tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post3480910311332808210..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: मुझे इन सामाजिक जाल स्थलों से बचाओ!रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-59007163702889666702008-08-12T18:43:00.000+05:302008-08-12T18:43:00.000+05:30आम समस्या है।बरसों से इससे झूझ रहा हूँ।ऐसे सन्देश ...आम समस्या है।<BR/>बरसों से इससे झूझ रहा हूँ।<BR/>ऐसे सन्देश मलते ही एक ही क्षण में उन्हें मिटा देता हूँ।<BR/>कभी किसी की धर्म सम्बन्धी सन्देश किसी और को अग्रेषित नहीं करता।<BR/>उन्हें पढ़ता भी नहीं।<BR/>रोज सौ से भी ज्यादा ई मेल मिलते हैं मुझे।<BR/>निकट सम्बन्धियों के सन्देश अपने आप चुने हुए फ़ोल्डरों में चले जाते हैं।<BR/>बाकी सब को फ़ुर्सत मिलने पर केवल सूची पर नज़र डालता हूँ और फ़िर एक साथ पूरे "इन बॉक्स" को मिटा देता हूँ।<BR/>कई दिनों से सोच रहा हूँ कि अपने लिए एक नया ई मेल आइ डी बनवा लूँ लेकिन अब तक निश्चय नहीं कर पाया। पुराना आई डी से इतना लगाव है कि उसे त्यागना आसान नहीं।G Vishwanathhttps://www.blogger.com/profile/13678760877531272232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-35098943901053806382008-08-02T10:39:00.000+05:302008-08-02T10:39:00.000+05:30बिल्कुल सही कहा आपने, ये दोस्तियाँ बस दिखावे की दो...बिल्कुल सही कहा आपने, ये दोस्तियाँ बस दिखावे की दोस्तियाँ होती हैं...वक्त की बर्बादी और कुछ नही, लेकिन युवाओं की इसी कमजोरी का फायदा ऐसी साइटों के बाज़ार को मिल रहा है..अब हमें समझ जन चाहिए की इसका सच क्या है?rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-11713575346052082512008-08-01T23:20:00.000+05:302008-08-01T23:20:00.000+05:30वाकई यार त्रस्त कर रखा है मित्रों ने ऐसे ऐसे मेल्स...वाकई यार त्रस्त कर रखा है मित्रों ने ऐसे ऐसे मेल्स भेज कर!<BR/>कोई समझाए इन सबको कि अपन सामाजिक नई असामाजिक हैं ;)Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-71890588944714450152008-08-01T23:05:00.000+05:302008-08-01T23:05:00.000+05:30रवि जी आप की कविता नहीं साथ में। उसके बिना तो मजा ...रवि जी आप की कविता नहीं साथ में। उसके बिना तो मजा ही नहीं न, प्लीज इस पोस्त के साथ अपनी कविता भी डालेंAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-90534915493727678202008-08-01T23:04:00.000+05:302008-08-01T23:04:00.000+05:30युनूस जी का मामला सिरियस लगता है। हमारा इन बॉक्स भ...युनूस जी का मामला सिरियस लगता है। हमारा इन बॉक्स भी कचरे का डिब्बा बना हुआ है, हमें भी नहीं पता कि लोगो को हमारा ई मेल कैसे मिल जाता है, म्युचुअल फ़ंड से ले कर सब सामाजिक साइटस के निमंत्रण…यहां तक तो ठीक। लेकिन कुछ लोग हमें जीवन का ज्ञान देना अपना धर्म समझते हैं इस लिए रोज हजारों की तादाद में प्रेरणादायी कहानियां, तस्वीरें, कोट्स, ठेलते रहते हैं ।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-70184286559551191752008-08-01T22:07:00.000+05:302008-08-01T22:07:00.000+05:30भगवान, जब इन दोनों भाई साहब को बचा लो तो थोड़ी कृपा...भगवान, <BR/>जब इन दोनों भाई साहब को बचा लो तो थोड़ी कृपा दृष्टि हम पर भी डाल देना.. हम भी सताये हुए हैं। लीजिये यह टिप्प्णी करते समय एक आमंत्रण और मिला हैसागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-18115742637464671342008-08-01T20:55:00.000+05:302008-08-01T20:55:00.000+05:30हुह! आराम से डीलीट करते जाईये, मै तो आराम से कर ले...हुह! आराम से डीलीट करते जाईये, मै तो आराम से कर लेती हूँ, समाजिक जो नही ठहरी :Pगरिमाhttps://www.blogger.com/profile/12713507798975161901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-77629161443396539282008-08-01T18:41:00.000+05:302008-08-01T18:41:00.000+05:30प्रतिष्ठा में हे भगवानचहुं ओर विराजमान विषय--बचाओ...