tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post279051148734920359..comments2024-02-27T01:29:00.603+05:30Comments on छींटे और बौछारें: केंद्रीय हिंदी संस्थान की पत्रिका : गवेषणा में हिन्दी चिट्ठाकारी पर आलेखरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-24950450902703381752008-02-08T12:51:00.000+05:302008-02-08T12:51:00.000+05:30जब कूड़ा इतना बढ़िया हैतो बढ़िया कैसा होगा ?जब कूड़ा इतना बढ़िया है<BR/>तो बढ़िया कैसा होगा ?अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-19128912660175247772008-01-28T13:31:00.000+05:302008-01-28T13:31:00.000+05:30गवेषणा का आपका आलेख बढ़िया है...आप हमेशा काफी बढ़ि...गवेषणा का आपका आलेख बढ़िया है...आप हमेशा काफी बढ़िया लिखते हैं...मुझे भी अपने साथ यहां रखने के लिए शुक्रिया.राजेश रंजन / Rajesh Ranjanhttps://www.blogger.com/profile/15310463848810212552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-53728905885225899212008-01-23T10:48:00.000+05:302008-01-23T10:48:00.000+05:30शिकायत है, आप अपने ब्लॉग को कूड़ा श्रेणी में नहीं ड...शिकायत है, आप अपने ब्लॉग को कूड़ा श्रेणी में नहीं डाल सकते. हमारा चिट्ठा अधिकृत रूप से "कूड़ा" कहा चुका है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-76275829040754847222008-01-23T06:24:00.000+05:302008-01-23T06:24:00.000+05:30थोड़ा कूड़ा पिलीज़.. अपुन का कूड़ादान बहुत बड़ा है....थोड़ा कूड़ा पिलीज़.. अपुन का कूड़ादान बहुत बड़ा है. डालो.... डालो जितना मर्जी डालो....Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-804058239428635352008-01-23T00:20:00.000+05:302008-01-23T00:20:00.000+05:30गवेषणा का लेख बहुत बड़िया है। आप के कूड़े का रोज इंत...गवेषणा का लेख बहुत बड़िया है। आप के कूड़े का रोज इंतजार रहता है।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-2874503394359636222008-01-22T16:53:00.000+05:302008-01-22T16:53:00.000+05:30अब सेंटिया काहे रहे हो? टेंशन नही लेने का। ज्यादा ...अब सेंटिया काहे रहे हो? टेंशन नही लेने का। <BR/>ज्यादा भाव मत दिया करो, इन सब बातों को। कुछ लोगों को हल्ला मचाने की आदत होती है, आप चुप बैठोगे तब भी हल्ला मचाएंगे, जवाब दोगे, तब भी मीन मेख निकालेंगे। इसलिए मौज मे रहो, और हाँ ये अपना कूड़ा लगातार लिखते रहो, हमारे यहाँ रद्दी अच्छे भाव मे जाती है।(हीही...)Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-61965378350208753982008-01-22T15:09:00.000+05:302008-01-22T15:09:00.000+05:30गवेषणा के बढिया आलेख के लिए बधाई । क्षेत्रीय भाषाओ...गवेषणा के बढिया आलेख के लिए बधाई । क्षेत्रीय भाषाओं के ब्लाग http://www.chhattisgarhi.blogspot.com का यहां उल्लेख पाकर खुशी हुई कि मार्च 2006 में शुरू हुई और अप्रैल 2006 से असक्रिय ब्लागों का उल्लेख आपके द्वारा राष्ट्रीय स्तर के पत्रिकाओं में भी होता है । यह ब्लाग हमारे आदरणीय अग्रज जयप्रकाश मानस जी का है, हमें उन पर गर्व है पर इसके बाद स्वयं मानस जी नें एवं अन्य किसी भी छत्तीसगढिया नें इस भाषा के ब्लाग को निरंतर नहीं रखा ।<BR/>आप जैसे लेखकों एवं स्थापित व्यक्तियों के द्वारा भी ऐसा प्रयास या बढावा देने का कार्य भी नहीं किया गया, शायद यह आप लोगों की निजी एवं समय की कमी संबंधी मजबूरी हो पर छत्तीसगढ सदैव उपेक्षित रहकर भी दूसरों का सम्मान करता रहेगा ।36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7370482.post-38042916450912726332008-01-22T14:50:00.000+05:302008-01-22T14:50:00.000+05:30जी हममे तो सेर भर ह्यूमर है जी बल्कि कुछ तो कहते त...जी हममे तो सेर भर ह्यूमर है जी बल्कि कुछ तो कहते तुममें तो सैंस ही नही है नॉन सैंस. खैर....कभी हमारे गंधाते कूड़े पर भी नजरें इनायत कर लें जी. :-)<BR/><BR/>लेख अच्छा है एक जगह 'सोचनीय' को 'शोचनीय' लिखा है जो शायद टाइपो है.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.com