं दिया है । आप केवल पुरुषो की महानता को दर्शा रहे है । मे समझती हूँ कि ममता का ब्लोग अपनी जगह पुरूस्कार योग्य है तो ही उसे पुरूस्कार दे , या ये कह कर दे की महिला ब्लॉगर को समानित कर रहे है । आपने पुरूस्कार की प्रतिश्दा को ये कह कर कम करदिया की महिला को मंच पर देखना आप का उद्शेय था । <BR/>ममता पुरुस्कार ले या ना ले ये उनका व्यक्तीगत निर्णय है पर आप ने उन्हें जिस कंडीशन की वज़ह से ये पुरूस्कार दिया है वो सरासर गलत हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-28277101265432254612008-01-12T21:26:00.000+05:302008-01-12T21:26:00.000+05:30वाह क्या शानदार गाना लिखा है.. एक एवार्ड तो आप को ...वाह क्या शानदार गाना लिखा है.. एक एवार्ड तो आप को इस गाने के लिए दिया जाना चाहिए! ही हॉ..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-45167497597297689062008-01-12T20:53:00.000+05:302008-01-12T20:53:00.000+05:30रवि जी, जब कल मैंने आपका 'एकालाप' पढा - जहाँ आपने ...रवि जी, <BR/>जब कल मैंने आपका 'एकालाप' पढा - जहाँ आपने चर्चा की 'पुरस्कारों और विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है' तो आपकी सोच की ऊंचाई का अनुमान हुआ। <BR/><BR/>अओर जब आज पढ - 'लोग तो ये भी कहेंगे कि एलीबी गढ़ रहा है साला!' तो आपके चिंतन की गहराई दिखी। <BR/><BR/>बन्धु मैं तजुर्बे और उम्र दोनों में बहुत छोटा हूँ। अतः विनीत होकर कहूँगा आगे बढ जाओ। 'न्यायाधीश की गद्दी' है ही कांटों की सेज। किसी एक पक्ष को तो रूठना ही है। पर आनंद इस बात में है कि आप स्वयं जानते हैं कि आपने स्वयं न्याय-प्रक्रिया में कोई कमी नहीं की। <BR/><BR/>विनीत <BR/>संजय गुलाटी मुसाफिरSanjay Gulati Musafirhttps://www.blogger.com/profile/16895238398380336879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-52914964882886197462008-01-12T20:32:00.000+05:302008-01-12T20:32:00.000+05:30डिस्को व्यंजल अच्छी लगी, आप तो अंग्रेजी में भी व्...डिस्को व्यंजल अच्छी लगी, आप तो अंग्रेजी में भी व्यंजल बढिया लिखते है।<BR/><BR/>रही विवाद की बात तो इक ही बात सही है<BR/><BR/>"नेकी कर और Recycle bin में डाल"नितिन | Nitin Vyashttps://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-38917457350477938532008-01-12T19:17:00.000+05:302008-01-12T19:17:00.000+05:30प्रिय रवि जी, चूंकि मैं सैकडों बार निर्णय दे चुका ...प्रिय रवि जी, <BR/>चूंकि मैं सैकडों बार निर्णय दे चुका हूं (एक अध्यापक का जीवन ही यह है) अत: मुझे लगा कि आप तीनों के प्रति लोगों का रूख सही नहीं है, एक तरफ से तो लोगों को प्रोत्साहित करो, पर दूसरी ओर कृतघ्न एवं तंग सोच के लोगों के जूते खाओ. अत: मुझे यह उचित लगा कि सामूहिक रूप से आप लोगों के निर्णय का अनुमोदन किया<BR/>जाये. <BR/><BR/>आपने दीपक भारतदीप से माफी मांगी, यह आपकी <BR/>महानता है. <BR/><BR/>अंग्रेजी में एक कहावत है:<BR/><BR/>To err is human (गलती करना मानव स्वभाव को प्रदर्शित करता है)<BR/>To forgive is to divine (माफ करना दिव्य स्वभाव को प्रदर्शित करता है)<BR/><BR/>मैं आज इसके साथ एक और वाक्य जोडना चाहता हूं:<BR/><BR/>To Ask forigiveness should be something <BR/>greater than that !! Surely not less than divine,<BR/>Specially when you have done no wrong. <BR/><BR/>(माफी मांगना भी दिव्य स्वभाव को प्रदर्शित करती है, खास कर जब किसी ने गलती नहीं की है लेकिन जब वह अमनचैन बनाये रखने के लिये झुक जाता है एवं माफी मांगता है).<BR/><BR/>आप लोगों ने हिन्दी चिट्ठाकारी एवं चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने के महान यत्न के लिये जो त्याग किया है, एवं जो व्यक्तिगत अपमान सहा है यह व्यर्थ नहीं जायगा.<BR/><BR/>एक समान नंबर चार चिट्ठाकारों को मिलने पर (जिन में से एक मै था), आप लोगों ने हम चारों में से ममता जी को पुरस्कार के लिये चुना. यह सही किया. पुरुष-प्रधान समाज में स्त्रियों को तो प्रोत्साहन मिलना ही चाहिये. दूसरी बात, ममताजी चिट्ठाजगत में मेरी छोटी बहन के समान हैं. घर में जब किसी कनिष्ठ व्यक्ति आदर होता है तो सभी ज्येष्ठ व्यक्तियों के लिये यह आदर की बात है. अत: समान नम्बर वाले चार चिट्ठाकरों में से ममता जी को चुनने के निर्णय का मैं खुले आम अनुमोदन करता हूँ.<BR/><BR/>इतना ही नहीं, कुछ थोडे से चिट्ठाकरों द्वारा आदरणीय निर्णायकों का जो अनादर किया जा रहा है उसके लिये मैं आप लोगों से माफी मांगता हूँ. यह भी याद दिलाना चाहता हूँ कि चंद लोगों की आवाज को को हिन्दी चिट्ठाजगत की आवान न समझा जाये.Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-63795510155450209812008-01-12T19:14:00.000+05:302008-01-12T19:14:00.000+05:30वाह क्या कहने। आपका भी जवाब नही। (पर प्रश्न है बहु...वाह क्या कहने। आपका भी जवाब नही। (पर प्रश्न है बहुत सारे)Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.com