प्रतिष्ठा में <BR/>हे भगवान<BR/>चहुं ओर विराजमान <BR/><BR/>विषय--बचाओ बचाओ बचाओ <BR/><BR/>महोदय <BR/>विनम्र निवेदन है कि मुझे कृपा करके निम्नांकित चीजों से बचा लें <BR/><BR/>1-सामाजिक जाल स्थलों से बचाओ ( कृपया रवि जी को भी बचा लो भगवान । वो हमारे गुरू जो हैं । चाहो तो पहले उन्हें बचा लो फिर मुझे बचाना ) <BR/>2- भगवान मुझे उन ई मेलों से भी बचाओ जिनमें ब्लॉगों पर नई कविताओं या नई पोस्टों की सूचना होती है । <BR/>3- हे भगवान मुझे उन ई मेलों से भी बचाओ जिनमें किसी की विरासत की सूचना होती है । लॉटरी में मिले पैसों को ले लेने का निमंत्रण्ा होता है । <BR/>4- आजकल ना जाने कहां कहां से मेरा ईमेल सार्वजनिक होता जा रहा है । कई बच्चे लिखते हैं कि वो गीतकार संगीतकार गायक अभिनेता आदि इत्यादि बनना चाहते हैं वो कहां जाएं । हे भगवान उन्हें सदबुद्धि दें । और इन बच्चों के मेलों से बचाएं । <BR/>5- हे भगवान उन लोगों के ईमेलों से भी बचाओ जो अपने मेल में ये लिखते हैं कि विविध भारती पर उनकी फरमाईशी चिट्ठियां शामिल नहीं होतीं । <BR/>6- हे भगवान पहले इतनों से बचा लो तो आगे की लिस्ट देते हैं <BR/><BR/>जै हो ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-5502565186727845312008-08-01T11:28:00.000+05:302008-08-01T11:28:00.000+05:30khuda bachaye samajik hone se.isliye maine kisi me...khuda bachaye samajik hone se.isliye maine kisi me nibandhan nahi karwaya.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-29913426574902134882008-08-01T11:11:00.000+05:302008-08-01T11:11:00.000+05:30सर जी......सही कह रहे हो.सर जी......सही कह रहे हो.डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-39116672271691076532008-08-01T10:26:00.000+05:302008-08-01T10:26:00.000+05:30सही कहा आपने, ऎसी ढेरों मेल रोज आती है, और भेजने व...सही कहा आपने, ऎसी ढेरों मेल रोज आती है, और भेजने वाले भी बेखबर है, जब एक मैने पुछा तो जबाब मिला क्या फर्क पड़ता है..Aadityahttps://www.blogger.com/profile/06913982721658997865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-68738225770319726432008-08-01T08:19:00.000+05:302008-08-01T08:19:00.000+05:30कंप्यूटर में एक की है - delete बस इसी का प्रयोग की...कंप्यूटर में एक की है - delete बस इसी का प्रयोग कीजिये। मैं यही करता हूं।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-32040880004943907862008-08-01T00:18:00.000+05:302008-08-01T00:18:00.000+05:30सार्थक लेखन,युवाओं पर इसका दुष्प्रभाव देखा जा सकता...सार्थक लेखन,<BR/>युवाओं पर इसका दुष्प्रभाव देखा जा सकता है ।डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-24140596149598406752008-07-31T23:14:00.000+05:302008-07-31T23:14:00.000+05:30मेरा मानना है कि इस तरह के निमंत्रण वाले इमेल आने ...मेरा मानना है कि इस तरह के निमंत्रण वाले इमेल आने से, जरिया बने हुए दोस्त, की विश्वसनीयता घटती है। अब उसने गलती की है तो सजा उसको भुगतनी ही चाहिए। <BR/><BR/>सीधा सीधा सा तरीका है, एक फिल्टर बनाओ, जो भी इमेल ऐसे स्थलों से आए, (या फिर कुछ शब्द सिलेक्ट करो), सीधे, इन बॉक्स को छोड़ते हुए, कूड़ेदान मे दम तोड़े। इन सबसे तो पार पा लेते है, लेकिन कई हिन्दी ब्लॉगर अपनी नयी रचना जब तक 50 लोगों को इमेल ना कर लें, चैन की सांस नही लेते। इनका भी इलाज ऐसा हो करो।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-21161871887115039242008-07-31T22:50:00.000+05:302008-07-31T22:50:00.000+05:30बच्चा, अपना कम्प्यूटर बन्द कर। कोई सामाजिकता नहीं ...बच्चा, अपना कम्प्यूटर बन्द कर। कोई सामाजिकता नहीं आयेगी तेरे पास। मस्त रह जा मौज कर। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com